फतेहगंज पूर्वी में बाढ़ की तबाही से मार्ग की सडक़ व पुलिया बेहाल है. मानपुर त्रिलोक की पुलिया खस्ता हाल बयां कर रही है. लेकिन जिम्मेदार अभी क्षतिग्रस्त हाईवे से बेखबर है. बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है. वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से निकलते हैं.

बरेली (ब्यूरो)। फतेहगंज पूर्वी में बाढ़ की तबाही से मार्ग की सडक़ व पुलिया बेहाल है। मानपुर त्रिलोक की पुलिया खस्ता हाल बयां कर रही है। लेकिन जिम्मेदार अभी क्षतिग्रस्त हाईवे से बेखबर है। बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है। वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से निकलते हैं।

हादसा होने की पूरी संभावना
फतेहगंज पूर्वी के बदायूं दातागंज स्टेट हाईवे पर थाना क्षेत्र के गांव मानपुर त्रिलोक जो की रामगंगा की कटरी किनारे स्थित है। वहां बाढ़ से गांव की पुलिया डूब जाने से कई दिनों तक आवागमन रोक दिया गया था। कुछ समय बाद उफान कम होने के बाद स्टेट हाईवे पर छोटे वाहनों का आवागमन शुरु हो गया था। मानपुर त्रिलोक की पुलिया व सडक़ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने से बैठ गई। जहां पानी के बहाव के साथ सडक़ की कोलतार, बजरी व मिट्टी भी बह गई। वही नदियों के उतार के बाद स्टेट हाईवे की दुर्दशा भी उजागर हो गई। ग्रामीणों की माने तो अब पुलिया पर हादसे की संभावना बनी हुई है। जिम्मेदार मौन हैं वह कोई सुध नहीं ले रहे हैं इससे बड़ा हादसा होने की पूरी संभावना बनी हुई है।

फतेहगंज पूर्वी होकर दिल्ली जा रहे बड़े वाहन
बाढ़ के कारण बदायूं स्टेट हाईवे पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। जिस कारण दिल्ली बदायूं को जाने वाले भारी वाहन फतेहगंज पूर्वी के रास्ते होते हुए अपने गंतव्य के लिए पहुंच रहे हैं। इससे यात्रियों समेत वाहन चालकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नहीं लगे कोई संकेतांक
स्टेट हाईवे बाढ़ की चपेट में आने के बाद बुरी तरह धस गया है। रात्रि को हादसे के आसार बनते ही चले जा रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि स्टेट हाईवे पर दिन रात तीव्र गति से वाहनों का आवागमन होता है। जहां से बड़े भारी वाहन फर्राटा भरते हैं। रामगंगा में बाढ़ का प्रकोप कम होने के बाद मानपुर की पुलिया से हादसे का सफर शुरू हो गया था। जिम्मेदारों ने उक्त स्टेट हाईवे की मरम्मत कराना भी उचित नहीं समझा। ग्रामीणों का कहना है की रात्रि के दौरान बड़े वाहनों से हादसों का होना बना हुआ है। यहां कोई भी संकेतांक नहीं लगा है। हादसे को रोकने के लिए मिट्टी की बोरिया लगाई गई थीं। अब वह भी फट गईं हैं। यह मार्ग करोड़ों की लागत से चार टुकड़ों में बना था।

Posted By: Inextlive