बरेली में पकड़े गए तीन साल्वर

एक-एक लाख रुपये पर एक कैंडिडेट से तय हुआ था सौदा

एटीएस राजस्थान की टीम ने बरेली एसटीएफ व क्राइम ब्रांच की हेल्प से पकड़ा एक साल्वर

BAREILLY: नकल माफिया के लिए अब किसी भी परीक्षा में सेंध लगाना मुश्किल नहीं रह गया है। सबसे सिक्योर मानी जानी वाली पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में भी सेंध लगा दी गई। संडे को सिटी में एग्जाम के दौरान राजस्थान एटीएस और क्राइम ब्रांच बरेली की हेल्प से तीन साल्वर को धर दबोचा। एक सॉल्वर गुरुनानक रिक्खी सिंह ग‌र्ल्स इंटर कालेज से तो दो साल्वर द्रोपदी कन्या इंटर कालेज में पकड़े गए। हालांकि बरेली के अलावा झांसी में मास्टरमाइंड अशोक विश्नोई के भी पकड़े जाने की खबर है। पुलिस परीक्षा में सेंध लगाने का सौदा महज एक एक लाख रुपये में तय हुआ था। पुलिस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी हुई है। साल्वर पकड़े जाने की सूचना पर एसपी क्राइम डॉक्टर एसपी सिंह, एसपी ट्रैफिक ओपी यादव, सीओ थर्ड धर्मसिंह मार्छाल व अन्य पुलिस टीम पहुंची और साल्वर से पूछताछ की ।

पहले से ही थ्ाी निगरानी

बरेली में लगातार परीक्षाओं में नकलचियों के पकड़े जाने के मामले सामने आए हैं। इसी के तहत पुलिस पहले से पूरी तरह से अलर्ट थी। बरेली एसटीएफ और क्राइम ब्रांच भी अलर्ट थी। राजस्थान एटीएस के द्वारा पहले से ही खबर देने के चलते कड़ी निगरानी रखी जा रही थी। केंद्र व्यवस्थापकों के साथ मीटिंग कर आईजी ने पहले से ही निगरानी रखने के निर्देश दे दिए थे। सिटी के अलग-अलग सेंटर में पुलिस की टीमें नजर बनाए हुए थीं। सबसे पहले गुरुनानक रिक्खी सिंह ग‌र्ल्स इंटर कालेज में साल्वर पकड़ में आया।

बरेली में दो दिन से थी राजस्थान एटीएस

एटीएस राजस्थान ने यूपी के आईजी एसटीएफ को यूपी में हो रही पुलिस भर्ती परीक्षा में नकल का अंदेशा जताया था। यूपी में अशोक विश्नोई ने करीब दो दर्जन युवकों को साल्वर के तौर पर भेजा था। एटीएस के बताने पर आईजी ने जोन में तैनात एसटीएफ और जिलों की क्राइम ब्रांच और लोकल पुलिस को भी एक्टिव कर दिया था। बरेली में भी एक राजस्थान एटीएस की एक टीम दो दिन पहले से ही डेरा डाले हुए थी। यहां पर एटीएस के एसआई चंद्रपाल और कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह, एसटीएफ प्रभारी अजयपाल से संपर्क साधे हुए थे।

पहले पड़ा छोड़ना

पहले से पुख्ता जानकारी के आधार पर एग्जाम शुरू होने के कुछ देर बाद ही एटीएस राजस्थान, एसटीएफ बरेली, क्राइम ब्रांच बरेली और थाने की पुलिस रिक्खी सिंह ग‌र्ल्स इंटर कालेज पहुंच गई। एग्जाम शुरू होने के बाद टीम ने कालेज की प्रिंसिपल और केंद्र व्यवस्थापक डॉक्टर मीना जैन से चेकिंग की परमीशन ली। रूम नंबर टू में कक्ष निरीक्षक पवन कुमार की ड्यूटी लगी हुई थी। टीमें रूम नंबर ख् में थर्ड रो की सीट नंबर ख् पर मकान नंबर क्07, मेन नोएडा रोड सुथियाना निवासी नीरज पुत्र विजेंद्र ंिसह के स्थान पर एग्जाम दे रहे राजस्थान के जालौर जिला के सांचेर निवासी दिनेश पुत्र लालाराम को पकड़ लिया। उसकी चेकिंग की लेकिन उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा क्योंकि उसके पास पूरे डॉक्यूमेंट थे। किसी सही कैंडिडेट की परीक्षा डिस्ट‌र्ब्ड न हो इसलिए टीम ने उसे छाेड़ दिया।

एक्सीडेंट का झूठ बोलकर पकड़ा

पुख्ता जानकारी होने के बावजूद भी साल्वर न पकड़ने से टीमें टेंशन में आ गई। टीमों ने तुरंत दिनेश का मोबाइल नंबर केंद्र व्यवस्थापक की हेल्प से हासिल किया। पुलिस ने मोबाइल में सेव नंबरों से फोन किया। पुलिस ने झूठ बोलकर बताया कि जिस युवक का मोबाइल है उसका एक्सीडेंट हो गया है। वह बरेली में एडमिट है। इसी बहाने से उन्होंने दिनेश का एड्रेस निकाल लिया। फिर टीम ने तुरंत जाकर उसे धर दबोचा और कड़ाई से पूछताछ की तब दिनेश ने पूरी बात कबूल ली।

बिल्ली रास्ता न काटती तो बच जाता

दिनेश ने बताया कि वह बीए फाइनल कर रहा है। उसके पिता लालाराम खेती करते हैं। उसकी घर के आसपास के रहने वाले अशोक विश्नोई से मुलाकात हुई थी। अशोक ने ही उसे नीरज की जगह एग्जाम देने के लिए भेजा था। इसके लिए उसे क् लाख ख्0 हजार रुपये मिलने थे। बरेली में वह सैटरडे रात में आ गया था और स्टेशन पर ठहरा था। वह खुद के लिए राजस्थान में बीएसटी का एग्जाम दे चुका है लेकिन वह फेल हो गया था। दिनेश भी अंधविश्वास में भरोसा करता है। उसका कहना है कि जब वह एग्जाम देने आ रहा था तो बिल्ली उसका रास्ता काट गई जिसके चलते ही वह पकड़ा गया।

आधार कार्ड और ओरिजिनल मार्कशीट मिलीं

नीरज कौन है इस बारे में दिनेश को नहीं पता है। दिनेश के पास से नीरज के नाम पर बना आधार कार्ड मिला है लेकिन इस पर उसने अपना फोटो लगा रखा था। उसके पास से नीरज के ओरिजिनल एजुकेशन डॉक्यूमेंट भी मिले हैं। इसके अलावा एग्जाम संबंधी डॉक्यूमेंट और मोबाइल भी मिला है। पकड़े जाने के बाद वह खुद को छुड़ाने की भी कोशिश करने लगा। उसने पुलिस से साफ-साफ कहा कि उन्हें कितना अमाउंट चाहिए।

Posted By: Inextlive