बरेली: अब संडे हो या मंडे, रोज खाएं चिकन बड़ी
बरेली (ब्यूरो)। संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे, यह स्लोगन सेहत लिए अंडे की उपयोगिता बताने को गढ़ा गया था, पर अब अंडे की तरह प्रोटीन से भरपूर चिकन बड़ी घर की किचन का हिस्सा बन सकती है। अंडे की तरह ही इस चिकन बड़ी की सब्जी भी रोज खाई जा सकती है। यह चिकन बड़ी साधारण बड़ी से ज्यादा न्यूट्रिशियस होने के बाद भी उससे सस्ती ही होगी। इस नए पोल्ट्री प्रोडक्ट को तैयार किया है सीएआरआई यानी केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली के पीएचटी डिपार्टमेंट ने।
आवश्यकता से आविष्कार
चिकन बड़ी को तैयार करने वाले सीएआरआई के पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी के इंचार्ज डॉ। जयदीप रोकड़े के मन में इसका आइडिया लोगों की आवश्यकता को देखकर ही आया। उन्होंने बताया कि पहले उनकी पोस्टिंग बिहार में थी। वहां बरसात के मौसम में जब फ्लड की समस्या अधिक रहती है। ऐसे में बाढ़ प्रभावितों के पास खाने-पीने की चीजों की भारी शॉर्टेज हो जाती थी। ऐसे में उन्हें पोष्टिक चीजें तो बिलकुल भी उपलब्ध नहीं हो पाती थी। इसी अभाव को दूर करने के लिए ही उनके मन में चिकन बड़ी बनाने का आइडिया आया और उन्होंने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया। यह चिकन बड़ी साधारण बड़ी से ज्यादा पोष्टिक तो होगी है, पर इसे उससे भी कम कीमत में तैयार करना एक चैलेंज था।
चिकन बड़ी को साधारण बड़ी से कम लागत में तैयार करने के लिए इसमें स्पेंट हेन यानी बूढ़ी मुर्गियों का इस्तेमाल किया गया। उम्र अधिक होने से इन मुर्गियों का मीट पसंद नहीं किया जाता है। इससे यह मुर्गियां 50 से 60 रुपया प्रति किलो तक बिकती हैं। चिकन बड़ी में इन्हीं मुर्गियों का इस्तेमाल करने से बड़ी की कास्ट साधारण बड़ी से कम हो पाई। ट्रेडिशनल, हेल्दी एंड चीप
डॉ। जयदीप रोकड़े बताते हैं कि चिकन बड़ी एक ट्रेडिशनल सब्जी की तरह ही है। इसके साथ ही हाई प्रोटीन वाली किसी भी सब्जी से ज्यादा हेल्दी भी है और सस्ती भी। इसको चिकन समझकर भी खाया जा सकता है और सब्जी के रूप में भी। यह सब्जी यूं तो सभी के लिए फायदेमंद है, पर प्रेगनेंट लेडीज और कुपोषण से ग्रसित बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है। इसमें साधारण बड़ी से 22 से 25 प्रतिशत ज्यादा प्रोटीन है। चिकन बड़ी में प्रोटीन की मात्रा 56 ग्राम प्रति 100 ग्राम है।
बेस्ट यूज बिफोर फोर मंथ
चिकन बड़ी भले ही मुर्गी के मीट से तैयार की जाती हो, पर इसको किचन में साधारण बड़ी की तरह ही सामान्य टेंपरेचर में रखा जा सकता है। डॉ। जयदीप रोकड़े बताते हैं कि यह बड़ी सामान्य टेंपरेचर में चार महीने तक सुरक्षित रह सकती है। इसलिए इसके उत्पादन और मार्केटिंग में कोई परेशानी नहीं हो सकती है। चिकन बड़ी का प्रचार व प्रसार होने से इसकी डिमांड में खुद ही इजाफा हो जाएगा। डिमांड बढऩे पर यह नया पोल्ट्री प्रोडक्ट फायदे का सौदा साबित होगा।
चिकन बड़ी मुर्गी के मीट से तैयार हो रही है, पर इसमें साधारण बड़ी की तरह ही दूसरी चीजें भी मिलाई जाती हैं। डॉ। जयदीप रोकड़े बताते हैं कि इस बड़ी को मीट के अलावा पेठा, उड़द की धुली दाल, मैदा और मसाले को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसके एक किलो के मिक्चर से तैयार बड़ी सूखकर 350 ग्राम ही रहती हैं। इस बड़ी की एक किलो की लागत 160 से 180 रुपया प्रति किलो तक आती है, जबकि इसे 350 रुपया प्रति किलो तक बेचा जा सकता है।
दी जाती है ट्रेनिंग
डॉ.जयदीप रोकड़े बताते हैं कि चिकन बड़ी को तैयार करना बहुत ही आसान है। इसे पोल्ट्री फार्म चलाने वाले कारोबारी भी तैयार कर सकते हैं। इससे उनकी आय में इजाफा तो होगा ही बहुत ही कम खर्च पर नया कारोबार भी शुरू हो जाएगा। इस बड़ी को तैयार करने की टेक्नीक वह आसानी से सीख सकते हैं। सीएआरआई की ओर इसकी ट्रेनिंग भी दी जाती है। जो लोग इसकी ट्रेनिंग लेना चाहते हैं उन्हें इस बड़ी को बनाना भी सिखाया जाएगा और फिर उनसे बनवाई भी जाएंगी। अगर कोई मुर्गी पालक इस टेक्नीक को सीखना चाहता है तो उसे भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे उनकी इनकम में इजाफा होगा। यही सरकार की मंशा भी है।
56 ग्राम प्रोटीन प्रति 100 ग्राम
160 से 180 रुपया प्रति किलो लागत
350 रुपया प्रति किलो तक सेल रेट
04 महीने तक रह सकती है सुरक्षित