चलती ट्रेनों में जांच करेगी फील्ड यूनिट
-बड़ी वारदात पर जीआरपी की जनपदीय पुलिस को करनी होगी हेल्प
-डीजीपी ने सभी जिलों के कप्तान व जीआरपी के एसपी को भेजे निर्देश BAREILLY: चलती ट्रेन में बड़ी वारदात की जांच करना जीआरपी के बस में नहीं है, क्योंकि ना तो जीआरपी के पास फारेंसिक टीम है और ना ही भारी संख्या में फोर्स। बरेली में भी कर्मभूमि डकैती में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था। अब ये कमी जल्द ही दूर होने वाली है। ट्रेनों में होने वाली बड़ी वारदातों पर लोकल पुलिस को जीआरपी की हेल्प करनी होगी। चलती ट्रेन में ही फील्ड यूनिट भी वारदात की जांच करेगी। डीजीपी ने इस संबंध में सभी जिलों के पुलिस मुखिया और जीआरपी के एसपी को निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा भी कई मामलों में लोकल पुलिस को जीआरपी की हेल्प करनी होगी। ट्रेनों में जांच में होती है प्रॉब्लमअक्सर ट्रेनों में लूट या मर्डर की वारदातें होती हैं। ऐसे में ट्रेनों का संचालन लगातार जारी रहता है। ट्रेन स्टेशन पर भ् या क्0 मिनट रुकती है। ऐसे में जीआरपी को जांच करना काफी मुश्किल होता है। यही नहीं फील्ड यूनिट ना होने से घटना स्थल का सही से निरीक्षण भी नहीं हो पाता है।
घटनास्थल पर तुरंत पहुंचेगी फील्ड यूनिट
डीजीपी के निर्देश के अनुसार अगर ट्रेन में कोई बड़ी वारदात होती है तो जीआरपी को तुंरत डिस्ट्रिक्ट पुलिस की फील्ड यूनिट से संपर्क करना होगा। फील्ड यूनिट तुरंत घटनास्थल पर पहुंचेगी। अगर वारदात चलती ट्रेन में हुई है तो जीआरपी को अगले स्टेशन के तहत आने वाली डिस्ट्रिक्ट की फील्ड यूनिट को संपर्क करना होगा। वहां की फील्ड यूनिट को तुरंत स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन में सवार होना होगा। फील्ड यूनिट चलती ट्रेन में ही जांच करेगी। महिला थाना में रखी जाएंगी महिला अपराधी कई बार ऐसी जगह वारदात होती हैं जहां जीआरपी की चौकी व थाने भी नहीं होते हैं। ऐसे मामलों में स्थानीय जनपद के थाने की पुलिस को तुरंत मौके पर पहुंचना होगा और जब तक जीआरपी नहीं पहुंचती तब तक घटना स्थल को कवर करके रखना होगा। अक्सर ट्रेनों में महिला अपराधियों को भी पकड़ा जाता है, लेकिन जीआरपी के पास कोई भी महिला थाना नहीं है। ऐसे में महिला अपराधी को रखने के लिए जनपद की महिला थाना पुलिस से हेल्प ली जाएगी। लॉ एंड ऑर्डर के लिए भी हेल्पयही नहीं ट्रेन व स्टेशन पर कई बार लॉ एंड ऑर्डर भी बिगड़ जाते हैं, लेकिन जीआरपी के पास फोर्स मौजूद नहीं होती है। इसके चलते असमाजिक तत्व जमकर ट्रेनों में उत्पात मचाते हैं। ऐसे मामलों में स्थानीय जनपद की फोर्स को मौके पर पहुंचकर हालात को संभालना होगा। यही नहीं विस्फोटक की सूचना पर जनपदीय बम निरोधक दस्ते से भी संपर्क करना होगा।