हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की..
-जन्माष्टमी के मौके पर शहर में बिखरी वृंदावन की छटा
BAREILLY: जन्माष्टमी का पर्व सिटी में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर कई स्थानों से भव्य झांकियां निकाली गई, जिसमें राधाकृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र रहीं। मंडे को बांके बिहारी के जयघोष से सड़कें और मंदिर गूंजते रहे। यूं तो कृष्ण जन्माष्टमी का सेलीब्रेशन संडे रात बारह बजे से ही शुरू हो गया था जो देर रात तक कई कल्चरल प्रोग्राम के जरिए सेलीब्रेट किया गया। वहीं सोमवार सुबह से शुरू हुआ कृष्ण की झांकियों से सजी शोभायात्रा का दौर देर रात तक चला। मंडे देर शाम बांके बिहारी और श्री हरि मंदिर में भजन संध्या और कल्चरल प्रोग्राम ऑर्गनाइज किए गए। इस अवसर पर विभिन्न समितियों की ओर से जुलूस और झांकियां निकाली गई। शोभायात्रा में लोगों ने करतब, जौहर, लट्ठमारी और दंगल का प्रदश्र्1ान किया। शोभायात्रा और मंदिरों में भजन संध्याजन्माष्टमी के मौके पर शहर के विभिन्न इलाकों से करीब क्ब् झांकियां निकाली गई। इसमें सबसे बड़ी झांकी कटराचांद खां की चंद्र नगर धार्मिक समिति की थी। मंडे सुबह करीब नौ बजे स्थानीय सीताराम मंदिर से प्रारंभ होकर शोभायात्रा मौर्य मंदिर, सिन्धुनगर, ईसाईयों की पुलिया, गुलाब बाड़ी, नेवादा शेखान, गढैया, सहसवानी टोला, पनवडि़या, जगतपुर, कुसुम कुमारी, मिर्जाई बाग मंदिर, बुखारपुरा, इनायतगंज रोहली टोला, श्यामगंज, होली चौराहा, सिकलापुर, कालीबाड़ी से वापस कटराचांद खां से मंदिर पहुंचंी। इसके अलावा जगतपुर, चंद्रपुर, सुभाषनगर से भी झांकियां निकाली गई। वहीं श्री हरि मंदिर में देर शाम भजन संध्या और श्री बांके बिहारी मंदिर में महिला मंडल की ओर से कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने कृष्ण जन्माष्टमी की झलकियों का अानंद लिया।
शोभायात्रा की झलकियां विभिन्न समितियों की ओर से निकाली गई शोभायात्रा की रौनक देखते ही बन रही थी। देवी देवताओं की आठ झांकियों से सजे कटराचांद खां की क्ख्भ् कृष्ण जन्माष्टमी शोभायात्रा में करीब क्0 हजार से भी अधिक भक्त मौजूद रहे। ढ़ोल, नगाड़े और डीजे पर श्रद्धालु जमकर थिरके। युवाओं की टीम को दही हांडी फोड़ने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। श्रद्धालुओं की ओर से जलपान व प्रसाद वितरण भी किया गया। करीब दो बजे जगतपुर व चंद्रपुर से निकलने वाली शोभायात्रा का भी इसी में संगम हुआ। यात्रा के दौरान दंगल, कुश्ती, लट्ठमारी के करतब भी प्रस्तुत किए गए। जिन्हें देखने के लिए सड़कों और छतों पर भारी संख्या में लोग माैजूद रहे। घरों में भी सजी कृष्ण की झांकीइस मौके को खास बनाने के लिए संडे देर शाम से ही लोगों ने घरों में श्रीकृष्ण के बाल्यकाल और राधाकृष्ण की मनोरम झांकियां बननी शुरू हो गई थीं। लाइट्स और झालरों से डेकोरेट झांकियों में कृष्ण के बालरूप व अन्य रूपों को प्रदर्शित किया गया। घरों में रात्रि भोग के लिए मीठी पपड़ी और खीर समेत अन्य भोग के पकवान बनाए गए।