-चुनाव में महज गिनती के दिन बचे, प्रत्याशियों के लिए अब एक एक पल बेशकीमती

-कांग्रेस कैंडीडेट और मौजूदा सांसद प्रवीण ऐरन के साथ आई नेक्स्ट टीम ने बिताया पूरा दिन

BAREILLY: दोपहर के क् बजे का समय, चिलचिलाती धूप में भोजीपुरा के दोहरिया चौराहे पर कांग्रेस के क्षेत्रीय कार्यकर्ता अपने सांसद और सिटिंग एमपी प्रवीण सिंह ऐरन का वेट कर रहे थे। नेताजी अपने एसयूवी से उतरे ही थे कि कार्यकर्ताओं के हुजूम ने घेर लिया। हम भी अपनी कार से उतर थोड़ा नजदीक गए तो हवा में बेचैनी तैरती मिली। उनकी बेसब्री सरेआम गवाही दे रही थी कि नेताजी दो घंटे देरी से पहुंचे थे। उन्होंने कुछ देर तक बात और कार्यकर्ताओं के साथ अगले पड़ाव पर निकल पड़े। असल में फ्राइडे को रोड शो का प्रोग्राम तो पहले से ही तय था लेकिन घर से निकलते हुए कुछ लोगों से मीटिंग के चलते देर हो गई।

शहर में सुप्रिया, देहात में प्रवीण

कैंपेनिंग के लिए अब ज्यादा टाइम नहीं है। मुश्किल से फ् से ब् घंटे ही सो पाते हैं। शहर में तो कैंपेनिंग की कमान उनकी हमसफर पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन ने संभाल रखा है। सुबह म् बजे ही उठ जाते हैं, चाय की चुस्कियों के साथ विभिन्न अखबारों की मोटी-मोटी हेडलाइंस पर नजर डालते हुए दिनभर की एक्टिविटीज को भी मन में टोटलते रहते हैं। सुबह 7:फ्0 बजे डाइनिंग टेबल पर बात छिड़ी तो इन दिनों की व्यस्तता की बात छिड़ी। बोले घर से निकलने से पहले ही फोन आने लगते हैं। वैसे तो कैंपेनिंग का प्रोग्राम पहले से ही सब फिक्स हो जाता है, लेकिन उनका प्रोग्राम लगाने के लिए सुबह से ही फोन घनघनाने लगते हैं। असल में विरोधी पार्टियों द्वारा सताए जाने की कंप्लेन इसमें अधिक होती है। सभी की सुनना और उसका हल निकालना, रुटीन हैबिट में, शायद इसलिए घर से निकलने से पहले ही मिलने वालों का तांता लग जाता है। लोगों से मिले उनकी भी सुनी और खुद ही ड्राइव करते हुए कैंपेनिंग के प्रोग्राम को थोड़ा डिले कर अर्जेट मीटिंग की ओर चल पड़े।

तुफानी दौरे पर हैं आजकल

भोजीपुरा स्थित कमुआ गांव के अपने पड़ाव की ओर निकलने से पहले नेताजी हमारी ही गाड़ी में बैठ गए। चुनावी बात छिड़ी तो बोले, हमारा हमारे कार्यकाल में जिले में हुआ विकास ही हमारी ताकत है। बोल, वैसे पल-पल समीकरण बदल रहे हैं। छोटी-छोटी सभाओं में लोगों को भी उसी समीकरणों को समझाते हैं। ताकि उन्हें इस बात की खबर रहे कौन अपना है कौन पराया। इलेक्शन के लिए टाइम बहुत कम है, ऐसे में नेताजी रोजाना ख्भ् गावों का तुफानी दौरा कर रहे हैं। बोले हर क्षेत्र की टीम अलग है, जहां जाते हैं वहां की टीम उनके साथ हो लेती है। ज्यादा देर नहीं बोलते, लेकिन जो पते की बात बोल जाते हैं उस क्षेत्र की टीम उसको विस्तार से बाद में बताती है। कहते हैं मैरा किया हुआ काम तो सबके सामने है, ज्यादा क्या बोलूं।

गाड़ी में खाना और उसी में सोना

खाने की भी फुर्सत नहीं है। सुबह हल्का टोस्ट और फ्रूट्स ले लिया। दोपहर में किसी कार्यकर्ता के यहां खाना तैयार हो जाता है। टाइम मिला तो वहीं खा लिया नहीं तो रास्ते में गाड़ी में ही हल्का-फुल्का खा लिया। एक मंजिल से दूसरी मंजिल के बीच थोड़ी थकान महसूस हुई तो गाड़ी में ही झपकी ले ली। नेताजी का अंदाज ही निराला है, हाथ तो जोड़ते ही हैं, मौका मिला तो झट से हाथ मिला लिया या फिर कंधे पर हाथ रखकर हालचाल पूछ लिया। इस अपनेपन के दौरान लोगों से समर्थन मांगना नहीं भूलते। कमुआ, मिलक इमाम नगर, जिटाउऊआ, धौराटांडा से होते हुए यह तुफानी सिलसिला कहीं रात के क्ख् बजे के बाद ही जाकर थमता है, इसके बार गाड़ी वापस घर की ओर कल की प्लानिंग के साथ

Posted By: Inextlive