शादी कीचाह वालेएड्स मरीजों का घर बसाने में एआरटी सेंटर करेगा मदद

यूपीसैक्स ने दी एड्स पीडि़तों की शादी कराने के लिए ऑफिशियल परमीशन

बायोडाटा सर्कुलेट कर तलाशे जाएंगे जोड़े, भावी पार्टनर के बारे में मांगी जाएगी डिटेल्स

BAREILLY:

मौत की तरफ आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ रहे एड्स पेशेंट्स को जिंदगी की नई रोशनी मिलने की उम्मीद जगी है। दर्द भरे सफर में उन्हें हमसफर मिलेगा। इसमें उनका मददगार बनेगा एआरटी सेंटर, जो उन्हें पहले से ही जीने की राह दिखा रहा है।

शादी के लिए एचआईवी पार्टनर की तलाश

एआरटी सेंटर पर एड्स के कंफर्म मरीजों को इलाज व दवाएं मुहैया कराई जाती हैं। एआरटी आने वाले मरीजों में एक बड़ा हिस्सा कुंआरे युवकों का भी है। जो इस जानलेवा बीमारी से हार मानने की बजाय जिंदगी को जीना चाहते हैं और आम इंसानों की तरह शादी कर अपना घर बसाना चाहते हैं। ऐसे ही कई मरीज एआरटी से अपने लिए हमसफर खोजने की मदद मांगते हैं। खास बात यह है कि मरीज अपने जीवनसाथी की तलाश एड्स पीडि़तों में ही करना चाहते हैं। जिससे उनकी बीमारी किसी आम इंसान को अपना शिकार न बना सके।

ताकि जुड़ सके मुख्य धारा से

उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी, यूपीसैक्स ने इस बाबत एआरटी सेंटर को परमीशन भी दे दी है। एआरटी में ही मेट्रीमोनियल स्टेज देने के पीछे यूपीसैक्स की मंशा एड्स मरीजों को अपना परिवार बसाने और समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का मौका देने की है। ताकि, जिंदगी का खालीपन उन्हें जिंदगी से दूर न करें।

सभी एआरटी में सर्कुलेट होंगे बायोडाटा

यूपीसैक्स की ओर से इस कवायद को शुरू करते हुए सभी एआरटी सेंटर में एड्स मरीजों का बायोडाटा फॉर्मेट तैयार कर भेजवा दिया गया है। सूबे के किसी भी एआरटी सेंटर में रजिस्टर्ड कोई एड्स मरीज शादी के लिए मदद मांगता है, तो संबंधित एआरटी उसका बायोडाटा भरकर यूपी भर के एआरटी सेंटर ऑनलाइन भेज देगा।

बायोडाटा में मिलेगा पूरा ब्योरा

बायोडाटा में मरीज के परिवार को इस शादी से आपत्ति न होने, मंथली इनकम, अन्य कास्ट में शादी करने का ऑप्शन, तलाकशुदा-विधवा-विधुर से शादी का रिश्ता, पार्टनर के पहली शादी से हुए बच्चों को अपनाने, भावी पार्टनर की एकेडमिक क्वालिफिकेशन व सामान्य जानकारी आदि के बारे में सवाल पूछे गए हैं।

अनमैरिड लड़की, कमाऊ लड़का मांग में

एड्स की बीमारी से जूझ रहे मरीज भी शादी की बात पर समाज की बनी बनाई परिपाटी से इतर नहीं है। बरेली एआरटी में शादी के लिए मदद का दरवाजा खटखटाने वाले पुरुषों में करीब सभी ने अनमैरिड लड़की की ख्वाहिश जाहिर की है। हालांकि ऐसा न होने पर कइयों ने विडो या तलाकशुदा लड़की से शादी के लिए बात आगे बढ़ाने को कहा है। वहीं महिलाओं ने सेल्फ डिपेंडेंट व कमाऊ लड़के को ही शादी के लिए पहली पसंद बताया है।

महिला मरीजों को मिलेगा सहारा

एड्स से जूझ रही ज्यादातर औरतों को यह बीमारी उनके पतियों या पार्टनर से मिली है। ज्यादातर केसेज में महिला में एचआईवी पाए जाने पर पति खुद कसूरवार होते हुए भी उनसे रिश्ता तोड़ लेते हैं। वही एड्स की चपेट में आकर पति के मर जाने के बाद ससुराल वाले भी इन महिलाओं को घर से निकाल देते हैं। ऐसी सिचुएशन में घर, बिरादरी और समाज से बाहर की गई इन महिलाओं को एआरटी की इस पहल से मदद मिल सकेगी।

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बरेली एआरटी में एड्स मरीज

बरेली मंडल वर्ष ख्0क्ब्-क्भ्

कुल मरीज - फ्ख्म्

पुरुष मरीज - ख्07

महिला मरीज - क्क्8

बरेली डिस्ट्रिक्ट वर्ष ख्0क्ब्-क्भ्

कुल मरीज - क्7क्

पुरुष मरीज - क्क्ब्

महिला मरीज - भ्म्

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यूपी सैक्स की ओर से एआरटी में एड्स मरीजों की शादी के लिए पार्टनर तलाशे जाने की कवायद शुरू की गई है। मरीज का बायोडाटा भरकर सभी एआरटी सेंटर भेजा जाएगा। मैच मिलते ही शादीके लिए बात आगे बढ़ाई जाएगी। इससे कई मरीजों का घर बसाने का सपना पूरा होगा।

- मनोज वर्मा, डाटा मैनेजर, एआरटी

एड्स मरीज आपस में शादी के बाद भी पूरी सावधानी बरते। इलाज व दवा जारी रखने पर होने वाले बच्चे को इस बीमारी से दूर रखा जा सकता है। इस कवायद से महिला मरीजों को बहुत फायदा होगा। शादी कर घर बसाने से एड्स मरीजों में जीने की ललक बढ़ेगी।

- डॉ। संजीव मिश्रा, मेडिकल ऑफिसर, एआरटी

Posted By: Inextlive