- 68 वर्षो बाद महाशिवरात्रि के मौके पर बन रहा सिद्ध सोम प्रदोष योग।

- दुखों को दूर करने समेत संतान की चाहत की मनोकामना पूर्ण होने की संभावना

BAREILLY:

महाशिवरात्रि पर लोगों की मुरादें पूरी होने की संभावना ज्योतिषाचार्यो ने जताई है। क्योंकि इस वर्ष महाशिवरात्रि पर बन रहा योग मन्नतों और मुरादों को पूरी करने की साम‌र्थ्य रखता है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक 68 वर्षो बाद महाशिवरात्रि सोमवार, सिद्धयोग और पूर्वाकाल नक्षत्र के अद्भुत संयोग के साथ पड़ रही है, जिससे मनोकामना पूर्ण करने वाला 'सिद्ध सोम प्रदोष' योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक यह योग शिक्षा और व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए विशेष फलदायी रहेगा। गौरतलब है कि ज्योतिषाचार्यो ने 17 के बजाय 16 फरवरी को शिवरात्रि मनाने की अपील लोगों से की है। क्योंकि 17 फरवरी को भद्रा काल पड़ने की वजह से शुभ कार्य वर्जित हैं।

कैसे बना संयोग

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को परदोष कहते हैं। यदि इन्हीं तिथियों को सोमवार हो तो उसे सोम परदोष के नाम से पुकारते हैं। इसी के साथ ही सिद्धयोग और पूर्वाकाल नक्षत्र पड़ने की वजह से सोम परदोष का 'सिद्ध सोम परदोष' का योग बन रहा है। जो कि सभी राशि के जातकों के लिए विशेष फलदायी है।

कष्ट हरण करता है योग

बन रहे योग से व्यक्ति के सभी तरह के जप, तप और नियम संयम के बाद भी यदि उसके गृहस्थ जीवन में दुख, संकट, क्लेश आर्थिक परेशानी, पारिवारिक कलह, संतानहीनता या संतान के जन्म के बाद भी यदि कष्ट विघ्न बाधाएं, रोजगार के साथ सांसारिक जीवन से परेशानियां खत्म नहीं हो रही हैं। तो इस योग के शुभ मिलन पर जप, दान, व्रत करने से समस्त प्रकार के दुखों से जल्द ही छुटकारा मिलने की संभावना है।

संतानोत्पत्ति की संभावना

ज्योतिषाचार्य पं। राजेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि संतान की कामना रखने वाले जातकों का इस दिन सुबह स्नान के पश्चात शिव, पार्वती और गणेश की एक साथ शिव मंदिर में जाना चाहिए। वहां शिवलिंग पर जलाभिषेक, पीपल के मूल में जल चढ़ाकर सारे दिन निर्जल रहने से संतान की मनोकामना पूर्ण होने की संभावना है।

चंद्रदोष और शनि प्रकोप निवारण

ज्योतिषाचार्य पं। संजय सिंह के अनुसार चंद्रमा की वजह से पीडि़त व्यक्ति इस दिन व्रत का वरण करें तो चंद्रदोष से राहत मिलने की संभावना है। तो दूसरी ओर शनि के प्रकोप को शांति रखने के लिए जातक इस योग के अवसर पर सुबह स्नानादि के बाद उपवास रखकर, लोहा, तिल, काली उड़द, शकरकंद, मूली, कंबल, जूता और कोयला दान करने से विशेष लाभ होते हैं। जिससे व्यक्ति के रोग, व्याधि, दरिद्रता, घर की अशांति, नौकरी या व्यापार में परेशानी आदि का निवारण होने की संभावना है।

यूं करें पूजन

बन रहा सिद्ध सोम योग स्टूडेंट्स और व्यापार वर्ग के लोगों के लिए विशेष फलदायी है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक महाशिवरात्रि पर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग स्नानादि के बाद जल में शर्करा मिलाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के पश्चात 108 बार 'ऊं नमम: शिवाय'उ मंत्र का जप करें तो सिद्धकारक रहेगा। तो दूसरी ओर व्यापार वर्ग से जुड़े लोग जल में शहद मिलाकर जलाभिषेक करें तो वृद्धिकारक रहेगा।

त्रयोदशी को मनाएं शिवरात्रि

इस वर्ष कैलेंडर के अनुसार महाशिवरात्रि का मुहूर्त क्7 फरवरी को है। जबकि ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक शिवरात्रि प्रदोष तिथि त्रयोदशी को ही मनानी चाहिए। जबकि क्7 फरवरी को सुबह 9 बजे से भाद्रा नक्षत्र और चतुर्दशी लग जाएगी। ऐसे में कोई भी शुभ कार्य पूजन दान आदि वर्जित होने से अशुभ फलकारक है। जबकि क्म् फरवरी सोमवार को सुबह 8 बजे से मंगलवार को सुबह 8.भ्9 बजे तक त्रयोदशी तिथि है। ऐसे में शुभफलाकांक्षी जातकों से ज्योतिषाचार्यो ने सोमवार को महाशिवरात्रि मनाने की अपील की है।

Posted By: Inextlive