आशा से निराशा
मीरगंज सीएचसी के बाहर आशाओं का विरोध, तांगा में प्रसूता कीे हुई डिलीवरी
शिकायत पर एसडीएम पहुंची मौके पर, पोलियो अभियान को भी किया प्रभावित BAREILLY: वेतन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन पर उतरीं आशा कार्यकत्रियों ने एक दिन पहले वक्सीन पर ताला जड़ा, तो संडे एक प्रसूता को सीएचसी में एंट्री नहीं लेने दी। लिहाजा, तांगे पर ही डिलीवरी करानी पड़ी। जबकि, आशा बहू की नियुक्ति सरकार ने गर्भवती महिलाओं और जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए की थी, लेकिन मांग को लेकर आशा कार्यकत्रियां अपने कर्तव्य को भूल बैंठी। तांगे पर प्रसूता की डिलीवरी की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग समेत जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। बाद में जच्चा-बच्चा को सीएचसी मे एडमिट कर इलाज दिया गया। स्टाफ बना तमाशबीनकैथोला गांव निवासी सुन्दर लाल की वाइफ प्रेमवती गर्भवती हालत में ही अपने मायके गांव खमरिया सानी में बीमार मां को देखने पहुंची थी। संडे सुबह करीब 5 बजे प्रसूता को लेबरपेन शुरू हुए। हालत बिगड़ने पर घबराए परिजन एम्बुलेंस बुलाने की बजाय तांगा से प्रसूता को सीएचसी मीरगंज ले गए। करीब 7.45 बजे सीएचसी गेट पर पहुंचते ही राह में विरोध प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकत्रियां मिली। इससे तांगा सीएचसी परिसर में ही खड़ा रहा। इस बीच प्रसूता को तेज दर्द उठने लगे लेकिन, हॉस्पिटल विरोध प्रदर्शन के चलते स्टाफ तमाशबीन खड़ा देखता रहा। हैरत की बात यह रही की आशा कार्यकत्रियां प्रसूता को मदद करने की बजाय संवेदनहीन होकर विरोध-प्रदर्शन करने में जुटी रहीं। ऐसे में प्रसूता की तांगा पर ही डिलीवरी हो गई।
जिम्मेदारों के शर्मनाक बयान सीएचसी गेट पर पहुंचने के बावजूद प्रसूता की तांगा पर डिलीवरी की संवेदनहीन घटना पर स्वास्थ्य और प्रशासन के अधिकारियों के बयान भी शर्मनाक हैं। सीएचसी पहुंची एसडीएम मीरगंज अर्चना द्विवेदी ने डीएम को दी अपनी रिपोर्ट में बताया कि परिजनों के बयान के मुताबिक प्रसूता की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेड पर शिफ्ट नहीं किया जा सकता था। ऐसे में स्टाफ ने तांगा पर ही डिलीवरी कराई। वहीं सीएचसी इंचार्ज डॉ। अमित कुमार ने बताया है कि तांगा से प्रसूता सीएचसी पर पहुंची ही थी कि उसे लेबरपेन शुरू हो गए। स्टाफ वहां पहुंचता, उससे पहले ही प्रसूता ने बच्ची को जन्म दे दिया। लेकिन प्रसूता को फौरन एडमिट कराया गया। -------------------------- पोलियो अभियान में भी बहिष्कारमानदेय की बजाय वेतन की मांग कर रही आशाओं ने संडे से शुरू हुए पोलियो अभियान को भी बुरी तरह प्रभावित कर दिया। जिले में 25 सितंबर से शुरू हुए पोलियो अभियान के लिए सभी 16 सीएचसी-पीएचसी समेत शहर में 3017 पोलियो बूथ बनाए गए थे। जिनमें 7.35 लाख बच्चों को ओरल वैक्सीन पिलाने का टारगेट था। लेकिन संडे सुबह 3 बजे से ही कई सीएचसी-पीएचसी में आशाओं ने पोलियो बूथ लगाने पर हंगामा किया। हंगामे के चलते शेरगढ़, बिथरी, मझगंवा और मीरगंज में पोलियो अभियान सुबह 9 बजे के बाद शुरू हो सका। वहंी आशाओं के शामिल न होने से सभी पोलियो बूथ पर अभियान प्रभावित हुआ। कई जगह आशाओं ने अफवाह फैला दी कि पोलियो वैक्सीन खराब है, इसे न पिलाएं। इस पर रामनगर, बहेड़ी, फरीदपुर और कुआंटांडा में कई आशाओं पर एफआईआर दर्ज की गई।
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