बैलून थैरेपी है हेल्पफुल
बरेली(ब्यूरो)। आईएमए हॉल में संडे को दिलकॉन का आयोजन किया गया। जिसमें दिल्ली के एस्कार्ट अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग से चार डॉक्टर्स शमिल हुए। उनके साथ एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें बिथरी विधायक डॉ। राघवेंद्र शर्मा, आइएमए प्रेसीडेंट डॉ। विमल भारद्धाज के साथ ही करीब 140 लोग उपस्थित रहे। डाक्टरों ने बताया कि अब यदि किसी को दिल की बीमारी होती है तो उसके लिए उसका आपरेशन की जरूरत नहीं, बल्कि उसे नई तकनीक से ठीक किया जा सकता है। बारी-बारी से चारो डाक्टरों ने नई तकनीक के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा। राधा कृष्ण ने बताया च्क बच्चों में दिल की बीमारी का इलाज करने के लिए कई अहम बदलाव किए गए है। यदि किच्सी बच्चे की धमनियां सिकुड़ जाती है तो पहले उसका आपरेशन करना होता था। मगर अब उसे बैलून थैरेपी से ठीक किया जा सकता है। इस थैरेपी में बांह या जांघ के पास से हल्का सा चीरा लगाकर कैथेटर की मदद से दिल के पास एक स्टंट अंदर पहुंचाया जाता है। जिसके बाद वहां जाकर उसे फुला दिया जाता है। जिससे सिकुड़ी हुई धमनी फूल जाती है।
दिल का छेद बंद करने में डिवाइस क्लोजर मददगार
डा। राधा कृष्ण आगे बताते है कि जिस तरह से बैलून थैरपी की जाती है उसी तरह से दिल में छेद होने पर डिवाइस क्लोजर तकनीक से इलाज किया जाता है। इस तकनीक में भी जांघ या फिर बांह के पास से चीरा लागाकर डिवाइस को अंदर डाला जाता है। और वहां जाकर उसे छेद में ले जाकर फिट कर दिया जाता है। इससे छेद बंद हो जाता है। इससे मरीज को महज एक दिन में ही छुट्टी कर दी जाती है। इस पर दिल्ली से आए डा। जेडएस मेहरुल ने भी दिल की अन्य बीमारियों और तकनीक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने रुमेटिक बुखार के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह बुखार बचपन में होता है और सीधा दिल पर अटैक करता है। मगर पहचान नहीं होने की वजह से इसके मरीज बढ़ जाते है। वहीं डॉ। अनिल सक्सेना ने दिल में डाले जाने वाले इलेक्ट्रिक डिवाइस, पेस मेकर समेत अन्य डिवाइस की जानकारी दी। इसके बाद डा। विशाल रस्तोगी ने दिल के फेल होने के बारे में बताया। साथ ही यह भी कहा कि जो भी मरीज दिल की बीमारी से जूझ रहा है उसे पानी कम पीना चाहिए। कार्यक्रम में आइएमए के वरिष्ठ फिजिशियन डा। सुदीप सरन, डा। पुनीत सोंधी, डा। मुरलीधर छाबडिय़ा, डा। आदित्य माहेश्वरी, डा। मनोज हिरानी, डा। अजीत साहनी, डा। अजय खन्ना, डा। रवीश अग्रवाल, डा। अतुल अग्रवाल, डा। राजीव गोयल, डा। महिपाल, डा। अंबरीश अग्रवाल, डा। एमके मेहरोत्रा, डा। अनूप आर्य, डा। भारती सरन, डा। आशु हिरानी, समेत तमाम डाक्टर मौजूद रहे।