-जरी समेत कई हैंडीक्राफ्ट कारीगरों की प्रॉब्लम को लेकर कलेक्ट्रेट में हुई वर्कशॉप

-अर्बन हाट में महीने के एक सप्ताह लगेगा क्राफ्ट मेला

BAREILLY: बरेली में जरी उद्योग, पतंग व अन्य हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेशनल डिजाइन का माल तैयार कराया जाएगा। यही नहीं बरेली में इंटरनेशनल वायर्स को भी बुलाया जाएगा। ट्यूजडे को डीएम की अध्यक्षता में मेगा क्लस्टर परियोजना के तहत हस्तशिल्पियों की प्रॉब्लम जानने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम ई, निदेशक हस्तकला बरेली और मंडल के संयुक्त आयुक्त उद्योग वाई.के सिंह समेत कई उद्योगपति व कारीगर मौजूद रहे।

चार लाख जरी कारीगर, लेकिन दो ही निर्यात करने वाले

वर्कशॉप में सामने आया कि बरेली में चार लाख जरी कारीगर हैं। इसका सालाना कारोबार करीब फ्00 करोड़ का है, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से सिर्फ दो लोग ही निर्यात करते हैं। कारीगरों के लिए डिजाइन एंव डेवलमेंट के साथ-साथ रॉ मैटेरियल बैंक की स्थापना करने की भी बात निकल कर आई। कारीगरों को नेशनल व इंटरनेशल लेवल की डिजाइनिंग की ट्रेनिंग दी जाए। डीएम ने कारीगरों की हेल्थ चेकअप कैंप लगाने की बात कही। डीएम ने कहा कि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अर्बन हाट में प्रत्येक माह एक सप्ताह तक क्राफ्ट मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी को कम चार्ज पर दुकानों उपलब्ध करायी जाएंगी।

दस कारीगरों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा अगरतला

वर्कशॉप में मांझा कारोबारियों व चाइनीज मांझा की बात उठी। वर्कशॉप में चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध लगाने और कारीगरों के बच्चों को शाम के वक्त क्लासेस चलाने की बात भी सामने आई। बेंत व बांस के कारोबार सहित फर्नीचर के कारोबार पर भी चर्चा की गई। डीएम ने बेंत व बांस के दस कारीगरों को अगरतला में ट्रेनिंग दिलाने की भी बात कही है।

Posted By: Inextlive