Bareilly: आजादी के बाद से हम साल दर साल और ज्यादा मॉडर्न होने की खुशी मनाते हैं. पर इस खुशी की जड़ बहुत ही खोखली है. इसका अंदाजा सेंसस 2011 के लिटरेसी रेट के आंकड़ों से लगाया जा सकता है. आंकड़ों के मुताबिक बरेली में फीमेल लिटरेसी रेट केवल 50.35 परसेंट है. जबकि मेल लिटरेसी का परसेंटेज 69.47 है. हालांकि यूपी में फीमेल लिटरेसी रेट 59.3 परसेंट और मेल लिटरेसी रेट 79.2 परसेंट है. इस मामले में प्रदेश का स्थान टोटल 35 स्टेट्स और यूनियन टेरेटिरीज में 33वां है. देश के आंकड़ों की बात करें तो यहां मेल और फीमेल लिटरेसी रेट 82.14 और 65.46 परसेंट है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बरेली अभी काफी पीछे है.


फीमेल लिटरेसी को लेकर अभी समाज की सोच विकसित नहीं हुई है। अभी भी सोच में जकडऩ और संकोच बाकी है। इसमें बदलाव की जरूरत है। जहां भी गल्र्स को मौका मिला है, उन्होंने खुद को साबित किया है पर समाज क ो यह समझना होगा कि महिलाओं की पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के अलावा भी कोई भूमिका हो सकती है। जो शिक्षा के बिना पूरी नहीं हो सकती है।-प्रो। एनपी सिंह, एजुकेशनिस्ट

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