बरेली (ब्यूरो)। जानवरों के इतने शव आते कहां से हैं!
बरेली (ब्यूरो)। पशु के अंगों की तस्करी के मामले में दूसरे दिन जंगल वाले ठौर में सन्नाटा पसरा रहा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की इंवेस्टिगेटिंग रिपोर्ट पलिश होने के बाद मौके से तस्कर फरार हो गए हैैं। मंडे को जब दोबारा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम मौके पर पहुंची तो पशुओं के सिर और तमाम टुकड़े काफी हद तक हटा लिए गए। इंवेस्टिगेटिंग में पता चला कि नीले रंग की एक गाड़ी में उन अंगों को बाहर ोज दिया गया है। उधर, कैंट बोर्ड ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अहम सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में मृत पशु कहां से लाए जाते है, जिनके अंग इतने बड़े स्तर पर बाहर भेजे जा रहे हेंै। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कैंट क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में पशु नहीं हैं। तो क्या इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट है। जो यहां पशुओ को लाता है?
मौके पर पहुंची टीम
कैंट बोर्ड के सीईओ रविन्द्र कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होने कैंट बोर्ड से एक टीम गठित कर मौके पर भेजी। टीम ने मौके पर जांच पड़ताल शुरू कर दी। इस मामले में टीम जल्द ही सीईओ को रिपोर्ट सौंपेगी। टीम को पशुओं के कुछ अवशेष मौके पर पड़े मिले हैैं। इसके साथ ही पशुओं के सिर और अन्य अंगों को पहले ही हटाया जा चुका था।
इस मामले की अगर गंाीरता से जांच पड़ताल होती है तो इसमें बड़ा ोल उजागर हो सकता है। यहां ठेके की आड़ में ही पशुओं के अंगों की तस्करी का मामला चल रहा है। इसकी किसी को भनक तक नहीं थी। खाल एक हïजार, दो हïजार रुपए क्वंटल हड्डी
जिले में बड़े स्तर पर पशुओं के अवैध खनन का खेल चल रहा है। बीते साल 2023 में 300 से अधिक सिर्फ गोवध के मामले दर्ज किए गए थे। जबकि काफी मामलों में पुलिस को भनक तक नहीं लग पाती है। ज्यादातर मामलों में पुलिस को भनक नहीं लग पाती है।
होगी बैरिकेडिंग
कैंट बोर्ड अब उस पूरे इलाके की तारों से बैरिकेडिंगग कराएगा। ट्रेंचिंग ग्राउंड के पास से नकटिया नदी गुजर रही है। नदी के एक ओर कैंट बोर्ड है। जबकि दूसरी और ठिरिया निजावत ाां है। बता दें कि ठिरिया में कई बार अवैध बूचड़ ााने पकडऩे जा चूके हैं। पूर्व में तत्कालीन ठिरिया की चैयरमैन के बेटे के ािलाफ अवैध बूचड़ ााने के विवाद को लेकर एफआईआर ाी दर्ज हो चुकी है। अधिकतम 15 हजार आबादी वाले कैंट में रोजाना इतनी संया में मृतक जानवरों के शव पहुंचना ाी कहीं न कहीं संदेह पैदा करता है। इसी को लेकर कैंट बोर्ड ने तारों की बैरिकेटिंग कराने का फैसला लिया है, ताकि ठिरिया की ओर से किसी तरह की आवाजाही न हो। इसके साथ ही कैंट बोर्ड का एक कर्मचारी ाी मौके पर नजर रोगा।
ठेका जिन शर्तों पर दिया गया है, वही काम होना चाहिए। इसमें कोई अवैध काम न हो। इसकी जिमेदारी कैंट बोर्ड की है। ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेट से शिकायत की जा सकती है। सीआरपीसी की धारा 133 के तहत मजिस्ट्रेट कार्रवाई कर सकते हैं और ाुद ाी संज्ञान ले सकते हैं।
डॉ। प्रदीप कुमार, कानून के प्रोफेसर और सोशल एक्टिविस्ट पुलिस का लिया जाएगा सहयोग
पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। इसके साथ ही पुलिस का ाी सहयोग लिया जाएगा, ताकि पता चल सके कि कहीं बाहर से तो पशुओं को नहीं लाया जा रहा है।
रविन्द्र कुमार, सीईओ कैंट बोर्ड