आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के दाम आसमान पर
-दिल्ली, लखनऊ में हालात बिगड़ने से सप्लाई हुई कम
-शहर में पिथौरागढ़, मिर्जापुर, अमृतसर, हाथरस और मध्यप्रदेश से आती है आयुर्वेदिक सामग्री -दिल्ली, लखनऊ में कोविड के हालात बिगड़ने के बाद थोक और फुटकर बाजार में उछाल बरेली : लॉकडाउन लगने के बावजूद ट्रांसपोर्ट नहीं थमे। बस दबे पांव आपकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाली जड़ी-बुटियों के दाम बढ़ गए। कारोबारी दिल्ली, लखनऊ में बिगड़े कोविड के हालात इसके कारण बताते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियों का व्यवसाय करने वाले अपने प्रतिष्ठान को पूरी क्षमता पर नहीं चला रहे हैं। नतीजा ये हुआ कि बरेली के बाजार में थोक और फुटकर के बाजार में जबरदस्त उछाल देखने में आया है। जड़ी बूटियों के दाम बढ़ेबरेली के बाजार में पिथौरागढ़, मिर्जापुर, अमृतसर, हाथरस, मध्यप्रदेश के नीमच, दिल्ली और लखनऊ से आयुर्वेदिक सामग्री आती हैं। दिल्ली में लॉकडाउन होने के बाद आपूर्ति प्रभावित हो गई। जबकि लखनऊ में कोविड के बिगड़े हालात के बाद व्यापारियों ने खुद ही प्रतिष्ठान पर काम बंद कर दिया। ऐसे में उपलब्धता नहीं होने से थोक के दाम में दो गुने से अधिक का उछाल आया है। जबकि फुटकर बाजार में पीपल, मुलेठी, लौंग, लसौड़ा, गुलबनपसा मुंह मांगे दामों पर बिक रहे हैं। मौजूदा समय में बरेली के बाजार में राजस्थान और मध्यप्रदेश से आने वाली सामग्री हाथरस के रास्ते आ रही है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के फेर में बढ़ी मांग कोविड में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और गले की खराश को दूर करने के लिए लोग पुराने परंपरागत काढ़ा की तरफ लौट आए हैं। काढ़ा में लौंग, मुलेठी समेत कई औषधियों का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इसकी वजह से मांग कई गुना अधिक बढ़ी हुई है। सामग्री थोक (पूर्व) फुटकर थोक (वर्तमान) फुटकर पीपल 450 700 1000-1500 मुलेठी 150 250 350-400लौंग 530-590 700 1000
इलायची 3000 3000 4500-6000 दालचीनी 550 700 1000 गिलोह 28 40 100 बड़ी इलायची 850 1000 1500-1800 तेजपत्ता 100 150 300 लसौड़ा 70 140-150 250-300बिसौटा बासा 8-10 30-40 50-80
गुलबनपसा 1700 3000 4500-5000 तुलसी श्यामा 150 250 300-400 (औषधियों के भाव किलो के हिसाब से दिए गए हैं) क्या कहते हैं। दुकानदार दो वजह है दाम बढने की। लखनऊ और दिल्ली में कोविड के बिगड़े हालात के बाद इस कारोबार के व्यापारियों ने खुद ही सप्लाई कम की हुई है। बाकी ट्रांसपोर्ट और लॉकडाउन की वजह से आपूर्ति प्रभावित है। थोक में रेट बढ चुके है, क्योंकि पहले की तरह आपूर्ति नहीं आ रही है। रवि अग्रवाल, गट्टूमल औषधालय, थोक कारोबारी25 से 30 फीसद तक फुटकर दाम बढ़े हैं। आपूर्ति सीमित और मांग अधिक होने से ऐसा हुआ है। थोक से महंगा मिलने पर फुटकर में भी महंगा मिलता है। अब ये उत्तर प्रदेश के लॉकडाउन पर निर्भर करता है कि कब आपूर्ति फिर पहले जैसी होगी। क्योंकि तब तक लोगों को बढ़े हुए दामों पर ही माल लेना पड़ेगा।
- प्रकाश राना, रामजी औषधालय, संजयनगर फुटकर कारोबारी