Bareilly: भईया हमारी मदद कर दीजिए. बाहर कफ्र्यू लगा है. हमे घर जाना है. हमें एम्बुलेंस नहीं प्रोवाइड की जा रही है. पैसे भी नहीं हैं. ये दर्द नेतराम का है. नेतराम महिला डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अपनी वाइफ की डिलीवरी करवाने के लिए आए थे. सीएमएस डॉ मंजरी नारायण के पास समस्या बयां करने के बावजूद उन्हें एम्बुलेंस मुहैया नहीं करवाई गई. दंगा भड़कने के बाद ये दर्द किसी महिला डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कई पेशेंट और तीमारदारों का है.


साफ कर दिया इंकारनेतराम की वाइफ चिमनिया सोमवार को हॉस्पिटल में एडमिट हुई थी। नॉर्मल डिलीवरी से उसे स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। उसे 24 आवर अंडर ऑब्जर्वेशन में रखा गया। थर्सडे मॉर्निंग डिस्चार्ज होने के बाद जब उन्होंने घर जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की तो उन्हें साफ मना कर दिया गया।  लिखित नहीं दिया नेतराम ने सीएमएस ऑफिस जाकर चिकित्सा अधीक्षक विजय यादव से मिले तो उन्होंने नेतराम को महिला सीएमएस से लिखित में लेकर आने के लिए कहा। महिला सीएमएस ने लिखित भी देने से इंकार कर दिया। जब पेशेंट ने कई बार महिला सीएमएस से अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने उसका पर्चा वापस लेने के डायरेक्शन जारी कर दिए, ताकि उसे दोबारा एडमिट करा जा सके। हॉस्पिटल में टोटल 5 एम्बुलेंस हैं, जिनमें से एक महिला डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को दी गई है। रही एम्बुलेंस की चिंता
महिला सीएमएस से इस वाकये पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि आप लोगों को तो पेशेंट की सिक्योरिटी की पड़ी है। एम्बुलेंस की सिक्योरिटी कौन करेगा? जब उनसे ये कहा गया कि प्राइवेट एम्बुलेंस तो सड़कों पर दौड़ रही हैं, तो वो बगले झांकने लगी।

Posted By: Inextlive