Bareilly: देश के लिए एयर पॉल्यूशन एक बड़े खतरे के रूप में तेजी से उभर रहा है. ओजोन लेयर की मोटाई घटती जा रही है जिससे न केवल पूरे एनवायरमेंट पर बल्कि मानव जाति पर भी दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं. अब देश भर के एयर पॉल्यूशन पर बरेली की नजर रहेगी. नेशनल मॉनिटरिंग बोर्ड का सब सेंटर बरेली में खुलने जा रहा है. जो देश भर के विभिन्न जगहों के एयर पॉल्यूशन के डाटाज कलेक्ट करेगा. इन डाटाज की मॉनिटरिंग करने का जिम्मा बरेली के पास रहेगा. वह इस बात की रिसर्च करेगा कि एयर पॉल्यूशन में किन कणों की मात्रा ज्यादा है और इससे एनवायरमेंट पर क्या इफेक्ट पड़ता है. साथ ही वह एयर पॉल्यूशन पर लगाम लगाने के लिए सुझाव भी बताएगा.


बॉटनी विभाग को मिला जिम्माबरेली कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट में नेशनल मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट की पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की नेशनल मॉनिटरिंग बोर्ड ने डिपार्टमेंट को यह जिम्मा दिया है। इसके लिए डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। डीके सक्सेना को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। बीसीबी का यह नेशनल मॉनिटरिंग सिस्टम देश के चारों हिस्से ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ और साउथ के इंपॉर्टेंट प्लेसेज के एयर पॉल्यूशन की स्थिति का आंकलन करेगा।अब तक प्रदेश को भेजते थे आंकड़ेइससे पहले बीसीबी का यह डिपार्टमेंट यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को अपना आंकड़ा भेजता थे। सिटी समेत गढ़वाल, कुमाऊं और अल्मोड़ा से एयर पॉल्यूशन के रोजाना आंकड़े कलेक्ट कर भेजते थे। बरेली सिटी में आईवीआरआई और प्रभा सिनेमा स्थित आईओसी पेट्रोल पंप पर एयर पॉल्यूशन चेक करने के लिए सिस्टम फिट किए गए हैं।डेवलप करेंगे नेटवर्क
जितने भी चार जगहों पर सब सेंटर डेवलप किए जा रहे हैं, वे डिफ्रेंट सिटीज में अपना नेटवर्क डेवलप करेंगे। जहां से पॉल्यूशन के आंकड़े उनके सब सेंटर्स पर कलेक्ट किए जाएंगे। और वहां से सभी तीनों सब सेंटर्स के आंकड़े बरेली के सेंटर पर रोजाना कलेक्ट किया जाएगा। इसके लिए बॉटनी डिपार्टमेंट में स्थित मॉनिटरिंग सिस्टम को हाई फ्रिक्वेंसी के ब्रॉडबैंड से लैस किया जाएगा। जिससे सभी एरियाज के डाटाज रोजाना कलेक्ट हो सकें। इन सभी डेली डाटाज की मंथली शीट बनाकर डिपार्टमेंट सेंट्रल मॉनिटरिंग बोर्ड को भेजेगा।होगी डीप स्टडीइन सभी एरियाज से कलेक्ट किए गए एयर पॉल्यूशन के डाटाज की डिपार्टमेंट में डीप स्टडी की जाएगी। उनका आंकलन कर यह पता लगाया जाएगा कि कौन से एरियाज में कौन से कण एयर को ज्यादा इफेक्ट करते हैं। सभी स्पेसिफिक एरियाज की डीप स्टडी की जाएगी। किसी स्पेसिफिक एरिया में उस कण का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है उन कारणों की रिसर्च की जाएगी। रिसर्च के बाद एयर पॉल्यूशन पर लगाम लगाने के रास्ते भी सुझाए जाएंगे।डिपार्टमेंट में क्योंकि ऐसे एक्सपट्र्स मौजूद हैं जो एयर पॉल्यूशन की डीप स्टडी और रिसर्च कर सकते हैं, नेशनल मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने की परमिशन हमें दी गई है। देश भर के चारों हिस्सों के डिफ्रेंट एरियाज के एयर पॉल्यूशन के आंकड़े हम कलेक्ट करेंगे। जिसके बेसिस पर मंथली रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसकी डीप स्टडी कर सेंट्रल गवर्नमेंट को भेज दी जाएगी।- डॉ। डीके सक्सेना, एसोसिएट प्रोफेसर, बॉटनी, बीसीबीReport by: Abhishek Singh

Posted By: Inextlive