12000 रुपए में शिक्षा विभाग को धोखा देने की गारंटी
-आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ खुलासा
-जीएसएम कॉलेज मैनेजमेंट ने दी 75 प्रतिशत अंकों की गारंटी -नियमों को ताक पर रखकर ले रहे हैं इंटर फेल स्टूडेंट्स का ले रहे हैं एडमिशन BAREILLY शिक्षा माफिया ने परीक्षा की गोपनीयता का मजाक बना दिया है। यूपी बोर्ड एग्जाम में पास कराने की गारंटी बेची जा रही है। फेल कैंडिडेटस को 75 फीसदी अंकों से पास कराने का दावा कर कई स्कूल संचालक कमाई कर रहे हैं। यहीं नहीं इन धांधली के स्कूल्स में नियमों को ताक पर रखकर इंटर में एडमिशन कर रहे हैं। आई नेक्स्ट ने एक शिकायत मिलने पर शहर में इंटर पास कराने की गारंटी बेच रहे एक एजुकेशनल इंस्टीटयूट का स्टिंग किया तो इस करतूत की हकीकत उजागर हुई।मंडे को आई नेक्स्ट टीम ने इंटर पास कराने का दावे की हकीकत जानने के लिए सुभाष नगर के पुरानी चांदमारी एरिया में स्थित जीएसएम कॉलेज का स्टिंग किया। प्रिंसिपल चैंबर में आई नेक्स्ट रिपोर्टर डमी कैंडिडेट लेकर पहुंचा और एडमिशन से लेकर पास कराने तक के दावे पर प्रिंसीपल शुभम द्विवेदी से हिडन कैमरे की मौजूदगी में सवाल-जवाब किए।
आप भी जानिए धोखे के इस खेल को किस कदर सही साबित कर काली कमाई में जुटा है यह कॉलेज प्रिंसिपल
सख्ती का खोखला डर भी दिखाता रहा: कॉलेज प्रिंसिपल ने अपनी बातचीत के बीच-बीच में सख्ती के दावे भी किए। कहा कि आजकर यूपी बोर्ड में सख्ती हो गई है। पहले तो हम जिसे चाहे उसे एडमिशन लेकर पास करा देते थे। अब रजिस्ट्रेशन तो कराना ही पड़ेगा, लेकिन फर्स्ट डिवीजन पास कराने की जिम्मेदारी हमारी है। धांधली का खर्चा भी जानिए- पहला खर्चा 4500 रुपए- जो स्टूडेंट फर्स्ट ईयर में एडमिशन लेगा उसे 4500 रुपए देने होंगे। इंटर पास कराने के 9000- इसके बाद इंटर में पास कराने की गारंटी के 9000 रुपए लगेंगे। -किसी अन्य स्कूल से इंटर में फेल हैं, तो यहां आएई और 12000 रुपए में पास आई नेक्स्ट टीम को उसने इसे सुनहरा ऑफर बताकर 10 रुपए का एडमिशन फार्म भी बेचा। एडमिशन सीजन में धोखे का धंधाहैरत की बात तो यह है कि शिक्षा माफिया धड़ल्ले से यह खेल कर रहे है और शिक्षा विभाग सो रहा है.पिछले बोर्ड एग्जाम में भी इस फर्जीवाडे के आसार नजर आए तो बरेली में डीआईओएस ने परीक्षा केन्द्रों की आकस्मिक चैकिंग कर बोर्ड एग्जाम 2016 में एक हजार से अधिक स्टूडेंट्स बिना रजिस्ट्रेशन एग्जाम देते पकड़े थे। तत्कालीन डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने इसे पास कराने का बड़ा खेल बताया था।
नियम-कायदे जेब में होने का दावा नियम के मुताबिक 10वीं पास स्टूडेंट 11वीं में जहां एडमिशन लेता है,वहीं से उसे 12वीं कक्षा इंटर की पढाई करनी होती है। इसके लिए बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन नंबर की व्यवस्था की है। लेकर इस स्कूल के प्रिंसिपल को तो इस नियम की कोई चिंता ही नहीं। कहता है, नियम कायदे तो बनते ही तोड़ने के लिए है, आप फीस की रकम लेकर आईए सब सैटिंग कर दूंगा। वर्जन बोर्ड एग्जाम में पास होने की गारंटी देना गैर कानूनी है। कोई भी स्कूल संचालक यह दावा कैसे कर सकता है? जांच कर कार्रवाई होगी। मुन्ने अली खां, डीआईओएस