BAREILLY : दीपावली गिफ्ट के मैसेज को बिल्कुल करें इग्नोर
बरेली: योर अकाउंट हैज बीन क्रेडिटेड विद टू लैक्स रुपीज आपने जीता है दो लाख का कैश प्राइज, जी हां अगर आपके पास भी इस तरह का मैसेज आए तो अलर्ट हो जाएं.्र क्योंकि अब ठगों ने ठगी का पैटर्न बदल दिया है। वह बैंक की तरह ही अकाउंट में अमाउंट क्रेडिट होने का मैसेज सेंट करते हैं। शहर में इस तरह के कई केसेस सामने आ चुके हैं। इसके लिए साइबर पुलिस लगातार अवेयर भी कर रही है। साइबर क्राइम के अफसरों का कहना है कि कोई भी कंपनी की तरफ से आपको फ्री रिचार्ज का ऑफर या फिर कैश प्राइज फ्री में नहीं मिलता। इस तरह के मैसेज भेजने वाला कोई ठग ही हो सकता है।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
एंटीवायरस बनाने वाली फर्म मैकाफी ने अपनी एक ग्लोबल रिपोर्ट में बताया है कि औसतन हर एक भारतीय को एक दिन में 12 फेक मैसेज आते हैं। इन मैसेज का उद्देश्य यूजर्स के फोन से डाटा चुराना ओर उसके बैंक अकाउंट में सेंध लगना होता है। इसमें बताया गया कि इन मैसेज में 82 परसेंट मैसेज पर लोग क्लिक करते हैं, उनमें से कई लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। रिपोर्ट में बताया है कि फेक मैसेजेज में से 49 परसेंट में स्पेलिंग मिस्टेक देखी जा सकती है।
रिपोर्ट में बताया है कि सबसे अधिक क्लि यू वोन अ प्राइज, वाले मैसेज पर ही होते हैं। इस मैसेज पर 72 परसेंट लोग क्लिक कर देते हैं। इसके बाद 64 परसेंट क्लिक जॉब वाले मैसेज पर होते हैं। वहीं फेक बैंक अलर्ट वाले मेसेज पर 52 परसेंट लोग क्लिक कर देते हैं। करते हैं टाइम खराब
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारतीय एक सप्ताह में करीब 105 मिनट सिर्फ यह फैसला लेने में खर्च करते हैं कि उसके पास आया मैसेज फेक या नहीं। ये फेक मैसेज टेक्स्ट, ईमेल, या फिर सोशल मीडिया के जरिए यूजर्स के पास आते हैं। मैकाफी का सर्वे भारत समेत सात देशों के सात हजार लोगों पर किया गया है। इस दौरान यह सामने आया फेक मैसेज भेजने वालों का कि एआई पंसदीदा टूल बन गया है।
मौके का उठाते हैं लाभ
साइबर ठग किसी भी मौके को नहीं चूकते हैं। फेस्टिव सीजन में वह फ्री गिफ्ट, कैश प्राइज जीतने, फ्री रिचार्ज जैसे ऑफर देते हैं। साइबर ठग मौके के अनुसार ही ठगी करने के लिए एक्टिव हो जाते हैंं। ठगी का शिकार होने वालों में बड़ी संख्या उनकी होती है, जो या तो इसकी कंप्लेन्ट ही नहीं कराते हैं ,या उनकी कंप्लेन्ट पर कोई कार्रवाई ही नहीं हो पाती है।
किसी भी तरह के लालच और ऑफर में ना आएं
अनजान व्यक्ति से फोन पर बात न करें और उसके बहकावे में न आएं
फेसबुक अकाउंट ट्विटर अकाउंट आईडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखें
सोशल मीडिया पर आने वाले अंजान लिंक पर भूल कर भी क्लिक न करें। ऐसे लिंक्स को ओपन ही न करें
व्हाट्सएप पर अनजान लोगों के आने वाले कॉल को रिसीव करने से बचें
बैंकिंग से जुड़े किसी भी काम के लिए हमेशा सही वेबसाइट पर जाएं
हमेशा सही यूआरएल डालना चाहिए। जब भी किसी पेज पर अपना यूजर आईडी और पासवर्ड डालें तो यह ध्यान रहे कि उसका यूआरएल एचटीटीपीएस से शुरू होना चाहिए केस-1
आया टेक्स्ट मैसेज
योर अकाउंट हैज बीन क्रेडिटेड विद टू लैक्स, कुछ इसी तरह का टेक्स्ट मैसेज रीना शर्मा के मोबाइल पर आया। मैसेज को देखकर रीना को काफी खुशी हुई। उन्हें लगा कि गलती से किसी दूसरे के अकाउंट के रुपए उनके अकाउंट में ट्रांसफर हो गए हैं। मैसेज के लास्ट में एक लिंक भी दिया था, लेकिन उस पर उन्होंने क्लिक नहीं किया। इसके बाद उन्होंने बैंक पास बुक की एंट्री कराई तो उसमें ऐसा कुछ नहीं था। इसके बाद उन्हें एहसास हो गया कि यह मैसेज भेजने वाला कोई और नहीं बल्कि साइबर ठग ही है।
केस-2
फ्री रिचार्ज को लिंक पर क्लिक करें
व्हाट्सएप एक ग्रुप में मैसेज आया, जिस पर लिखा था कि जियो को पांच वर्ष पूरे होने पर आपको फ्री रिचार्ज दिया गया है। फ्री रिचार्ज पाने के लिए दिए लिंक पर क्लिक करें और फ्री रिचार्ज पाएं। इस मैसेज को देखकर हरिओम ने जैसे ही इसके लिंक पर क्लिक किया तो उसके अकाउंट से पांच हजार रुपए साइबर ठगों ने उड़ा दिए। जब हरिओम ने जियो के कस्टमर केयर पर कॉल किया तो पता चला कि उनकी तरफ से कोई फ्री ऑफर्स इस तरह का नहीं है।
केस-3
अकाउंट में दस हजार रुपए जमा हुए
योर अकाउंट हैज बीन क्रेडिटेड विद 10 थाउजेंड, यह टेक्स्ट मैसेज सुभाषनगर निवासी रंजीत के मोबाइल में आया। मैसेज देखकर उन्हें काफी खुशी हुई। जब अकाउंट चेक किया तो उसमें एक भी रुपए जमा नहीं हुआ था। टेक्स्ट मैसेज के नीचे एक लिंक भी दिया था। गनीमत रही रंजीत ने उस लिंक पर क्लिक नहीं किया और मैसेज को बाद में एक्सपर्ट को दिखाया तो पता चला कि मैसेज साइबर ठगी का है।
केस-4
लिंक पर क्लिक उड़ गए रुपए
आपने जीता है दो लाख रुपए का कैस, यह मैसेज आया शहर निवासी अरविंद के पास। मैसेज के नीचे एक लिंक दिया था। लिंक पर अरविंद ने जैसे ही क्लिक किया तो अरविंद के अकाउंट में जो दस हजार रुपए उड़ गए। अरविंद ने इसकी कंप्लेन्ट थाना पुलिस से भी की, पर जो रुपए अकांउट से कट गए थे, वह अभी तक नहीं रिटर्न हुए। अरविंद ने बताया कि अब वह किसी भी लिंक पर क्लिक करने की कभी नहीं सोचते हैं।
नीरज सिंह, इंस्पेक्टर, साइबर थाना