Bareilly: राम-रावण संग्राम के बाद रामलीला में आतिशबाजी के रंग दिखे. इसके बाद दशानन का पुतला फूंका गया. पुतला दहन के समय पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. राम-रावण युद्ध का मंचन हुआ तो दर्शक रोमांचित हो उठे. वेडनसडे को रोज के समय से पहले ही रामलीला शुरू हो गई. फिर भी मंचन शुरू होने से पहले ही पूरा ग्राउंड भर चुका था. अच्छाई पर बुराई की इस जीत के बाद लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी और मेले का आनंद लिया. पुतला दहन के दौरान रामलीला मैदान पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही.


गिर गया दशानन


चौधरी तालाब में चल रही रामलीला में विजयादशमी पूजन के बाद राम-रावण संग्राम हुआ। रावण वध के बाद आतिशबाजी कॉम्पिटीशन का सभी ने मजा लिया। आतिशबाजी के रंगों से माहौल खुशनुमा हो गया। इस मौके  पर ग्राउंड में डीएम अभिषेक प्रकाश, कमिश्नर केराम मोहन राव, डीआईजी एलवी एंटनी देव कुमार, एसपी आरए विनय कुमार, एडीएम सिटी देवेंद्र दीक्षित समेत पुलिस, प्रशासन के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। यहां आतिशबाजी के बाद डीएम, कमिश्नर ने रावण का पुतला दहन किया। इसी के साथ दशानन चित हो गया। इसके बाद विभीषण के राजतिलक और जानकी मिलन का मंचन हुआ। वहीं मॉडल टाउन में शाम सात बजे पुतला जलाया गया। यहां मेयर डॉ। आईएस तोमर और आईजी मुकुल गोयल मौजूद रहे। सुभाषनगर, जोगीनबादा, सदर बाजार में भी राम-रावण युद्ध के बाद रावण का अंत किया गया। इसी के साथ शहर के कई इलाकों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए।रावण ने दिया संदेश

मढ़ीनाथ में जारी रामलीला में परंपरानुसार दशहरे के अगले दिन रावण का पुतला जलाया जाता है। इससे पहले वेडनसडे को यहां के रावण ने पटेल चौक पर कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संदेश दिया। मेला कोऑर्डिनेटर देवेंद्र जोशी ने बताया कि मढ़ीनाथ रामलीला में थर्सडे को रात 9 बजे रावण का पुलता दहन किया जाएगा। वहीं अन्य रामलीलाओं में थर्सडे को राजगद्दी का आयोजन किया जाएगा।यहां तीनों दिन जलेगा रावणबरेली क्लब में रोटरी क्लब ऑफ बरेली साउथ की ओर से लगने वाला तीन दिवसीय दशहरा मेला थर्सडे से शुरू हो रहा है। मेले का समय शाम 4 बजे से है। मेले में स्टेज प्रोग्राम और कॉम्पिटीशंस भी ऑर्गनाइज किए जा रहे हैं। मेले में तकरीबन 150 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। सैटरडे तक चलने वाले इस मेले में तीनों दिन पुतला दहन किया जाएगा।  फिर आने की कामना से किया मां को विदाअश्चैर बोछोर आबार होबे, बोलो बोलो दुर्गा माई की जय दशमी पूजन के बाद दुर्गा पूजा पंडालों में विसर्जन की तैयारियां शुरू हुईं। हर किसी की जबान पर मां अगली बार फिर से पंडाल सजेकी कामना थी। पंडाल दुर्गा माई के जयकारों से गूंज उठे। दशमी पूजन के बाद दर्पण विसर्जन किया गया। इसके बाद मां क ो सिंदूर लगाने का क्रम शुरू हुआ। भक्तों ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर होली खेली। इसके बाद शुरू हुई विसर्जन   यात्रा, सड़क ों पर नाचते-गाते श्रद्धालुओं ने मां को रामगंगा ले जाकर विसर्जित किया। इसके बाद पंडाल में शांति जल और आशीर्वाद का दौर शुरू हुआ।

विदाई पर भारी हुआ मन
चार दिन से मां के सानिध्य में रह रहे भक्तगण दर्पण विसर्जन के समय भारी मन से जयकारे लगाते दिखे। पंडाल से शुरू होने वाली विसर्जन यात्रा से पहले जब दर्पण विसर्जन का पल आया तो वहां मौजूद श्रद्धालुओं की आंखें नम हो आईं। आखिर मां को विदाई जो देनी थी। दर्पण विसर्जन के लिए पंडाल में दर्पण रख कर उस पर जल डाला गया। इस दर्पण में पंडाल में मौजूद लोगों ने मां के मुकुट और पैरों का बिम्ब देखकर उन्हें विदाई दी। सिंदूर लगाकर लिया आशीर्वाददर्पण विसर्जन के बाद मां का सिंदूर वरण हुआ। इस दौरान लोगों ने मां को सिंदूर लगा कर आशीर्वाद लिया और फिर एक-दूसरे के साथ सिंदूर से होली खेली। ढाक की थाप और काशी के स्वरों के बीच चल रहे इस कार्यक्रम में मां की विसर्जन यात्रा की तैयारियां हुईं। मां को पंडाल से बाहर लाते समय भक्त मस्ती में झूम उठे और ढोल-नगाड़ों के साथ मां को रामगंगा के लिए ले जाने की यात्रा प्रारंभ हुई। रामगंगा में किया विसर्जन
पंडालों में प्रतिष्ठित मां की प्रतिमाओं को पंडालों से ले जाकर रामगंगा में विसर्जित किया गया। यहां सूर्यास्त से पहले ही मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमा को जल में प्रवाहित किया गया। इस दौरान माहौल भक्तिमय हो गया। पूरा घाट जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने नदी के बीच में जाकर मां को विसर्जित किया। इस दौरान महिलाएं, बच्चे भी मौजूद रहे। दुर्गा पूजा के दौरान शहर की लेडीज ब्रिगेड का एक्साइटमेंट देखने लायक था। विजर्सन के बाद भक्तों ने पंडाल में आकर शांति जल पूरा किया। बड़ों का पांव छूकर आशीर्वाद लिया और छोटों को गले लगाया।

Posted By: Inextlive