Bareilly: 56वीं ऑल इंडिया इंग्लिश टीचर्स कॉन्फ्रेंस का एनॉग्रेशन संडे को एसआरएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ. बीसीबी का डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश स्टडीज यह कॉन्फ्रेंस एसोसिएशन फॉर इंग्लिश स्टडीज ऑफ इंडिया के कोलेबोरेशन में ऑर्गनाइज करा रहा है. कॉन्फ्रेंस का टॉफिक इमर्जिंग ट्रेंड्स इन लिटरेचर इन इंग्लिश एंड लिटरेसी थ्योरीज रखा गया है. रेस्ट टू डेज के टेक्निकल सेशन बीसीबी ऑडिटोरियम में ऑर्गनाइज किए जाएंगे.

चेतन की novel पर ध्यान देने की जरूरत
प्रेसिडेंट ऑफ कान्फ्रेंस आईआईटी रुड़की के प्रो। पशुपति झा कम्युनल हार्मोनी थ्रू क्रिएटिविटी को डिस्कस करने के लिए चेतन भगत की नॉवेल थ्री मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ को चुना। उनका कहना है कि लिटरेचर को किसी दायरे में समेट देना उसकी पॉपुलेरिटी में ऑब्सटेकल है। हर साल चेतन भगत की नॉवेल्स की हजारों कॉपीज बिकती हैं लेकिन स्कॉलर-क्रिटिक्स के पास उनको एनालाइज करने का समय नहीं है। उनकी नजरों में वे लाइट नॉवेल्स हैं।

प्रो। झा का मानना है कि आने वाले समय में इन क्रिटिक्स को अपनी गलती का अहसास होगा और भगत के वर्क को भी क्लासरूम के स्टेटस के काबिल समझा जाएगा। फाइव प्वॉइंट समवन, वन नाइट एट द काल सेंटर, थ्री मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ या फिर टू स्टेट्स, भगत की हर नॉवेल में कम्युनल हारमोनी का अच्छा एग्जांपल मिलता है।
Paper presenter
कॉन्फ्रेंस में पेपर प्रेजेंट करने वालों का शहर में आना सैटरडे से ही शुरू हो गया था। इन लोगों के पेपर्स में काफी डाइवर्सिटी देखने को मिलती है। इसी से कॉन्फ्रेंस की फ्रूटफुलनेस का अंदाजा लगाया जा सकता है।

    गया से आईं डॉ। एमएन आहूजा ने 'लिटरेरी ट्रांसलेशन इन इंग्लिश एज एन इमर्जिंग ट्रेंड्सÓ पर पेपर तैयार किया। यह टॉपिक कॉन्फ्रेंस के टॉपिक से भी काफी हद तक कनेक्टेड है.लखनऊ से डॉ। श्रुति सिंह ने फेमिनिज्म पर काम किया है। उनके पेपर का टॉपिक 'सर्च फॉर एन आईडेंटिटीÓ है। इसमें उन्होंने स्पेशल वीमेंस आईडेंटिटी पर फोकस किया है.धनबाद से आईं डॉ। रजनी सिंह ने तो प्रो। पशुपति झा पर ही पेपर तैयार कर दिया। 'व्हेन पोएट्री बिकम्स प्रेयर- अ स्टडी ऑफ पशुपति झास पोएट्रीÓ टॉपिक पर बेस्ड पेपर में उन्होंने प्रो। पशुपति झा की पोएम्स के जरिए स्प्रिचुएलिटी को समझाने की कोशिश की है. दरभंगा से आए डॉ। प्रदीप कुमार झा ने 'पी लाल- एज ए क्रिटिकल इवैल्युएशनÓ टॉपिक पर पेपर तैयार किया है। इसमें उन्होंने पोएट पी लाल की पोएम्स को इवैल्युएट किया है.धनबाद से आईं सदफ जमाल ने 'वीमेन एज द अदर- अ स्टडी ऑफ शाउना सिंस बलविंस, व्हाट द बॉडी रिमेंबरÓ पर पेपर वर्क तैयार किया है.

Theatre से literature का विकास
प्रेसिडेंट ऑफ एसोसिएशन सिलिमन कॉलेज, येल यूनिवर्सिटी के फेलो प्रो। एस रामास्वामी ने आई नेक्स्ट से बातचीत में बताया कि अगर हम एक सिटिंग में एक प्ले देख सकते हैं तो एक सिटिंग में उसी प्ले को पढ़ क्यों नहीं सकते? जरूर पढ़ सकते हैें। बस जरूरत है उसे समझने की। थिएटर की जड़ें तो लिटरेचर में ही हैं। जो थिएटर को समझता है वह अच्छा प्लेराइटर हो सकता है। शेक्सपियर ने जितना अच्छा लिखा है उसे उतनी ही अच्छी तरह से पर्दे पर उतारा भी गया है। शेक्सपियर की पोएट्री उनके ड्रामे से जितनी अलग है उतनी ही सिमिलर भी है। उनका ड्रामा ड्रामेटिक पोएट्री है और उनकी सोनेट्स लिरिकल हंै। थिएटर भले ही प्योर लिटरेचर न हो लेकिन थिएटर के डेवलपमेंट में लिटरेचर का डेवलमेंट भी छिपा है।
कॉन्फ्रेंस का इनॉग्रेशन बीसीबी के मैनेजिंग सेक्रेट्री देव मूर्ति, प्रिंसिपल प्रो। आरपी सिंह और वीसी प्रो। सत्य पाल गौतम ने किया। इस मौके पर बीसीबी की इंग्लिश डिपार्टमेंट की इंचार्ज डॉ। पूर्णिमा अनिल, डॉ। चारू मेहरोत्रा, डॉ। पद्माकर पांडेय, प्रो। अनीसुल रहमान, डॉ। राजन शर्मा, डॉ। आईसी कश्यप, डॉ। पीके शर्मा, डॉ। वीके महेंद्र, डॉ। महेश शर्मा, डॉ। रवींद्र बंसल, डॉ। उमा व्यास, डॉ। संध्या मिश्रा, डॉ। डीके गुप्ता, डॉ। राजेंद्र सिंह, डॉ। बीनम सक्सेना, शिव शर्मा और डॉ। अगम दयाल मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive