आपके घर में है 'एसी बम'
- शहर के मैक्सिमम अपार्टमेंट्स में प्रॉपर फायर सेफ्टी अरेंजमेंट्स नहीं
- रेजिडेंट्स एसी, कूलर और इंवर्टर यूज करते वक्त नहीं देते ध्यान>BAREILLY : लखनऊ चिनहट के सूर्या अपार्टमेंट में फ्राइडे को एक मकान में एसी का कंप्रेसर फट गया। कंप्रेसर फटने से लगी आग से पूरे अपार्टमेंट में अफरा-तरफ मच गई और आग के चलते लाखों रुपए का नुकसान हो गया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने किसी तरह से आग पर काबू पाया। लखनऊ में हुई ये घटना बरेली के लोगों के लिए एक अलर्ट हैक्योंकि सिटी के कई अपार्टमेंट्स भी आग के निशाने पर हैं। सिटी के पॉश इलाके सिविल लाइंस, स्टेडियम रोड, डीडीपुरम सहित कई एरिया के अपार्टमेंट्स ने फायर डिपार्टमेंट से एनओसी नहीं ले रखी है और ना ही यहां फायर फाइटिंग सिस्टम का प्रॉपर अरेजमेंट है। जबकि गर्मी के दिनों में आग लगने के इंसीडेंट्स सबसे ज्यादा होते हैं। घरों में एसी, कूलर व इंवर्टर पर डिपेंडेंसी बढ़ जाती है। एक साथ कई इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट के चलने से वायरिंग पर दबाव बढ़ता है और इसमें ब्लास्ट होने की पॉसिबिलिटीज बढ़ जाती है।
No fire fighting systemसिटी में करीब 25 अपार्टमेंट्स हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 3 ने ही फायर डिपार्टमेंट से कंप्लीट एनओसी और कुछ ने प्री एनओसी ले रखी है। जबकि बाकी के अपार्टमेंट बिना एनओसी के ही बनकर तैयार हो गए हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि इन अपार्टमेंट में फायर फाइटिंग सिस्टम भी प्रॉपर नहीं है। इतना ही नहीं 18 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर अपार्टमेंट नहीं बनाए जा सकते हैं। बावजूद इसके सिटी में कई अपार्टमेंट मानक को ताक पर रखकर बनाए गए हैं, लेकिन ऑफिसर्स कार्रवाई करने के बजाय खामोशी का चादर ओढ़े हुए हैं। वहीं इस साल अभी तक शॉर्ट सर्किट के चलते 100 से अधिक बड़ी-छोटी घटनाएं हो चुकी हैं।
Residents भी aware नहीं एसी, कूलर और इंवर्टर के चलते होने वाली आग की घटनाओं के पीछे रेजिडेंट्स भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। वह गर्मी में बेपरवाह होकर सारे इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट का यूज करते हैं, जबकि गर्मी के दिनों में इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल सावाधानी से करना चाहिए। आप कैसे रख सकते हैं अपने घर को सेफ, हम बताते हैं। Window X split ACविंडो व स्पिलिट एसी यूज करते समय लोगों को खास ध्यान देना चाहिए। थोड़ी सी भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। एक्सपर्ट के अकॉर्डिग विंडो व स्पिलिट एसी का फिल्टर रेगुलर साफ करना चाहिए। डेढ़ टन के एसी के लिए 4 एमएम मल्टीफ्लक्स की वायरिंग होनी चाहिए। इससे किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होता है। वायर की मोटाई 4 एमएम से कम होने पर वायर व स्विच बोर्ड में स्पार्क होने का डर बना रहता है। न्यूट्रल और फेज कनेक्शन टाइट होने चाहिए। एसी की हर सीजन में सर्विसिंग करानी चाहिए। हर तीन महीने पर चेकिंग भी जरूरी है, नहीं तो एसी पर जमी गंदगी से एसी के इक्विपमेंट काम नहीं करता हैं। इससे एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। ऐसे में मिनी सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल करना कारगर साबित हो सकता है।
Inverter X batteryगर्मी के मौसम में पॉवर कट की प्रॉब्लम आम होती है। इसके लिए हर किसी के घर में इंवर्टर व बैटरी लगी होती है, लेकिन इनकी केयर बहुत कम लोग करते हैं। कम लोग ही जानते होंगे कि बैटरी अधिक चार्ज करने पर उसके फटने का डर बना रहता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इंवर्टर को कंजस्टेड प्लेस में नहीं रखना चाहिए। इससे बैटरी अधिक चार्ज होने पर फटने का डर बना रहता है। थोड़ा खुले प्लेस पर होने से बैटरी का हीट आसानी से पास हो जाता है। समय पर बैटरी में पानी डालने के साथ ही टर्मिनल पर कार्बन आने से बैटरी को बचाना चाहिए, नहीं तो इसका सीधा इफेक्ट इंवर्टर पर पड़ता है। रेजिडेंट्स को चाहिए की फैनवेल्ट, वायरिंग डायग्नो, ऑल्टरनेट, व रेगुलेटर सेटिंग की समय-समय पर जांच करें।
Refrigerator रेफ्रीजे्रटर को दीवार से लगाकर नहीं रखना चाहिए। पीछे की तरफ स्पेस होने से रेफ्रिज्रेटर हीटअप नहीं होगा। क्योंकि यह बिजली अधिक कंज्यूम करता है इसलिए इसमें कॉपर का वायर यूज करना बहुत ही जरूरी है। एल्युमिनियम का वायर यूज करने से प्रॉब्लम हो सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि एल्युमिनियम के वायर में स्पार्क होने के चांसेज ज्यादा होते हैं। इससे लोड बढ़ने पर वायर बर्स्ट हो सकता है। रेफ्रिज्रेटर के कनेक्शन का अलग फेज पर रखना चाहिए। इससे लोड बढ़ने पर भी वायर व स्विच बोर्ड पर असर नहीं पड़ता है। मार्केट में मिलने वाले फायर प्रूफ वायर का भी इस्तेमाल किया जाता सकता है। रेफ्रीज्रेटर का डोर बेवजह बार-बार ओपेन नहीं करना चाहिए। इससे बिजली अधिक कंज्यूम होती है और उस पर लोड बढ़ जाता है जो खतरा पैदा कर सकता है। Coolerकूलर इस्तेमाल करने से पहले मोटर व पंप में ऑयलिंग कर देना चाहिए। इससे मोटर व पंप स्मूथली वर्क करेगा। इससे किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं होती है। वायर के जितने भी लूज प्वॉइंट हैं, वह टाइट होने चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट लूज होने से कूलर में शॉर्ट सर्किट की संभावना काफी बढ़ जाती है। यहां तक कि कूलर में करंट भी उतर सकता है, इसलिए एक्सपर्ट लोहे के बॉडी वाले कूलर को अवॉयड करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा कूलर का यूज करने के बाद अच्छी तरह से धूप में सुखा देना चाहिए। इससे कूलर की लाइफ बनी रहती है। लोहे की बॉडी के जगह फाइबर और प्लास्टिक की बॉडी के बने कूलर इस्तेमाल करना एक बेटर ऑप्शन है।
इन बातों का ध्यान रखें -एमसीबी (मिनी सर्किट ब्रेकर ) का यूज करे। - एल्यूमिनियम की जगह कॉपर का वायर यूज करना बेटर। - मकान में प्रयोग हो रही बिजली के मुताबिक लोड बढ़ाए। - वायरिंग ठीक करवाएं व उसमें आईएसआई मार्का वायर का यूज करें - समय-समय पर इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट की सर्विसिंग कराना जरूरी - इलेक्ट्रॉनिक सामान पर निर्माताओं के निर्देश का पालन करना चाहिए - एक निश्चित समय पर फ्यूज व मेन स्विच बोर्ड की जांच कराएं। Rules for apartments - अपार्टमेंट, फ्लैट क्8 मीटर से कम चौड़ी रोड पर नहीं बनता है। - कम से कम ख्000 वर्ग मीटर में ही बन सकते हैं अपार्टमेंट। - फायर डिपार्टमेंट की एनओसी जरूरी। - एलडीए से कम्पलीशन सर्टिफिकेट होना चाहिए। - फायर फाइटिंग सिस्टम के पूरा इंतजाम होना चाहिए। - रिलेटेड अपार्टमेंट के साइट प्लान का कुल एरिया कितना है और कितने एरिया में अपार्टमेंट निर्मित है या उसका निर्माण प्रस्तावित है। - सक्षम प्राधिकार द्वारा नक्शा संबंधित लैंड के लिए ही पारित हो। - इमारत का निर्माण पारित नक्शा के अनुरूप हो। - फ्लैट की रजिस्ट्री के अपार्टमेंट एक्ट के प्रावधानों का पालन हुआ है या नहीं। एल्युमिनियम का वायर बिल्कुल यूज नहीं करना चाहिए क्योंकि वायर में जहां ज्वॉइंट रहेगा, वहां स्पार्क होते रहता है। अधिक लोड वाले इक्विपमेंट्स अलग फेज पर होने चाहिए। इससे लोड बंट जाता है, जिससे किसी भी प्रकार की घटना होने की संभावना कम हो जाती है। इंदर राज सहगल, एक्सपर्ट बैटरी में पानी प्रॉपर होना चाहिए। पानी कम होने से गैस बनती है, जो बैटरी के ब्लास्ट होने का कारण बनती है। जहां तक संभव हो बैटरी को खुले प्लेस पर रखना बेटर है, इससे बैटरी हीट नहीं होती है। -सब्बीर उल हसन, एक्सपर्ट