Admission fair@ BCB
पहले दिन 448 admissionsकाउंसलिंग के पहले दिन बीसीबी में टोटल 448 सीट्स के लिए एडमिशन फाइनल हुए। इनमें बीएससी बायो में 77, बीएससी मैथ्स में 74, बीए में 168 और बीकॉम में 129 कैं डीडेट्स ने काउंसिलिंग कराई। इस दौरान कॉलेज में भीड़ के चलते स्टूडेंट्स को अव्यवस्थाओं का भी सामना करना पड़ा। प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह ने भी अलग-अलग काउंसिलिंग सेंटर्स का जायजा लिया। अवंतीबाई में process startमंडे से ही अवंतीबाई कॉलेज में भी एडमिशन प्रॉसेस शुरू हुआ। यहां पहले दिन बीए, बीएससी, बीक ॉम के लिए 45 एडमिशन हुए। स्टूडेंट्स के एंटी रैगिंग सर्टिफिकेट न लाने की वजह से तमाम स्टूडेंट्स मंडे क ो एडमिशन नहीं ले सके। वहीं तमाम स्टूडेंट्स फीस अमाउंट कन्फर्म न होने की वजह से भी एडमिशन नहीं ले पाए। ओएस इंदल सिंह ने बताया दूसरे दिन ज्यादा एडमिशन होने की उम्मीद है।ज्यादा भीड़ की शिकायत
बीसीबी की महिला शिकायत प्रकोष्ठ की सेक्रेट्री डॉ। वंदना शर्मा ने बताया कि कॉलेज में आने वाली तमाम गल्र्स ने कई शिकायतें की हैं। इनमें सबसे ज्यादा शिकायत कॉलेज में ज्यादा भीड़ होने की आई है। वहीं कुछ गल्र्स ने जीसीआर में पीने के पानी की शिकायत की है। इसके लिए एक्स्ट्रा कैंटर्स रखवा दिए गए हैं। टॉयलेट की भी कई शिकायतें आई हैं। इसके लिए अरेंजमेंट्स कर दिए गए हैं। Students को 4% का lossBareilly: बीसीबी की काउंसलिंग में इंटर कॉमर्स स्टूडेंट्स को मिलने वाला 5 परसेंट माक्र्स का वेटेज केवल 5 माक्र्स तक सीमित कर दिया गया है। ऐसे में स्टूडेंट्स क ो तकरीबन 4 परसेंट का लॉस हो रहा है। बीसीबी की एडमिशन लिस्ट जारी होने के बाद स्टूडेंट्स ने जब अपने माक्र्स से परसेंटाइल कैलकुलेट किया तो उन्हें यह लॉस समझ में आया है। इससे स्टूडेंट्स काफी परेशान रहे, पर उनकी किसी ने नहीं सुनी। स्टूडेंट्स ने कई टीचर्स से इसके लिए बात की लेकिन कुछ नहीं हुआ, वहीं कॉलेज के प्राचार्य डॉ। आरपी सिंह का कहना है कि कॉलेज में सभी लिस्ट का कै लकुलेशन यूनिवर्सिटी के नॉम्र्स के मुताबिक ही किया गया है। इसमें कोई गलती नहीं है। Students ने रखी अपनी बात
बीसीबी में बीकॉम पार्ट वन में एडमिशन लेने पहुंच रहे इंटर कॉमर्स के स्टूडेंट्स ने जब काउंसलिंग पैनल के सामने अपनी बात रखी तो उन्होंने इसे सिरे से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जो नॉम्र्स उन्हें बताए गए हैं, वह उन्हीं के अकॉर्डिंग एडमिशन करेंगे। इसके बाद स्टूडेंट्स कॉलेज में भटकते तो रहे पर उन्हें एडमिशन नही मिल सका। कॉलेज ने भी स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम पर गौर नहीं किया।