तो रानियों से छिन जाएंगी रिवाल्वर
फायरिंग टेस्ट जरूरी होने से 1 हजार से अधिक महिलाओं के लाइसेंस हो सकते हैं कैंसिल
ज्यादातर महिलाओं को नहीं चलाने नहीं आते शस्त्र BAREILLY: बरेली की रानियों से रिवाल्वर छिनने वाली है। आप सोच रहे होंगे कि हम किन रानियों की बात कर रहे हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं बरेली में शस्त्रधारी महिलाओं की, जिनके लाइसेंस कैंसिल होने की संभावना बढ़ गई है। लाइसेंस कैंसिल होने की वजह होगी फायरिंग टेस्ट, क्योंकि ज्यादातर महिलाओं को बंदूक का ट्रिगर दबाना ही नहीं आता है। यही नहीं महिला के नाम पर नया शस्त्र लाइसेंस लेना भी टेढ़ी खीर साबित होगी। नाम किसी के काम करे कोईबरेली में करीब 39 हजार लोगों के पास शस्त्र के लाइसेंस हैं। इनमें से करीब 1100 महिलाएं हैं। इन महिलाओं के नाम लाइसेंस तो है लेकिन करीब 1050 ने कभी बंदूक का ट्रिगर दबाना तो दूर बल्कि सही से बंदूक भी नहीं पकड़ी होगी। इसकी वजह है कि लाइसेंस पर सिर्फ नाम महिलाओं का है लेकिन शस्त्र हैंडिल उनके पति या कोई अन्य पुरुष फैमिली मेंबर ही करते हैं।
सभी को पास करना है टेस्टशासन के निर्देशों के तहत डीएम गौरव दयाल ने डिस्ट्रिक्ट में सभी शस्त्र लाइसेंस धारकों के लिए फायरिंग टेस्ट पास कराना जरूरी कर दिया है। चाहे नया लाइसेंस हो या फिर पुराना सभी को टेस्ट पास करने के बाद ही लाइसेंस मिलेगा। ऐसे में महिलाओं के लिए फायरिंग टेस्ट पास करना सबसे बड़ी मुसीबत होगी। आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही इसका असर देखने को मिलने लगा है।
कलेक्ट्रेट पहुंच रहे पूछने कलेक्ट्रेट के शस्त्र विभाग में पहले से लाइसेंसधारी लोग पूछने पहुंच रहे हैं कि क्या उनकी पत्नी को टेस्ट पास करना ही होगा। नवाबगंज एक शख्स लाइसेंस रिन्यूअल के लिए पहुंचा तो उसने शस्त्र विभाग के कर्मचारियों से कई सवाल कर दिए। शख्स की पत्नी के नाम लाइसेंस है। उसकी पत्नी आठ महीने की प्रेगनेंट है। डिलीवरी होने के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार होने में कुछ महीने का तो वक्त लगेगा ही। ऐसे में फायरिंग टेस्ट पास तो दूर देना ही बड़ी मुश्किल है। 2------------------------- सितंबर तक रिन्यूअल का चांसमहिलाओं के अलावा पुरुषों के लिए भी शस्त्र लाइसेंस रखना आसान नहीं होने वाला है। यदि सितंबर तक शस्त्र के लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराया तो समझो लाइसेंस कैंसिल होना है। रिन्यूअल के दौरान सभी को 27 प्वाइंट का फॉर्म फिल करके डॉक्यूमेंट देने होंगे, जिसके बाद लाइसेंसधारी को एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा। इसे नेशनल डाटा आर्म लाइसेंस (एनडीएएलल) साफ्टवेयर में फीड किया जाएगा। इस साफ्टवेयर के जरिए दूसरे डिस्ट्रिक्ट में शस्त्र का लाइसेंस ट्रांसफर कराने में कोई प्राब्लम नहीं होगी।
क्ख् हजार ने रिन्यूअल के लिए दिए डॉक्यूमेंट लाइसेंस रिन्यूअल के तहत बरेली डिस्ट्रिक्ट से क्ख् हजार लोगों ने डॉक्यूमेंट प्रोवाइड करा दिये हैं। इसके तहत शपथ पत्र, डेट आफ बर्थ और व्यवसाय से संबंधित डॉक्यूमेंट भी पेश करने होंगे। यूनिक आईडी के जरिए लाइसेंस धारक का पूरा रिकार्ड आसानी से निकलकर सामने आ जाएगा। यही नहीं पुलिस के लिए भी इसमें काफी आसानी होगी क्योंकि, यदि कोई शस्त्र लाइसेंस का गलत यूज करता है तो उसका पूरा रिकॉर्ड यूनिक आईडी से निकाल लिया जाएगा।