वैक्सीनेशन के बाद दो हजार लोगों में महज एक बीमार
- 90 फीसद स्वास्थ्यकर्मियों का हो चुका वैक्सीनेशन
- 70 फीसद फ्रंटलाइन वर्करों ने लगवाई है वैक्सीन बरेली : देश-दुनिया में खौफ कायम करने वाले कोरोना संक्रमण को पूरी तरह हराने के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ। देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन नाम से दो तरह की वैक्सीन बनीं। हालांकि टीकाकरण के साथ ही वैक्सीन को लेकर अफवाह भी फैलाई जानी लगी। खासकर वैक्सीन के दुष्प्रभाव यानी एडवर्स इवेंट फ्लोइंग इम्युनाइजेशन यानि एईएफआई को लेकर झूठे प्रचार इंटरनेट मीडिया में खूब किये गए। हालांकि जिले में वैक्सीन लगने के बाद एईएफआई केस नाम मात्र के ही थे। आंकड़ों पर गौर करें तो करीब दो हजार लोगों में से महज एक की तबीयत वैक्सीन लगाने के बाद बिगड़ी। हास्पिटल में भर्ती होने का केस एक भी नहींएईएफआइ के सामने आए केसों पर गौर करें तो अभी तक महज 35 लोगों की तबीयत टीकाकरण कराने के बाद बिगड़ी है। हालांकि ये समस्या महज आधा से पौन घंटे रही। बुखार, लाल चकत्ते, सूजन जैसे केस अगले दिन तक रहे। हालांकि वैक्सीनेशन के बाद किसी की इतनी तबीयत नहीं बिगड़ी कि अस्पताल में भर्ती होना पड़े।
फैक्ट फाइल - 40 हजार से ज्यादा लोगों को लगाई जा चुकी वैक्सीन- 35 लोगों की तबीयत वैक्सीनेशन के बाद बिगड़ी
- 00 लोग टीकाकरण में तबीयत बिगड़ने के बाद हुए भर्ती हुए - 03 चरण का हो चुका वैक्सीनेशन - 250 रुपये है निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन की फीस - 00 रुपये सरकारी अस्पताल में वैक्सीनेशन का शुल्क - 29 कोविशील्ड से एईएफआइ केस - 06 कोवैक्सीन से एईएफआइ केस अब डेली होगा वैक्सीनेशन अब जिले में जिला पुरूष और महिला अस्पताल में फ्री कोरोना वैक्सीन डेली लगाई जाएगी, वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल में पेड वैक्सीनेशन किया जा रहा है। इसी क्रम में सैटरडे को सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में 1011 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। 7 प्राइवेट सेंटर्स पर 858 लोगों को लगा टीका जिले में सात प्राइवेट हॉस्पिटल में पेड वैक्सीनेशन किया जा रहा है। सैटरडे को इन हॉस्पिटल में 2258 लोगों को वैक्सीनेट करना का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसके सापेक्ष 858 लोगों को वैक्सीनेट किया गया। वहीं जिला अस्पताल और महिला अस्पताल कुल 153 लोगों को वैक्सीनेट किया गया। यह जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। आरएन सिंह ने दी।