जहर का सेवन करने वाली दूसरी बहन ने भी तोड़ा दम
बरेली (ब्यूरो)। नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव में भाई के डांटने पर जहर खाने वाली दूसरी किशोरी ने भी सोमवार शाम दम तोड़ दिया। दोपहर में ही घरवाले एक किशोरी का अंतिम संस्कार करके घर लौटे थे। इससे पहले अस्पताल में भर्ती किशोरी का नायब तहसीलदार नमृता ने बयान दर्ज किए थे। किशोरी ने जहर खाने की बात कही थी।
नवाबगंज थाना क्षेत्र के एक ही गांव की रहने वाली दोनों किशोरियां हम उम्र थीं। एक किशोरी की उम्र 15 तो दूसरी की 16 वर्ष थी। रिश्ते में दोनों सगी मौसेरी बहनें थीं, दोनों के बीच काफी करीबी थी। चूंकि दोनों के घर पड़ोस में ही थे इसलिए सुबह से लेकर शाम तक वह एक साथ ही रहतीं थी। जब परिवार को यह अटपटा लगा तो उन्होंने टोंक दिया। एक किशोरी के पिता हिमाचल प्रदेश में रहकर मजदूरी करते तो बीते दिनों वह परिवार के साथ हिमाचल चली गई थी। वहां से भी दोनों के बीच काफी बातचीत होती। अभी रक्षा बंधन पर जब वह घर आई तो यहीं पर रूक गई। पूरे पूरे दिन एक साथ देख किशोरी के भाई ने डांट दिया। कहा कि जब काम हुआ करे तो ही उसके घर आया करें। फालतू में समय खराब न किया करें। इससे आहत दोनों किशोरियों पड़ोसी गांव के एक दुकान पर गईं और वहां से गेंहू में लगाने वाली दवा (जहर) लेकर आईं। दोनों ने उसे खाने के बाद स्वजनों को बताया कि उन्होंने जहर खा लिया है। हालत बिगड़ी तो अस्पताल लेकर दौड़े एक किशोरी ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। दूसरी की इलाज के दौरान सोमवार की शाम को मौत हो गई।
एक का हुआ अंतिम संस्कार, दूसरी की तैयारीमृतक किशोरियों के परिवार के ऊपर मुसीबत का बांध एक साथ टूट गया। दोनों की नजदीकियों में दो परिवार पर गमों का पहाड़ टूटा है। इलाज के दौरान जब किशोरी ने अपने बयान दर्ज कराए तो स्वजनों को एक उम्मीद जागी। लगा कि उनकी बेटी अब ठीक हो जाएगी। मगर सोमवार शाम को उसकी हालत बिगड़ी और उसकी भी मौत हो गई। परिवार अभी एक किशोरी का अंतिम संस्कार करके बैठ नहीं पाया कि तब तक दूसरे के अंतिम संस्कार की तैयारी करनी पड़ गई।
दुकानदार ने किशोरियों को कैसे दिया जहर
इस पूरे मामले में एक सवाल खड़ा होना लाजिमी है। जिस दुकान से किशोरियों ने जहर खरीदा था उस दुकान संचालक ने उनकी बिना उम्र जाने जहर कैसे दे दिया। इस मामले में पुलिस को उस दुकान संचालक से भी पूछताछ करनी चाहिए।