बरेली: वृंदावन के फूलों से सज रहा बांके बिहारी मंदिर
बरेली (ब्यूरो)। आध्यात्मिक उन्नति का त्योहार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार जयंती योग में मनाई जाएगी। इसके लिए मंदिरों में खास तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिरों को अलग-अलग कलर की झालरों से सजाया गया है। मंदिरों की सजावट को बेहतर करने के लिए बाहर से फूल और कारीगर भी बुलाए गए हैं। शहर के राजेन्द्र नगर स्थित बांके बिहारी मंदिर, हरि मंदिर, आंनद आश्रम सहित शहर के नाथ मंदिरों में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी के कार्यक्रम होंगे। इसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
बांके बिहारी मंदिर
बांके बिहारी मंदिर को सजाने के लिए आर्टिफिशियल और वृंदावन के फूलों के साथ वहीं से कारीगरों को भी बुलाया गया है। मंदिर को सजाने के लिए खास तरह की लाइट्स दिल्ली से मंगाई गई हैं। कारीगर मंदिर की भव्य सजावट कर रहे है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष विनोद ग्रोवर ने बताया कि मंदिर से संडे शाम को राजेन्द्र नगर में ही शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा के बाद शाम को रात तक कार्यक्रम भजन संध्या आदि होगी। 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इसके लिए मंदिर में भव्य तैयारियां की जा रही है। इसके लिए काफी तैयारियां तो पहले से ही कर ली गई है।
श्री हरि मंदिर में सजेगा फूल बंगला
श्री हरि मंदिर में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खास तैयारियां चल रही हैं। मंदिर को फूल बंगला आदि सजाया जाएगा। मंदिर के अंदर और गेट सहित कैंपस को सजाने के लिए एक सप्ताह पहले से ही तैयारियां शुरू हो गई थी। मंदिर कमेटी अध्यक्ष सतीश खटटर और सचिव रवि छावड़ा ने बताया कि श्री हरि मंदिर का इस बार 64वां विराट भक्ति ज्ञान वार्षिक महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके लिए 25 अगस्त से कार्यक्रम शुरू होकर 11 सितम्बर तक चलेंगे। इसमें हर दिन अलग अलग कार्यक्रम होंगे। 26 अ्रगस्त को ठाकुर जी का दिव्य श्रंगार, विद्युत सज्जा एवं फूल बंगले का विशेष आकर्षण रहेगा। बाल नृत्य शाम आठ से 11 बजे तक रहेगा। संकीर्तन रस वृंदावन श्री हरि मंदिर संकीर्तन मंरूल के साथ रात 11 से 12 बजे तक चलेगा। रात्रि 12 बजे प्राकट्योत्सव आरती एवं प्रसाद वितरण होगा। 27 अगस्त को श्री हरिनाम संकीर्तन रसधारा श्री वैष्णो देवी बुआदाती संकीर्तन मंडल के सााि शाम आठ बजे से कार्यक्रम होगा। इसके अलावा अलग-अलग दिन मंदिर में अलग अलग कार्यक्रम होंगे जो 11 सितम्बर तक चलेंगे।
ये है शुभ मुहूर्त
सोमवार को तडक़े 3:38 बजे से ही अष्टमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि 27 अगस्त की मध्य रात्रि तक रहेगी। वही रोहिणी नक्षत्र सोमवार दोपहर बाद 3:54 बजे से प्रारंभ होगा और 27 को दोपहर 3:36 बजे पर समाप्त होगा। दरअसल भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि मध्य रात्रि रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में हुआ था.इस बार रोहिणी और अष्टमी तिथि का यह संयोग सोमवार की मध्य रात्रि में बनेगा। इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार सोमवार को मध्य रात्रि में ही मनाया जाएगा।
सुबह स्नानादि के बाद श्रीकृष्ण भगवान के लिए व्रत करने एवं भक्ति करने का संकल्प लेना चाहिए। मंत्र का जाप करे चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर कलश पर आम के पत्ते या नारियल स्थापित करें एवं कलश पर तिलक लगाए। इन आम के पत्तों से वातावरण शुद्ध एवं नारियल से वातावरण पूर्ण होता है। पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठें, एक थाली में कुमकुम, चंदन, अक्षत, पुष्प, तुलसी दल, मौली, कलावा, रख लें। खोए का प्रसाद, ऋतु फल, माखन मिश्री ले लें और चौकी के दाहिनी ओर घी का दीपक प्रज्जवलित करें, इसके पश्चात वासुदेव-देवकी, एवं नंद-यशोदा, की पूजा अर्चना करें।