महिलाओं में इनफर्टिलिटी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. ज्यादातर महिलाएं इसकी शकार हो रही हैैं. इसकी सबसे बड़ी वजह हमारा बदलता लाइफस्टाइल खानपान और सेडेंट्री वर्किंग क्वालिटी हाई स्ट्रेस लेवल आदि हैं. इसके चलते फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ रहा है. इसका असर न सिर्फ मानसिक विकास पर पड़ता है बल्कि शारीरिक हेल्थ पर भी इसका असर दिखता है.

बरेली (ब्यूरो)। महिलाओं में इनफर्टिलिटी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। ज्यादातर महिलाएं इसकी शकार हो रही हैैं। इसकी सबसे बड़ी वजह हमारा बदलता लाइफस्टाइल, खानपान और सेडेंट्री वर्किंग क्वालिटी, हाई स्ट्रेस लेवल आदि हैं। इसके चलते फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ रहा है। इसका असर न सिर्फ मानसिक विकास पर पड़ता है, बल्कि शारीरिक हेल्थ पर भी इसका असर दिखता है।

बिगड़ रहा लाइफस्टाइल
इनफर्टिलिटी इंडिया में एक टैबू की तरह फैल रहा है। महिलाओं के केस में इनफर्टिलिटी एक ऐसी कंडीशन है, जहां 12 मंथ के अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स के बाद भी फीमेल कंसीव नहीं कर पाती हैं। यह एक सीरियस कंडीशन है। महिलाओं में पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या भी बढ़ती जा रही है। ये सब रहन-सहन की वजह से होती हैं।

पीसीओएस भी बड़ी वजह
फीमेल में पीसीओएस एक बड़ी प्रॉब्लम हैै डॉक्टर्स के अनुसार पीसीओएस या पीसीओडी इनफर्टिलिटी को जेनरेट करता है। इस प्रॉब्लम से पीडि़त महिलाओं को अपनी लाइफ स्टाइल को हेल्दी तरह से बैलेंस करने की जरूरत होती है। महिलाओं में बात की जाए तो पीसीओएस की प्रॉब्लम 18 साल की उम्र से लेकर 45 साल तक की लेडीज झेल रही है। आयुर्वेद फॉर्मटेक ब्रेंड की एक स्टडी के अनुसार देश भर में 70 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस या इररेगुलर पीरिएड की प्रॉब्लम से जूझ रही है।

आउटर एक्टिविटीज हुईं कम
आजकल के लोगों की बात की जाए तो वे सब अपने फोन में ही लगे रहते हैैं। दिन का आधे से ज्यादा टाइम लोगों का फोन में ही बिता देता हैै। इसकी वजह से वे किसी भी तरह की आउटर एक्टिविटी नहीं करते हैैं। जैसे कि योग, एक्सरसाइज आदि जो बॉडी की इनर सिस्टम पर प्रभाव डालता है। बॉडी में कई तरह के चेंजेज आने लगते हैैं।

सहीं एज में प्लान करें बच्चा
एनएचएफ की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि वर्किंग वूमेन में इनफर्टिलिटी, नॉन वर्किंग वूमेन से काफी ज्यादा हैै। इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं। इसमें सबसे अहम है स्ट्रेस, वर्क प्रेशर और इररेगुलर लाइफ स्टाइल। लाइफ में हर कोई कॅरियर ओरिएंटिड हो रहा है, जो कि एक सही बात है, लेकिन इस वजह से महिलाएं कॅरियर बनाने की चाह में शादी से पीछे हटने लगी हैं। लेट मैरिज की वजह से भी महिलाओं में कंसीव करने में दिक्कत होने लगती है।

फूडिंग हैबिट है बुरी
जंक फूड हमारी लाइफ में का एक अहम हिस्सा बनते जा रहे हैैं। हर कोई घर के खाने के बजाए जंक फूड के सहारे ही जीवन काट रहा है। ये ही फूड हमारी बॉडी के इम्यून सिस्टम और अदर बॉडी पाट्र्स पर काफी असर डाल रहा है। डाइटीशियन ने बताया कि हमें अपनी डाइट में हेल्दी खाने को शामिल करना चाहिए। ऐसा करके ही हम हेल्दी रह सकते हैं।

डाइट में ये करें शामिल
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, मल्टीविटामिन, फोलेट से भरपूर खाने को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके साथ-साथ फल, सब्जियों का भी भरपूर इनटेक करना चाहिए। इससे स्पर्म क्वालिटी इंक्रीज होती है। इसके अलावा अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट का सेवन भी करना चाहिए, जो कि स्पर्म काउंट को कई गुना बढ़ सकते हैं। इस तरह के खाने का अपनी डाइट में शामिल करने से अधिक ओवुलेशन होता है। इसकी वजह से फ र्टिलिटी बेहतर हो सकती है।

इनसे बचें दूर होगी प्रॉब्लम
स्ट्रेस : ज्यादा स्ट्रेस शरीर में हार्मोनल बैलेंस बिगाड़ देता है। यह भी इंफर्टीलिटी की एक बड़ी वजह है। स्ट्रेस की वजह से बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन जैसे कि एड्रीनिलिन, कोर्टीसॉल रिलीज होता है, जो बॉडी के लिए एक्सट्रीमली हार्मफुल होता है। स्ट्रेस ज्यादा लेने की वजह से प्रोलेक्टिन का लेवल बढ़ जाता है। इसके चलते महिलाओं में ओव्यूलेशन रिस्ट्रीक हो जाता है और पुरुषों में कम लिबिडो का कारण बनता है।

स्मोकिंग : स्मोकिंग यह न सिर्फ कैंसर का खतरा बढ़ाता है, बल्कि यह इनफर्टिलिटी पैदा करने की एक बड़ी वजह है। इंडियन वूमेन वल्र्ड की सेकंड लार्जेस्ट स्मोकर्स में से एक है। ब्रिटिश मेडिकल जनरल ने वल्र्ड वाइड एक रिसर्च की तो उसमें यह बात सामने आई। सिगरेट स्मोकिंग में 4000 खतरनाक केमिकल्स होते हैं, जो बॉडी के लिए काफी नुकसानदायक होते हैैं। वूमेन में स्मोकिंग की वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस हो जाता है। स्मोकिंग पुरुषों और महिलाओं दोनों में इनफर्टिलिटी की वजह हो जाती है। स्मोकिंग करने से मेल्स में स्पर्म काउंट कम होने लगता है। वहीं स्मोक करने वाली फीमेल्स में एग्स की क्वालिटी पर असर पड़ता है। इससे मिसकैरिज का खतरा भी बढ़ता है

मोटापा : अनहेल्दी लाइफ स्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी न करना मोटापे का बढ़ावा देता है। ज्यादातर लोग इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं। मोटापे की वजह से बॉडी में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है।

फिल्म निर्देशक फराह खान भी र्थं इंफर्टिलिटी की शिकार
फराह खान ने हाल में एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि वे कम उम्र में ही काम को लेकर काफी सीरियस हो गई थी, जिसकी वजह से उन्होंने शादी, बच्चों के बारे में सोचा ही नहीं। उनके परिवार ने उन्हें ऐसा न करने के बारे में टोका तो उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। 2004 में 40 साल की उम्र में शादी के बाद 2008 में उन्होंने आईवीएफ के जरिए तीन बच्चों को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि वह टाइम उनके लिए काफी क्रूशियल था। इसके अलावा कई और भी फेमस सेलिब्रिटीज हैं, जिन्होंने चाइल्ड बर्थ के लिए आईवीएफ का सहारा लिया।


आईवीएफ बन रहा सहारा
उन लोगों के लिए जो कंसीविंग में स्ट्रगल कर रहे है, आईवीएफ एक सहारा बन रहा है। लोग आईवीएफ के लिए काफी जागरूक हो रहे हैैं। डॉ। श्रुति घाटे ने बताया कि आज कल इंफर्टिलिटी लोगों को काफी परेशान कर रही है। उन लोगों के लिए आईवीएफ एक अच्छा ऑपशन है।

आज-कल बिगड़ रहा लाइफस्टाइल ही उनमें इंफर्टीलिटी को बढ़ावा दे रहा है। लोगों को अपनी फूडिंग हैबिट्स में सुधार की जरूरत है। जंक फूड से बचना चाहिए। इसके अलावा हाइजीन भी मेंटेन करना चाहिए।
डॉ। हिमानी गोयल, गाइनाकोलॉजिस्ट

इंफर्टिलिटी की कई सारी वजह होती हैं। यह मेल और फीमेल दोनों में पाई जा रही हैै। लेट मैरिज, लाइफस्टाइल, कॅरियर आदि ऐसे में उनकी प्रेगनेंसी भी अफैक्टेड होती है। लोगों को काफी प्लानिंग के साथ लाइफ को प्लान करना चाहिए।
डॉ। श्रुति घाटे, एमबीबीएस, एमडी

Posted By: Inextlive