बरेली : ‘ग्राउंड क्लाउड’ से थम सी गई शहर की जिंदगी
बरेली (ब्यूरो)। साल जाते-जाते मौसम की तल्ख मिजाजी लोगों की परेशानी बढ़ाने लगी है। ग्राउंड क्लाउड अर्थात कोहरे की परत अब हर दिन मोटी हो रही है तो पारा लुढकते जा रहा है। ट्यूजडे को सुबह हल्का कोहरा रहा और देर रात कोहरे ने शहर को अपनी आगोश में समेट लिया तो वेडनसडे को पूरे दिन ही कोहरे का असर बना रहा। सुबह जहां घना कोहरा छाया रहा तो दिन में धूप खिलने से इसकी परत हल्की हो गई। शाम ढलते-ढलते कोहरा फिर से बढऩे लगा और देर शाम तक पूरे शहर में छा गया। रात में कोहरा इस कदर घना हो गया कि सडक़ों पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी बेअसर सी हो गई। इससे सडक़ों पर आवाजाही अन्य दिनों की अपेक्षा पहले ही थम सी गई। कोहरे का असर जनजीवन पर भी देखने को मिला। इससे स्कूलों में अन्य दिनों की अपेक्षा बच्चों की संख्या कम रही तो मार्केट में भी भीड़-भाड़ कम देखने को मिली। कोहरा बढऩे से लोगों ने शाम को जल्दी घर पहुंचने में ही भलाई समझी। मौसम के जानकारों का कहना है कि दिसंबर की विदाई और नए साल का स्वागत घने कोहरे से ही होगा।
बर्फीली हवा ढहाएगी सितम
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ। आरके ङ्क्षसह बताते हैं कि 31 दिसंबर तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसकी वजह से पहाड़ों पर करीब पांच से छह एमएम तक वर्षा होने का अनुमान है। इसके बाद पहाड़ों से आने वाली हवाएं काफी ठंडी होंगी। इससे न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भारी गिरावट आएगी। मौसम विभाग के अनुसार अभी मध्यम कोहरा है, जबकि विजिबिलिटी 20 मीटर भी नहीं बची थी। हालांकि सुबह 10 बजे के बाद सूरज की चमक तेज होने लगी और धूप खिलने से मौसम सामान्य हो गया। सूर्य अस्त होते ही फिर से कोहरा छाने लगा। वेडनेसडे को अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री दर्ज किया गया।
कोहरे को तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है। इसमें वार्म-फ्रंट प्री-फ्रंंटल कोहरा, ठंडा अग्र पश्च-ललाट कोहरा और सामने-मार्ग कोहरा। प्री और पोस्ट फ्रंटल कोहरा ठंडी स्थिर हवा में बारिश के गिरने के कारण होता है, जिससे ओस बढ़ जाता है।
कोहरा क्यों होता है?
कोहरा एक तरह का जलवाष्प है। पाला बहुत ज्यादा सर्दी होने पर पड़ता है। जब वायु में उपस्थित जलवाष्प का तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है तो ओस की बूंदें संघनित होकर बर्फ के रुप में जमने लगती हैं। इसे ही पाला कहते हैं। बता दें कि पाला फसलों के लिए काफी हानिकारक माने जाते हैं और फसल को काफी नुकसान होता है।
-नाक भरा हुआ महसूस होना
-छींक आना
-बहती नाक
-गले में जलन
-हल्की अथवा तेज खांसी
-मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होना
-सिर दर्द
-हल्की थकान इन बीमारियों से करें बचाव
सर्दी का मौसम सेहत के लिए फायदेमंद भी है तो लापरवाही बरते जाने पर बड़ी मुसीबत का सबब भी बन जाता है। यह मौसम अपने साथ ढेरों बीमारियां भी लेकर आता है। इस दौरान अर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, डिप्रेशन, कफ, कोल्ड और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर सर्दियों में मोटापा बढऩे की परेशानी भी सताने लगती है। अगर इस मौसम में बार-बार जुखाम, सर्दी, खांसी की समस्या सताती है तो शरीर में विटामिन-डी की कमी हो सकती है। घरेलू उपचार से राहत
-लौंग और शहद का सेवन जुकाम में फायदेमंद
-तुलसी, अदरक की चाय भी हो सकती है लाभकारी
-जुकाम और खांसी की समस्या में गर्म तासीर की चीजों का सेवन भी फायदेमंद
दिसंबर के आखिर में घना कोहरा और गलन रहने की संभावना है। नए साल में तापमान तीन से चार डिग्री तक नीचे जा सकता है। धूप भी कम निकलेगी और बारिश होने की संभावना भी बनी रहेगी।
प्रो.आरके ङ्क्षसह, मौसम विज्ञानी, गोङ्क्षवद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय पंत नगर