अक्षय तृतीया पर शुभ लग्न में करें पूजन
- शुभ मुहूर्त में पूजा करने से सारे कार्य होंगे सिद्ध
- सभी राशि के जातकों के लिए अक्षय तृतीया रहेगी फलदायी BAREILLY: अक्षय तृतीया वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों में मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान पूर्वक मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा करने से सारे पापों का नाश होता है और कार्य सिद्ध होते हैं। पंडितों का कहना है कि व्यक्ति को अपनी राशि के मुताबिक शुभ लग्न में पूजा और दान करना श्रेष्ठ फलदायी होगा। इस दिन गंगा में स्नान करने के साथ ही जातक को अपनी राशि के हिसाब से गोल्ड, जमीन, सिल्वर सहित अन्य चीजें खरीदनी चाहिए। सबसे उत्तम मुहूर्त - सुबह म्.फ्0 बजे से लेकर 9.फ्0 बजे का मुहूर्त वृष राशि के लोगों के लिए अति उत्तम मुहूर्त है।- सुबह क्0.फ्0 बजे से लेकर क्ख् बजे तक के मुहूर्त में मिथुन, कर्क राशि के लिए उत्तम समय है।
- क्ख् बजे से दोपहर फ् बजे तक का समय मेष, सिंह, धनु, कन्या राशि के लिए उत्तम समय है। - दोपहर फ्.फ्0 से भ्.फ्0 बजे तक का समय तुला राशि के लिए महत्वपूर्ण है। - शाम भ्.फ्0 से 7.फ्0 बजे तक का मुहूर्त वृश्चिक राशि वालों के लिए अति उत्तम है।राशि के अनुसार खरीदारी और दान करें
राशि - खरीदें - दान करें। मेष - स्वर्ण आभूषण, भूमि - गुड़ और चना। वृष- चांदी व अन्य सफेद वस्तु - गेहूं। मिथुन - भवन, गृह उपयोगी वस्तु - मूंग। कर्क - चांदी, भवन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम - गुड़, चावल, मीठा जल। सिंह - स्वर्ण, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम - गुड़, चना और तेल। कन्या - वाहन, हरे रंग की वस्तुएं - मूंग और हरा फल। तुला - वाहन, भवन, सफेद वस्तु - जौ, फल व मीठा जल।वृश्चिक - भूमि, भवन, वाहन - गुड़ व चावल।
धनु - स्वर्ण आभूषण, वाहन - जौ, फल व मीठा जल। मकर - स्वर्ण और भूमि - फल व जल। कुंभ - स्वर्ण, तांबा व कांसा - फल व जल। मीन - भूमि, भवन, और वाहन - जौ व पीला फल। विभिन्न राशि के जातक ये उपाय करें मेष- लाल कपड़े में सवा किलो लाल मसूर बांध कर अपने स्थल पर दक्षिण दिशा में रखें। वृष- मटके में गंगा जल भर कर सफेद कपड़े से मुंह बांधकर दक्षिण पूर्व के मध्य आग्नेय कोण में रखें। मिथुन- हरे कपड़े या कांसे के बर्तन में पांच सौ ग्राम साबुत मूंग उत्तर दिशा में रखें।कर्क- बर्तन में शुद्ध जल में चांदी का सिक्का या पदार्थ डालकर पश्चिम उत्तर अर्थात वायव्य दिशा में रखें।
सिंह- एक तांबे अथवा पीतल के पात्र में सेंधा नमक भरकर पूर्व दिशा में रखें। कन्या- किसी भी पानी के पात्र में कपूर डालकर उत्तर दिशा की ओर रखें। तुला- कोई भी सफेद रंग की मूर्ति अथवा तस्वीर या कोई पदार्थ पूर्व दक्षिण के मध्य आग्नेय दिशा में रखें। वृश्चिक- शहद की शीशी अपने कार्यस्थल के दक्षिण ओर स्थापित करें। धनु- किसी भी धार्मिक पुस्तक को कपड़े में लपेट कर पूर्वोत्तर अर्थात ईशान दिशा में रखें। मकर- किसी लोहे अथवा स्टील के बर्तन में नारियल के तेल में काले तिल डालकर पश्चिम दिशा की ओर स्थापित करें। कुंभ- एक नारियल में काला धागा बांधकर किसी शिव मंदिर में अर्पित कराएं और दूसरे नारियल पर काला धागा बांध कर अपने कार्य स्थल के पश्चिम की ओर स्थापित करें। मीन- सवा मीटर पीले कपड़े को गंगाजल से शुद्ध करके गंगा जल से शुद्ध किए ख्क् सिक्के बांधकर कार्य स्थल के पूर्वोत्तर अर्थात ईशान दिशा में स्थापित करने से संस्थान, प्रतिष्ठान तथा आपकी उन्नति के योग बनने लगेंगे।अक्षय तृतीया पर पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। जातक अपनी राशि के मुताबिक शुभ-लग्न में लक्ष्मी व भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन करें। इस दिन छोटे-छोटे उपाय कर जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
-पंडित डॉ। संजय सिंह