बरेली ब्यूरो । भीषण गर्मी का असर इंसानों पर ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी पड़ रहा है. गर्मी के कारण पशुओं में जहां बीमारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ा है वहीं दुधारू पशुओं खासकर गाय और भैंस की दूध उत्पादन क्षमता पर भी असर पड़ रहा है. पशु चिकित्सकों ने पशुओं को गर्मी से बचाकर रखने की सलाह दी है.

बरेली (ब्यूरो)। भीषण गर्मी का असर इंसानों पर ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी पड़ रहा है। गर्मी के कारण पशुओं में जहां बीमारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ा है, वहीं दुधारू पशुओं खासकर गाय और भैंस की दूध उत्पादन क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। पशु चिकित्सकों ने पशुओं को गर्मी से बचाकर रखने की सलाह दी है। इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और तापमान 40 डिग्री के पार जा रहा है। ऐसे में पशुपालकों को अपने पशुओं पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। बढ़ती गर्मी में पशुओं की सही देखभाल न की जाए तो उनके बीमार होने का खतरा हो जाता है और दुग्ध उत्पादन में भी कमी आती है। डेयरी संचालक देव पटले ने बताया कि गर्मी में गाय व भैंस के दूध में कमी हुई है। पहले जो भैंस 10 किलो दूध दे रही थी वह घटकर छह किलों पर आ गई है।

हीट वेव से पशुओं को भी बचाएं

बढ़ते तापमान और हीट वेव का असार पशुओं पर भी तेजी से बढ़ रहा है। यह इनके प्रतिरक्षा तंत्र को प्रभावित करने के साथ ही शरीर में तनाव पैदा कर रहा है। तनाव को कम करने के लिए एंटी आक्सीडेंट क्षमता को बढ़ाना पढ़ रहा है। जिसमें खनिज की खपत अधिक होती है। एक रिसर्च के अनुसार आईवीआरआई के वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ते तापमान से लडऩे के लिए पशुओं को तीन गुना से अधिक मिनरल की जरूरत पड़ रही है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च आईसीएआर दिल्ली को भेजा है। जिसमें पशुओं के चारे में मिनरल की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी है। पशु पोषण विभाग के प्रधान वैज्ञानिक एकनाथ जाधव ने बताया कि हीट स्ट्रेस से लडऩे के लिए दुधारू पशुओं को जिंक, सेलेनियम कॉपर और मैगजीन की प्रचुर मात्रा की जरूरत होती है। अधिक गर्मी से पशुओं को तनाव बढ़ जाता है। इस स्थिति में कार्टिसोल हार्मोन का स्राव अधिक होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम पर पड़ता है। इससे लीवर भी प्रभावित होता है। इस कार दुधारू पशु दूध देना भी कम कर देते हैं। इसीलिए ऐसे मौसम में पशुओं को धूप और लू से बचाएं।

पशुओं में होने वाले प्रमुख रोग

इस मौसम में पशुओं को होने वाले प्रमुख रोगों में लू लगना व हांफने की बीमारी हैं। इसके अलावा पशु चेचक, कंठा, लंगड़ी आदि रोगों की चपेट में भी आ सकते हैं। साथ ही बरसात में पशुओं में मुंहपका और खुरपका की बीमारी भी आम है।

ये हैं लक्षण

हीट स्ट्रोक से पशु को तेज बुखार हो जाता है और पशु सुस्त होकर खाना पीना बंद कर देता है। पशु के सांस लेने की व नाड़ी की गति तेज हो जाती है। ध्यान न देने पर पशु की सांस लेने में परेशानी होने लगती है.पशु के अधिक हांफने पर भी ध्यान देना जरूरी है।

डॉगी का रखे ख्याल

अगर आप डॉगी घर पर रखते हैं तो उसे कार या बंद गाड़ी में न रखें। उसके लिए धूप और लू से बचाएं। तेज गर्मी में डॉगी को भी मानसिक तनाव होता है इससे ब्रेन की भी प्रॉब्लम हो सकती है। इसीलिए डॉगी का खास ख्याल रखें।

Posted By: Inextlive