चौकी पुलिस की पिटाई से संतोष की मौत का मामला एक बार फिर गरमा गया. गंगा के तट पर शनिवार की सुबह अंतिम संस्कार के दौरान सपा जिलाध्यक्ष पहुंच गए. वहां उन्होने पहले आरोपितों की गिरफ्तारी की बात कही.

बरेली (ब्यूरो)। चौकी पुलिस की पिटाई से संतोष की मौत का मामला एक बार फिर गरमा गया। गंगा के तट पर शनिवार की सुबह अंतिम संस्कार के दौरान सपा जिलाध्यक्ष पहुंच गए। वहां उन्होने पहले आरोपितों की गिरफ्तारी की बात कही। इस पर लोगों ने अंतिम संस्कार रोककर विरोध करना शुरू कर दिया। इसी दौरान बिथरी विधायक डॉ। राघवेद्र शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। उन्होने लोगों को शांत कराकर अंतिम संस्कार करने को कहा। इस दौरान शिवचरण कश्यप ने सक्षम अधिकारी मौके पर बुलाने की मांग की, जिसको लेकर विधायक और सपा के जिलाध्यक्ष आमने-सामने आ गए।

गिरफ्तारी की मांग
सपा जिलाध्यक्ष लोगों की ओर से आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे, जबकि विधायक ने मृतक के परिजनों को अपना रिश्तेदार बताकर सपा नेता को वहां से जाने को कहा। इस दौरान दोनों नेताओं के समर्थकों में धक्का-मुक्की भी हो गई। सीओ नवाबगंज चमन सिंह चावडा ने दोनों नेताओं के समर्थकों को समझा-बुझा कर अलग कराया। भाजपा विधायक ने भी आरोपितों को गिरफ्तार कराने का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। उन्होने पुलिस अधिकारियों से एंबुलेंस चालक विजय की तत्काल गिरफ्तारी को कहा। इसके बाद ही संतोष के शव का अंतिम संस्कार कराया गया।

कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार
फ्राईडे की रात में करीब तीन बजे कड़ी सुरक्षा के बीच पोस्टमार्टम हुआ था। इसके बाद संगीनों के साये में ही शव आलमपुर जाफराबाद पहुंचा था। इस दौरान पुलिस का कड़ा पहरा रहा था। सुबह करीब दस बजे शव को गांगा के तट पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस दौरान सीओ नवाबगंज चमन सिंह चावड़ा और सीओ आंवला राज कुमार मिश्रा के साथ ही आंवला, सिरौली, अलीगंज, विशारतगंज, भुता और नवाबगंज का पुलिस बल तैनात रहा। अंतिम संस्कार के दौरान ही सपा जिलाध्यक्ष पहुंचे थे। इस दौरान अचानक परिजन अंतिम संस्कार को रोक कर पहले आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। लोगों के विरोध को देखकर पुलिस के पसीने छूट गए। इस दौरान बिथरी विधायक डॉ। राघवेंद्र शर्मा मौके पर पहुंच गए। वहां दोनों नेताओं के बीच में झड़प होने से पुलिस के और भी पसीने छूट गए। काफी मुश्किल के बाद अंतिम संस्कार हो सका, जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। संतोष के घर से लेकर उसके अंतिम संस्कार तक भमोरा थाना पुलिस को दूर रखा गया। आंशका जताई जा रही थी कि भमोरा पुलिस को देखकर मामला बिगड़ सकता है। यह ही वजह है कि अधिकारियों ने भमोरा पुलिस को पूरे मामले से दूरी बनाए रखने को कहा था।

पुलिसकर्मी लापता, नंबर ऑफ
संतोष हत्याकांड में शामिल एसआई टिंकू सिंह, नैपाल सिंह, हेड कांस्टेबल पुष्पेंद्र राणा, सिपाही अंकित, मनोज, दीपक के साथ ही एंबुलेंस चालक भी फरार है। सभी की तलाश में पुलिस की टीम दबिश दे रही है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए सर्विलांस की भी मदद ली जा रही है। आरोपितों ने ट्रेस होने के डर से मोबाइल फोन भी बंद कर लिए हैं।


सपा नेताओं ने संतोष के परिजनों को भडक़ा दिया था, जिसके बाद वह अंतिम संस्कार से पहले गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए थे। विधायक और पुलिस के काफी समझाने के बाद बमुश्किल लोगों को शांत कराया गया। इसके बाद अंतिम संस्कार कराया जा सका।
चमन सिंह चावड़ा, सीओ नवाबगंज

हम अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। इस दौरान मृतक के परिजन और अन्य लोगों की मंशा थी कि अंतिम संस्कार से पहले आरोपितों की गिरफ्तारी हो। यह ही बात हमने पुलिस के सामने उठाई, जिस पर स्थानीय लोग भी सहमत थे। विधायक सरकार में हैं, वह चाहते तो आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार करवा सकते थे।
शिवचरन कश्यप, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी

एक दुष्ट आया और अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे लोगों को भडक़ाने लगा। कुछ लोग थोड़ी देर के लिए उसकी बातों में आ गए थे, लेकिन थोड़ी देर बाद ही लोग समझ गए कि वो गलत कर रहे हैं और उसे वहां से वापस लौटा कर अंतिम संस्कार कर दिया। धक्का-मुक्की कुछ खास नहीं थी। लोगों को हटाया जा रहा था। संतोष हमारे परिवार का हिस्सा थे। हम परिवार के साथ हैं। एंबुलेंस चालक को जल्द गिरफ्तार करने को कहा गया है।
-डॉ। राघवेंद्र शर्मा, विधायक बिथरी

Posted By: Inextlive