देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एआई को कौशल विकास से जोडऩे के लिए स्किलिंग फ्रेमवर्क फॉर एआई तैयार हो गया है. इसके तहत आईटीआई पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजेज में हर स्तर पर बच्चों को एआई पढ़ाया जाएगा. क्लास 6 से 8 तक सात से आठ घंटे एआई की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी.

बरेली (ब्यूरो)। देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एआई को कौशल विकास से जोडऩे के लिए स्किलिंग फ्रेमवर्क फॉर एआई तैयार हो गया है। इसके तहत आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजेज में हर स्तर पर बच्चों को एआई पढ़ाया जाएगा। क्लास 6 से 8 तक सात से आठ घंटे एआई की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी। जो स्टूडेंट्स एआई विषय लेंगे, उन्हें क्लास नौ, 10, 11 और 12 के बच्चे क्लास के हिसाब से सेट किए गए घंटों तक पढ़ाई करनी होगी।

150 घंटे की ट्रेनिंग
ये फ्रेमवर्क नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने बनाया है। आईटीआई, नॉन-इंजीनियरिंग ग्र्रेजुएशन और नॉन आईटी इंजीनियरिंग के लिए 150 घंटे की एआई ट्रेनिंग रहेगी। इंजीनियरिंग के छात्रों को एआई इंजीनियर कहलाने के लिए अपनी पढ़ाई के दौरान एआई की 1200 घंटे की ट्रेनिंग पढ़ाई से गुजरना होगा।

स्टार्ट हुई ट्रेनिंग
बीते कुछ सालों के दौरान एक ओर जहां हर क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल बढऩे लगा। वहीं देश में स्कूल से लेकर आईटीआई, पॉलीटेक्निक, यूनीवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेज तक एआई को विभिन्न कोर्स में शामिल कर ट्रेनिंग दी जाने लगी है। इसके बावजूद एआई पेशेवरों की मांग और संख्या के बीच बड़ा गैप हो गया है इसलिए उसका मानकीकरण किया गया है। एक्सपर्ट के अनुसार अगले पांच वर्षों में एआई इंजीनियर्स की डिमांड अधिक बढ़ जाएगी। इससे दुनिया भर में लगभग सब को जॉब मिल सकेगा।

ये हैं कोर्स
कौशल विकास और उद्यामिता मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि फ्रेमवर्क में एआई के मॉड्यूल में स्पीच रिकॉग्निशन और नेचुरल लैंग्वेज प्रॉसेसिंग, रोबेटिक प्रॉसेस ऑटोमेशन, डेटा साइंस मशीन, लर्निग, वर्चुअल रियलिटी एवी आर्टिफिशल इंटरनेट ऑफ थिंग्स जेनरेटिव एआई, चैटबोट, एआई, एनालिटिक्स, ड्रोन, फ्रॉड डिटेक्शन और साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कंप्यूटर, क्वांटम कंप्यूटिंग को भी कोर्स का हिस्सा बनाया गया है। सबसे खास बात यह है कि बेसिक से मास्टरी लेवल तक हर स्तर पर एआई ट्रेनिंग में इथिक्स इन एआई को जोड़ा गया है। कोर्स का टाइम भी फिक्स किया गया है।

प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र पर आने वाले कैंडिडेट््स को एआई से रिलेटेड भी शिक्षा दी जाती है। फ्यूचर में एआई के जानकारों की डिमांड अधिक होगी। एआई शिक्षा से कैंडिडेट्स को लाभ मिलेगा।
देश दीपक, सेंटर इंचार्ज, महिंद्रा स्किल्स ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट

Posted By: Inextlive