नए सेशन का फर्स्ट हॉफ, पूरी तरह रहा फ्लाप
-पहले 50 दिनों में मूल्यांकन और एडमिशन की भेंट चढ़ा पठन-पाठन
-प्राइमरी स्कूलों में बिना किताबों के चली कक्षाएं, 50 फीसदी छात्र रहे नदारद -20 मई तक एडमिशन पूरे न होने की वजह से ज्यादातर स्कूल जुलाई तक जारी रखेंगे एडमिशन पहले भ्0 दिनों में मूल्यांकन और एडमिशन की भेंट चढ़ा पठन-पाठन -प्राइमरी स्कूलों में बिना किताबों के चली कक्षाएं, भ्0 फीसदी छात्र रहे नदारद -ख्0 मई तक एडमिशन पूरे न होने की वजह से ज्यादातर स्कूल जुलाई तक जारी रखेंगे एडमिशन BAREILLY: BAREILLY: अप्रैल से एजुकेशन सेशन शुरू करने के प्रयोग का फर्स्ट हॉफ वेडनसडे को खत्म हो गया। क् अप्रैल सेख्0 मई तक पूरे भ्0 दिन तक चला ये फर्स्ट हॉफ हर स्तर पर पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ है। शासन ने बिना कोई ठोस रणनीति बनाए सेशन शुरू कर दिया। लिहाजा, प्राइमरी व मिडिल के छात्रों को नई क्लास की किताबें तक नसीब नहीं हो सकीं। तो हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई मूल्यांकन और नए दाखिलों की भेंट चढ़ गई। अब स्कूल विंटर वेकेशन के बाद क् जुलाई से खुलेंगे। तब कहीं जाकर स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो सकेगी। फिलहाल कैसे गुजरा भ्0 दिन का फर्स्ट हॉफ आइए बताते हैं
किताबों का इंतजार करते रह गए बच्चेएक अप्रैल से नई क्लास में आए प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चे पूरे भ्0 दिन बस नई किताबों का ही इंतजार करते रह गए। बेसिक शिक्षा परिषद ने नई किताबे प्रिंट नहीं करा सका। फजीहत से बचने के लिए विभाग ने स्टूडेंट्स को पुरानी किताबों से पढ़ाने का फरमान जारी कर दिया। बावजूद इसके तकरीबन 9भ् पर्सेट स्टूडेंट्स बिना किताब के रह गए। इसके अलावा नए सेशन में पहली बार दो इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल शुरू हुए, जो बिना किसी पुराने सिलेबस के किस प्रकार चलाए जा रहे हैं, इस बदत्तर स्थिति का अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
मूल्यांकन और एडमिशन में निकले भ्0 दिनइंटरमीडिएट स्कूलों में मूल्यांकन की वजह से क्भ् अप्रैल तक क्लासेस नहीं लग सकी, क्योंकि ज्यादातर स्कूलों के टीचर्स कॉपी जांचने में लगे हुए थे। इसके बाद स्कूल खुले तो बच्चे ही स्कूल नहीं पहुंचे, क्योंकि बच्चे प्रोविजनल प्रोसेस के तहत एडमिशन लेने से डर गए। कस्तूरबा गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल रश्मि जायसवाल ने बताया कि स्टूडेंट्स ने पहले प्रोविजनल एडमिशन नहीं लिया, क्7 मई को रिजल्ट आने के बाद क्क् वीं क्लास में एडमिशन शुरू हुए हैं। ख्0 मई तक इस स्कूल में सिर्फ क्भ् फीसदी एडमिशन ही हुआ है। जीजीआईसी, एसबी इंटर कॉलेज, पीसी आजाद इंटर कॉलेज समेत जिले के अमूमन स्कूलों में नए एडमिशन की दर यही है।
जुलाई तक होंगे एडमिशन शहर के बड़े स्कूलों को छोड़ दें तो ज्यादातर इंटर कॉलेजों में मात्र क्भ् फीसदी ही नए एडमिशन हो पाए हैं। ऐसे में अभी नए सेशन के एडमिशन जुलाई महीने तक जारी रहेंगे। नए सेशन क् अप्रैल से भले शुरू हो गया हो, लेकिन एजुकेशन एक्ट में बदलाव नहीं हुआ है, जिसके चलते स्कूल फ्0 सितंबर तक एडमिशन कर सकते हैं। स्कॉलरशिप बनी रही टेंशन नए सेशन में स्कॉलरशिप फार्म भरना स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए टेंशन बना रहा। ख्0 मई तक एडमिशन पूरे नहीं हो सके हैं। जबकि क्0वीं व क्ख्वीं क्लास के स्कॉलरशिप फार्म भरने की लास्ट डेट खत्म हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर 9वीं और क्क्वीं क्लासेस के लिए स्कॉलरशिप फार्म की लास्ट डेट क्भ् जून है, लेकिन ख्0 मई को स्कूल बंद हो जाने से छुट्टियों के दौरान नए एडमिशन होने की संभावना बहुत कम है। ज्यादातर छात्र जुलाई तक दाखिले का समय मानकर चल रहे हैं, ऐसे में इस साल संभावना है कि बड़ी संख्या में छात्र स्कॉलरशिप से वंचित रह जाएंगे।- प्राइमरी स्कूलों में किताबें और वर्क बुक नहीं पहुंची, इसलिए निरीक्षणों के दौरान तमाम स्कूल बंद मिले
- जिले में कुल क्098 बेसिक, और करीब फ्भ्0 हाईस्कूल व इंटरमीडिएट स्कूल हैं, जिसमें करीब ब् लाख छात्र पढ़ रहा है। - जिले के बिथरी चैनपुर ब्लॉक में प्रयोग के रुप में शुरू हुए दो इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूलों में सिलेबस न पहुंचने के चलते पूरी तरह पढ़ाई ठप रही। -मूल्यांकन केंद्र बनने के चलते जीआईसी, केडीएम इंटर कॉलेज, बिशप मंडल इंटर कॉलेज व एफआर इस्लामियां इंटर कॉलेज में ख्0 अप्रैल तक नहीं हो सकी पढ़ाई हमारे शिक्षकों ने घर-घर जाकर अभिभावकों को क् अप्रैल से सेशन शुरू होने की जानकारी दी, लेकिन अभी लोगों को जुलाई में दाखिला कराने की आदत है। इसलिए इन पचास दिनों में ज्यादातर बच्चे छुट्टी पर चले गए, जिसका असर पढ़ाई पर पढ़ा। - विशू गव्र्याल, डिप्टी बीएसए नए बदलाव की वजह से परेशानियां तो निश्चित तौर पर आई हैं। इन सेशन से दो नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खुले, लेकिन इनका सिलेबस उपलब्ध नहीं हो सका। ऐसे में टीचर्स ने भ्0 दिन में बच्चों को जनरल बातें सिखाई होंगी। - शशि देवी शर्मा, एडी बेसिकसीबीएसई की नकल करने के लिए स्टेट बोर्ड ने जो भी बदलाव किए, वह पूरी तरह से फ्लॉप है। इस दौरान मूल्यांकन चलता रहा, पूरे भ्0 दिन में मुश्किल से क्0 दिन भी पढ़ाई नहीं हो सकी।
- सुरेश रस्तोगी, जिलाध्यक्ष-प्रधानाचार्य परिषद