बालक एकल 13 वर्ष में अक्षर ने मुकाबला जीत किया फाइनल में प्रवेश
(बरेली ब्यूरो)। जिला बैडङ्क्षमटन एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को स्पोट््र्स स्टेडियम में शीतकालीन जिला बैडङ्क्षमटन प्रतियोगिता का आगाज हो गया। बालक एकल 13 वर्ष में अक्षर ङ्क्षसह ने हेमंत ङ्क्षसह को 11-21, 21-19, 21-17 के मुकाबले में हराकर फाइनल में प्रवेश किया। कनिष्क यादव ने अस्मित ङ्क्षसह को 22-20, 21-14 से हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई। बालक एकल 15 वर्ष में युवराज ने शंशाक को 21-09, 21-11 से हराकर मुकाबला जीता।
हारकर जीत मुकाबला
अक्षर ङ्क्षसह ने प्रणव सेन को 30-19 से हराकर और सदेह अहूजा ने शुभ खंडेवाल को 30-21 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। बालक एकल 17 वर्ष में युवराज ङ्क्षसह ने माधव गुलाटी को क्र्वाटर फाइनल में 30-21 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। दूसरे क्र्वाटर फाइनल में नित्यांशु ने मोहित कटारिया को 30-17 से हराया। पुरूष एकल में विशाल पंचनंदा ने अभिराज वर्मा को 30-18 से और अभिलव शर्मा ने नित्यांशु को 30-29 से हराकर सेमीफाइनल जीता।
सेमीफाइनल में बनाई जगह
बालिका एकल 15 वर्ष में अवनी सक्सेना ने गर्बिता अग्रवाल को 21-6 और 21-11 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। आरुषि ने साक्षी को 21-9, 21-4 से हराकर फाइनल मुकबला जीता। बालिका एकल 17 वर्ष में ईशा ङ्क्षसहधा को 21-12, 21-7 से हराकर फाइनल में पहुंची। महिला एकल 19 वर्ष में वानी शर्मा ने ईशिता को 21-14, 21-12 से और काव्या ने ईशा को 21-19, 21-18 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। मुख्य अतिथि शहर विधायक डा। अरुण कुमार ने कहा कि बीडीए की ओर से रामगंगा विहार डोहरा रोड पर खिलाडिय़ों के लिए एक सात कोर्ट का बैडङ्क्षमटन हाल और बहुउद्देशीय हाल बनाया जा रहा है, इससे खिलाडिय़ों की प्रतिभा में निखार आएगा। इस मौके पर बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जोगेंद्र ङ्क्षसह, एसोसिएशन के सचिव अनिल मेहरोत्रा, अध्यक्ष डीएल खट्टर, बसंत चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
वर्जन
पिछले एक वर्ष से बैडमिंटन की प्रैक्टिस कर रहे हैं। जिससे यह प्रतियोगिता करो जीत सकूं। जिसके लिए रोज कम से कम तीन घंटे प्रैक्टिस करती हूं।
निधि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में पहली बार भाग लिया है। ऐसे में थोड़ा सा हारने का डर लग रहा है। लेकिन कोशिश पूरी कर रहें हैं। बाकी जीतना हारना अलग बात है।
शुभ एक बार स्कूल की प्रतियोगिता में भाग लिया है। जिसमें थोड़ा सी प्रर्दशन किया। उसके बाद से स्टेडियम ज्वॉइन कर लिया। इसके बाद से यहीं प्रैक्टिस करती हूं। एकच् अच्छी बैडमिंटन प्लेयर बनने का सपना है।
आरुषि
बैडमिंटन का बहुत शौक है। पहले से ही यही गेम खेलता था। अभी कुछ महीनों से ही सीखना शुरु किया है। प्रक्टिस के साथ घर मेें सिस्टर के साथ भी खेलता हूं। मैं इसी में आगे भी कैरियर बनाना चाहता हूं।
इस्माइल