Bareilly: आरयू के खेल भी अजब हैं. न वह स्टूडेंट्स की व्यवस्था संभाल पा रहा है और न ही मैनेजमेंट. पिछले 9 दिनों से कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. उन्होंने सभी विभागीय कार्य ठप कर दिए हैं. यहां तक की मार्कशीट डिग्री समेत स्टूडेंट्स से रिलेटेड सभी आवश्यक सेवाएं भी बंद हैं. आरयू एडमिनिस्ट्रेशन कोई बीच का रास्ता तो नहीं निकाल पाया उल्टा उसने अपनी लाचारी को ही प्रमाणित कर दिया. माइग्रेशन समेत अन्य प्रमाण पत्र लेने आ रहे स्टूडेंट्स को वह वैकल्पिक तौर पर यह लिख कर दे रहा है कि हड़ताल की वजह से वह ओरिजनल सर्टिफिकेट प्रोवाइड नहीं कर सकता. स्टूडेंट्स को यह कह दिया गया है कि वे इसी वैकल्पिक प्रमाण पत्र से अपना काम चलाएं.


भरवा रहे हैं प्रोफार्माआरयू ने स्टूडेंट्स की प्राब्लम्स सॉल्व करने की बजाय अपनी ही लाचारी उनके सामने बयां कर दी। वह भी लिखित में बाकायदा प्रमाणित करते हुए। जितने भी स्टूडेंट्स माइग्रेशन और डिग्री सर्टिफिकेट लेने के लिए जा रहे हैं उनसे एक प्रोफार्मा भराया जा रहा है। जिस पर स्टूडेंट को अपना नाम, एजुकेशन, रोल नम्बर और पेरेंट्स का नाम लिखना होगा। उस प्रोफार्मा पर टाइप कर के यह लिखा गया है कि कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता। जब हड़ताल खत्म हो जाएगी, प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। यही नहीं इस प्रोफार्मा को आरयू के रजिस्ट्रार अपनी मुहर और हस्ताक्षर के साथ जारी कर रहे हैं। रजिस्ट्रार के अलावा आरयू के तीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार भी इसी तरह का प्रमाण पत्र जारी करने के काम में लगे हुए हैं।स्ट्राइक बनी सिरदर्द
आरयू के मिनिस्ट्रियल स्टाफ समेत सभी फोर्थ क्लास कर्मचारी वेतन, मानदेय, पेंशन समेत अन्य कई मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। वे पिछले 9 दिनों से हड़ताल पर हैं। डिग्री, मार्कशीट, स्कॉलरशिप, एडमीशन फॉर्म समेत अन्य जरूरी काम पूरी तरह से ठप पड़ गए हैं। इससे सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें कई तरह की प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ रही हैं। मार्कशीट में कोई गड़बड़ी हो या फिर डुप्लीकेट मार्कशीट निकालनी हो, माइग्रेशन सर्टिफिकेट लेनी या फिर डिग्री सर्टिफिकेट। ऐसे तमाम कामों के लिए स्टूडेंट्स विभागों का चक्कर लगा रहे हैं। स्कॉलरशिप फॉर्म जमा करने की डेट नजदीक आ रही है। कर्मचारियों के न होने से न तो फॉर्म मिल पा रहे हैं और न ही जमा किए जा रहे हैं। कोई रास्ता न दिखाई देने पर इन सभी कामों के लिए स्टूडेंट्स अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।

Posted By: Inextlive