पॉवर सेविंग करें, वॉलेट होगा मालमाल
- थोड़ी सी अवेयरनेस बिजली के साथ बचेंगे पैसे
- 12 वॉट का बल्व यूज कर 4 साल में बचा सकते है 17 सौ BAREILLY: आपने इस ओर भी कभी सोचा है कि बिजली बचाकर बड़ी सेविंग कर सकते हैं। यह सेविंग दो तरह से फायदेमंद होगी। पहले तो आपका बिल कम आएगा। यानि कि आपके बैंक की सेविंग बढ़ेगी। दूसरे, बिजली बचाकर आप राष्ट्रहित में भी योगदान दे सकेंगे, जिसका फायदा कम कटौती के रूप में मिल सकता है। कर सकते है पॉवर सेविंग मार्केट में इस वक्त कई ऐसे इलेक्ट्रिकल उपकरण मौजूद हैं जो कि, पॉवर सेविंग में अहम रोल निभा सकते हैं। फिर बात चाहे सीएफएल, एलईडी बल्व की बात करें या फाइव स्टार एसी। जिसका इस्तेमाल कर एक घंटे में ख्भ् फीसदी बिजली बचायी जा सकती है। वहीं क्0 वॉट का सीएफएल सामान्य बल्व के मुकाबले 8भ् परसेंट एनर्जी सेव करता है।एक यूनिट में ख्भ् घंटे जगमग
एक हजार वॉट का कोई उपकरण यदि एक घंटे यूज करने पर एक यूनिट एनर्जी कंज्यूम होती है। इस हिसाब से देखा जाए तो, क्00 वॉट का सामान्य बल्व एक यूनिट एनर्जी खर्च कर मात्र क्0 घंटे ही इस्तेमाल किया जा सकता है। जबकि, ब्0 वॉट का बल्व उतनी ही एनर्जी में आपके घर आंगन को ख्भ् घंटे तक रौशन करेगा। यानि, क्भ् घंटे आपको एक्स्ट्रा बिजली इस्तेमाल करने का लाभ पा सकते है।
पैरामीटर - समान्य बल्व - सीएफएएल - सेविंग वॉट - म्0 - क्ख् - ब्8 वॉट। लाइफ - क्000 घंटे - 8000 घंटे - 7000 घंटे। कंज्यूम - क्फ्क् यूनिट - ख्म् यूनिट - क्0भ् यूनिट। ब् रुपए प्रति यूनिट - भ्ख्ब् रुपए - क्0ब् रुपए - ब्ख्0 रुपए। ब् साल में - ख्09म् रुपए - ब्क्म् रुपए - क्म्80 रुपए। एसी - कंज्यूम बिजली ख् स्टार - क्780 वॉट प्रति घंटे। फ् स्टार - क्म्भ्0 वॉट प्रति घंटे।भ् स्टार - क्भ्00 वॉट प्रति घंटे।
बिजली बचत के उपाय - इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को समय-समय पर सर्विग जरूर कराएं। - बल्व के स्थान पर सीएफएल और एलईडी बल्व का यूज करें। - रेफ्रिजरेटर को बार-बार न खोलें। - रेफ्रिजरेटर और दीवार के बीच स्पेस रखना आवश्यक। - गर्म भोजन सीधे रेफ्रिजरेटर में न रखें। - कम्प्यूटर का इस्तेमाल न करते समय मॉनिटर बंद रखें। - ज्यादा गीला कपड़ा होने पर प्रेस का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। । इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों को प्रॉपर अर्थिग मिलनी चाहिए। साथ ही कोई यंत्र एक बार यूज होने के बाद यदि, कुछ समय बाद यंत्र का दोबारा यूज करने जा रहे है तो, उसकी प्रॉपर सर्विसिंग जरूरी है। क्योंकि, यंत्र ठीक से नहीं चलने पर आवश्यकता से अधिक बिजली कंज्यूम करेगा। एनके श्रीवास्तव, एसई, बिजली विभाग