केरल से लौटे युवक को ङ्क्षहदू बनकर लड़कियों को फंसाने के लिए कहीं से फंङ्क्षडग की जा रही थी. आखिर वे इतना निडर होकर ऐसा काम कैसे कर रहे थे. लड़कियों को फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल करने का लक्ष्य मिलता था. यह तमाम तरह के सवाल हैं जो पुलिस और समाज के मन में चल रहे हैं. पुलिस ने सभी सवालों का जवाब ढूंढने के लिए आरोपितों के बैंक खातों की जानकारी निकलवाई है. क्योंकि पुलिस को भी शक है कि उन्हें कहीं से फंङ्क्षडग की जा रही थी.

बरेली (ब्यूरो)। केरल से लौटे युवक को ङ्क्षहदू बनकर लड़कियों को फंसाने के लिए कहीं से फंङ्क्षडग की जा रही थी। आखिर वे इतना निडर होकर ऐसा काम कैसे कर रहे थे। लड़कियों को फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल करने का लक्ष्य मिलता था। यह तमाम तरह के सवाल हैं जो पुलिस और समाज के मन में चल रहे हैं। पुलिस ने सभी सवालों का जवाब ढूंढने के लिए आरोपितों के बैंक खातों की जानकारी निकलवाई है। क्योंकि पुलिस को भी शक है कि उन्हें कहीं से फंङ्क्षडग की जा रही थी।

फोन को लैब भेजा
इज्जतनगर थाने में शुक्रवार को दो मुस्लिम युवकों नौशाद व अमान पर प्राथमिकी लिखी गई थी। जांच पड़ताल में पुलिस के सामने कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य आए जो दोनों को किसी संगठित गिरोह का सदस्य होने की ओर इशारा कर रहे हैं। उनके पास से आठ फर्जी आधार कार्ड मिले हैं। जिसमें अधिकांश आधार कार्ड ङ्क्षहदू नाम से बने हुए हैं। सभी में आरोपितों की ही फोटो लगी है, बस फर्क इतना है कि किसी में डाढ़ी के साथ फोटो है तो किसी में क्लीन सेव। इनमें से पांच फर्जी आधार कार्ड नौशाद के पास तो तीन आधार कार्ड अमान से बरामद हुए। दोनों के फोन से कई लड़कियों व महिलाओं की अश्लील चैट, अश्लील वीडियो काङ्क्षलग की स्क्रीन रिकार्डिंग समेत तमाम चीजें मिली हैं। पुलिस ने दोनों के फोन की विस्तृत जांच के लिए फारेंसिक भेज दिया है। बाकी उनके नंबरों का भी सीडीआर निकलवाया गया है। जिससे यह पता चले कि वह आखिर किस-किस के संपर्क में थे। पुलिस को यह भी आशंका है कि जिस तरह से आरोपित अपना प्रोफाइल बनाने का प्रयास करते थे और उनके संपर्क में जितनी लड़कियां मिली हैं उससे आशंका यह है कि आरोपितों को इसके लिए कहीं न कहीं से फंङ्क्षडग होती है। बैंक खातों की जानकारी से यह स्पष्ट हो जाएगा।

बल्क में भेजते हैं संदेश
पुलिस अधिकारियों की माने तो आरोपित जब भी मुंबई, केरल जैसे अलग-अलग स्थानों पर जाते हैं तो वहां इस चक्कर में फंस ही जाते हैं। ऐसे युवकों का लड़कियों को फंसाने का एक ही पैटर्न होता है। फर्जी फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि की आइडी से बल्क में कम से कम 100 लड़कियों को एक साथ संदेश भेजते हैं। इसमें से कम से कम 50-60 प्रतिशत लड़कियां रिप्लाई करती हैं तो बाकी नहीं भी करती। बात करने वाली में से कुछ लड़कियों से कम तो कुछ से ज्यादा बात होती है। कुल मिलाकर 100 में से कम से कम 10 लड़कियों को आरोपित फंसा ही लेते हैं। इसके बाद शुरू होता है उनका गंदा खेल। इसी खेल को खोलने के लिए पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है।

क्या था पूरा मामला
तीन दिन पहले कर्मचारी नगर चौकी के पास नौशाद व अमान दो ङ्क्षहदू लड़कियों से बात कर रहे थे। अचानक लड़कियों का उनसे झगड़ा हो गया तो वहां खड़े लोगों ने दोनों लडक़ों से उनका नाम पता पूछा। नौशाद ने अपना नाम राहुल जबकि, अमान ने अपना नाम सतीश बताया। शक होने पर दोनों के आधार कार्ड मांगे गए, मगर उन्होंने नहीं दिखाए। आरोपितों का मोबाइल खोलकर देखा तो उसमें मुस्लिम युवक नौशाद के नाम से इंस्टाग्राम आइडी बनी मिली। लोगों ने संदिग्ध लगने पर आरोपितों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस की तलाशी में नौशाद की जेब से पांच आधार कार्ड मिले। इसमें पहला सोनू के नाम से, दूसरा नौशाद, तीसरा अनश, चौथा अमन और पांचवां राहुल के नाम का मिला। इसी तरह अमान की जेब से तीन आधार कार्ड विक्की, विनीत व अमान के नाम से मिला। दोनों के फोन में कई इंस्टाग्राम आइडी, अश्लील चैट, अश्लील वीडियो काल की रिकार्डिंग समेत कई चीजें मिली हैं। इसके बाद पुलिस ने दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखने के बाद उन्हें जेल भेज दिया।


दोनों आरोपितों के खातों की जानकारी कराई जाएगी। देखा जाएगा कि उनके पास कहीं बाहर से तो रुपया नहीं आता था। इसके अलावा फोन को फारेंसिक जांच को भेजा गया है।
- अनुराग आर्य, एसएसपी.

Posted By: Inextlive