Bareilly: तमाम मंदिरों में भव्य आयोजनों के साथ फ्राइडे को जन्माष्टïमी मनाई गई. आधी रात को श्री कृष्ण के जन्म के साथ ही भजन-कीर्तन शुरू हो गया. मंदिरों में कान्हा का स्वरूप धारण करके पहुंचे बच्चों ने श्रद्धालुओं का मन मोहने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं मंदिरों के बाहर मेले जैसा माहौल बना रहा. लोगों ने घर पर भी कान्हा का जन्मोत्सव मनाया. इस दौरान लोगों को एक नाल वाले खीरे 25 रुपए तक में खरीदने पड़े.
By: Inextlive
Updated Date: Sat, 11 Aug 2012 01:31 AM (IST)
हरि मंदिर में बच्चों ने धरा कृष्ण और ग्वालों का रूप.बच्चों ने मोहा मनबांके बिहारी मंदिर में शाम सात बजे से ही सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो गए। यहां कृ ष्ण के रूप में सजे बच्चों केा देखकर तो ऐसा लगा मानो यह सब कृष्ण के ही अवतार हैं। मंदिर में भजन संध्या का आयोजन हुआ। यहां बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी। मंदिर को गेंदे और रजनीगंधा के फूलों से सजाया गया। वहीं पूरा मंदिर कोलकाता से आए कलाकारों ने सजाया। मूर्तियों क ो वृंदावन से आई पोशाकों से सुसज्जित किया गया। कृष्ण जन्म के बाद भी काफी देर तक कार्यक्रम जारी रहा। कार्यक्रम में जेपी भाटिया, संजय अरोरा, डीएल सेठी आदि का विशेष सहयोग रहा। मंदिर में डीएम भी दर्शन करने पहुंचे।मंत्रमुग्ध हुए लोग
मॉडल टाउन के हरि मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कार्यक्रम ऑर्गनाइज किया गया। यहां एक माह से रिहर्सल कर रहे बच्चों ने जब मंच पर प्रस्तुति दी तो पूरे सभागार में बैठे श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। उसके बाद भजन का जो सिलसिला जारी हुआ, वह कृष्ण जन्म के बाद तक जारी रहा। मंदिर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैरिकेटिंग भी लगाई गई थी। इससे भक्तों को काफी सहूलियत रही।
खीरे की बढ़ी डिमांडकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मार्केट में कमल के फूल और नाल वाले खीरे की खास डिमांड रही। घरों में कृ ष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए नाल वाले खीरे का यूज किया जाता है। इसलिए जब इसकी डिमांड बढ़ी तो मौके का फायदा दुकानदारों ने भी खूब उठाया। उन्होंने देर शाम तक 25 रुपए का एक खीरा बेचना शुरू कर दिया। वहीं कमल के फूल भी ऊंचे दाम में ही बिके। पूजा के चलते लोगों ने इनके लिए मुंह मांगे दाम भी दिए।
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