- बैंक्स का क्वार्टर्ली 4 करोड़ आ रहा खर्च

- ऑडिट करने के साथ ही कई बैंक के ब्रांच में टंगे सर्टिफिकेट

BAREILLY: इन दिनों शहर के बैंक्स चूहों के आतंक से खौफजदा है। डॉक्यूमेंट्स चट करने के साथ ही बैंक्स में लगे कंप्यूटर सिस्टम भी चूहों की फौज से बच नहीं पा रही हैं। बैंक के अधिकारियों को यह डर सताने लगा है कि, यदि कुछ बड़ा नुकसान होता है तो, वे डाटा रिकवर कैसे और कहां से करेंगे। नाक में दम कर रहे चूहों का सफाया करने के लिए बैंको ने प्राइवेट कंपनियों को बैंकों ने करीब ब् करोड़ रुपए की सुपारी दे डाली है। ये बैंक्स से चूहों का सफाया करेंगे।

सभी बैंकों में चूहों का आतंक

चूहों की समस्या किसी एक बैंक में नहीं है। एसबीआई, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, बीओबी, पीएनबी सहित सभी बैंकों में में खतरा बना हुआ है। कुछ दिनों पहले ही सिविल लाइंस स्थित इलाहाबाद बैंक में चूहों ने सर्वर रूम के सीपीओ को अपना निशाना बनाया था। वहीं दूसरी ओर रामपुर गार्डेन स्थिति एसबीआई बैंक में चूहों ने नेट का केबल काट दिया था, जिस वजह से बैंक में काम-काज पूरी तरह ठप हो गया है। बाकी बैंकों में भी चूहों ने डॉक्यूमेंट को नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद से बैंक्स ने चूहों की सुपारी देनी शुरू कर दी है।

कुछ भी करो लेकिन मार गिराओ

रिकॉर्ड खोने के डर से बैंकों के ब्रांच अधिकारी ही नहीं रीजनल और मुख्यालय तक हलचल मची हुई है। अधिकारियों ने यह बात साफ कही है कि, कुछ भी करो लेकिन, उत्पात मचा रहे चूहों को मार गिराओ। पटेल चौक स्थित यूनियन बैंक ने पेस्ट कंट्रोल सर्विस नाम की एक कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी रखी है। इसी तरह बाकी बैंकों ने अलग-अलग प्राइवेट कंपनियों को ठेका सौंप रखा है। प्राइवेट पेस्ट कंपनियों ने चूहों को मारने के लिए अपना काम भी शुरू कर दिया है।

एक से पांच हजार तक की सुपारी

बैंक्स चूहों के सफाये के लिए एक से पांच हजार तक की सुपारी दे रहे हैं। रामपुर गार्डेन स्थित एसबीआई बैंक की ब्रांच मैनेजर साक्षी बंसल ने बताया कि, हमारे यहां रीजन ऑफिस ही पेस्ट कंट्रोल कब होने हैं, डिसाइड करता है। चूहों से सेफ्टी के लिए समय-समय पर पेस्ट कंट्रोल किया जा रहा है। चूहों की संख्या के आधार पर हर बैंक अपने हिसाब से क्वॉटर्ली और छमाही पर चूहों को शूट करने के लिए बेसमेंट, पुराना रिकॉर्ड जहां रखा है वहां पेस्ट कंट्रोल करवा रहे हैं।

- पेस्ट कंट्रोल कंपनियों को क्वॉटर्ली चूहे मारने की सुपारी।

- पेस्ट कंट्रोल में क्वॉटर्ली करीब ब् करोड़ रूपए का खर्चा।

- डॉक्यूमेंट की सुरक्षा के लिए सेल में किया जा रहा माइग्रेट।

हमारे यहां हर दिन ऑडिट होती है। आखिर पैसों और डॉक्यूमेंट की सुरक्षा का सवाल है। मेरे सभी ब्रांच के लिए अलग-अलग कंपनियों को ठेका दिया गया है। ताकि, पेस्ट कंट्रोल समय पर होता रहे।

अनिल चोपड़ा, डीजीएम, एसबीआई

डॉक्यूमेंट की सुरक्षा के लिए पेस्ट कंट्रोल कंपनी से कांटैक्ट किया गया है। डॉक्यूमेंट के नुकसान होने से डाटा रिकवर करने में दिक्कत आ सकती है। कंपनी को हम लोग क्वॉटर्ली टारगेट दे रखा है।

संजीव मेहरोत्रा, उप महामंत्री, यूनियन बैंक स्टॉफ एसोसिएशन

चूहों ने उत्पाद मचा रहा है। पिछले दिनों काफी नुकसान उठाना पड़ा था। पेस्ट कंट्रोल करवाने के अलावा हमने चूहेदानी की भी व्यवस्था कर रखी है।

अमित जोशी, ब्रांच मैनेजर, इलाहाबाद बैंक

ग्रामीण एरिया के बैंकों

बैंक्स अधिकारियों की मानें तो, चूहों का आतंक शहर की अपेक्षा सबसे अधिक गांवों में है। खेतों में रहने वाले चूहे बैंक के बेसमेंट में आ जाते है। गांव के ब्रांच से डॉक्यूमेंट के नुकसान होने की शिकायत सबसे अधिक आती है। वहां पर पेस्ट कंट्रोल भी शहर से कही अधिक करवाना पड़ता है।

वार्षिक क्म् करोड़ खर्च

सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक बरेली डिस्ट्रिक्ट में चूहा मारने की बैंकों ने क्वॉटर्ली चार करोड़ रुपए की सुपारी दी है। पूरे साल की बात करें तो, यह अमाउंट्स सालाना क्म् करोड़ बैंक्स चूहों को मारने में खर्च करने वाले है। यह अमाउंट्स बरेली डिस्ट्रिक्ट में वर्क कर रहे फ्8 बैंकों के फ्भ्फ् ब्रांचेज को मिलाकर है। अधिकतर बैंकों ने डॉक्यूमेंट का सेफ करने के उद्देश्य से ठेका दे रखा है।

ऑडिट भी किए जा रहे

यहीं नहीं आला अधिकारियों ने बैंक के प्रत्येक सेक्शन में सर्टिफिकेट भी टांगने के निर्देश दे रखे हैं। एसबीआई के करीब हर सेक्शन में आपको सर्टिफिकेट देखने को मिल जाएगा। ताकि, पेस्ट कंट्रोल कब-कब हुए हैं इसकी जानकारी आसानी से मिल सके। यही नहीं एसबीआई के सभी ब्रांचों में हर दिन ऑडिट करने के निर्देश भी दिए गए है। ताकि, यह पता चलता रहे कि कही डॉक्यूमेंट को कोई नुकसान तो नहीं हुआ है। बैंक्स अकाउंट्स होल्डर्स को भी बेहद अलर्ट रहने की सलाह दे रहे हैं।

अलर्ट रहने की जरूरत

वैसे तो बैंक अपनी तरफ से पूरी तरह से अलर्ट हैं। इसके लिए वे पेस्ट कंट्रोल के साथ ही डॉक्यूमेंट को फायर प्रूफ कैबिनेट और लोहे के रैक पर रखने की कवायद तेज कर दी है। यही नहीं डाटा को रिकवर करने के लिए सभी रिकॉर्ड सेल में माइग्रेट किए जाने का काम किया जा रहा है। लेकिन, अकाउंट्स होल्डर्स को भी बेहद अलर्ट रहने की जरूरत है। बैंक अधिकारियों ने बताया कि, कस्टमर को चाहिए कि वह बैंक्स से जुड़ी हर डॉक्यूमेंट सेफ रखें। ताकि, जरूरत पड़ने पर बैंक्स को साक्ष्य के तौर पर दिखा सकें। साथ ही यदि वह किसी को चेक काट रहा है तो चेक के फ‌र्स्ट पेज को मेंटेन करने का काम करता रहे। चेक काटने की डेट, किसके नाम काटा गया, यह सब मेंशन करना चाहिए। पासबुक को भी मेंटेन करें। ताकि ट्रांजेक्शन में होने वाली गड़बडि़यों से बचा जा सके।

बॉक्स

- बरेली डिस्ट्रिक्ट में फ्8 बैंकों के करीब फ्भ्फ् ब्रांच।

Posted By: Inextlive