जिले की आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी को रूबरू कराने व आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नाथ नगरी कॉरीडोर बनाया जा रहा है. नाथ मंदिरों को जोड़ते हुए 36 किलोमीटर लंबा टूरिज्म सर्किट बनाया जाएगा. मंदिरों की परिक्रमा के लिए मिनी इलेक्ट्रिक बस चलाई जाएंगी जिनके जरिए श्रद्धालु सातों नाथ मंदिरों की परिक्रमा कर सकेंगे. मंदिर को आने-जाने वाले रास्ते पर चमचमाती सडक़ें बनाई जाएंगी.

बरेली (ब्यूरो)। जिले की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी को रूबरू कराने व आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नाथ नगरी कॉरीडोर बनाया जा रहा है। नाथ मंदिरों को जोड़ते हुए 36 किलोमीटर लंबा टूरिज्म सर्किट बनाया जाएगा। मंदिरों की परिक्रमा के लिए मिनी इलेक्ट्रिक बस चलाई जाएंगी, जिनके जरिए श्रद्धालु सातों नाथ मंदिरों की परिक्रमा कर सकेंगे। मंदिर को आने-जाने वाले रास्ते पर चमचमाती सडक़ें बनाई जाएंगी।

चलेंगी मिनी इलेक्ट्रिक बसें
मंदिर के आसपास पिंक टॉयलेट्स बनेंगे, पार्किंग बनाई जाएगी। महाभारत कालीन बरेली के नाथ मंदिरों के इतिहास उनकी आध्यात्मिक सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हुए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। नाथ शिव मंदिरों की दैवीय आभा से स्थानीय और विदेशी पर्यटक भी आकर्षित होंगे। इससे एक और आध्यात्मिक पर्यटन बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित होंगे। इसको लेकर कमिश्नर संयुक्ता समद्दार, वीसी बीडीए जोगिंदर सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ सातों नाथ मंदिरों का निरीक्षण कर संभावनाएं तलाशी। साथ ही भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना भी की।

मंदिरों के आसपास होगा सौंदर्यीकरण
कमिश्नर संयुक्ता समद्दार के साथ क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बृजपाल सिंह, बीडीए सचिव योगेंद्र कुमार ने भी सातों मंदिरों की परिक्रमा की। प्रसाद योजना के तहत इन मंदिरों के आसपास सौंदर्यकरण कर उन्हें विकसित किया जाएगा। मंदिर के रास्तों पर बस स्टॉपेज बनाए जाएंगे। कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बताया कि प्रसाद योजना के तहत मंदिरों और उसके आसपास जलभराव दूर करने के लिए सडक़, पाथवे, पार्किंग बनाई जाएगी। इससे कि मंदिरों में आने वाले श्रद्धालु मंदिरों में आसानी से पूजा-अर्चना और परिक्रमा कर सकें। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिरों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे।

सभी दिशाओं में स्थित हैैं प्राचीन मंदिर
नाथ नगरी के मुख्य सात प्राचीन शिव मंदिर हैं। नाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए बाहर से भक्त आते हैं। अलखनाथ मंदिर किला उत्तर दिशा में है। मढ़ीनाथ दक्षिण, धोपेश्वर नाथ मंदिर कैंट पूरब में व बनखंडी नाथ पश्चिम में है। इसके अतिरिक्त प्रेमनगर में त्रिवटी नाथ मंदिर शहर के मध्य में, तपेश्वर नाथ मंदिर सुभाषनगर, गोपाला सिद्ध मंदिर क्यारा ब्लॉक में स्थित है। पीलीभीत बाईपास पर रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पास पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की तर्ज पर विकसित किया गया है।


मंदिरों का है वृहद इतिहास
अलखनाथ मंदिर का इतिहास 930 साल से ज्यादा पुराना है। वनखंडी नाथ मंदिर का निर्माण द्वापर युग में माना जाता है। धोपेश्वर नाथ मंदिर त्रेतायुग में और मढ़ीनाथ मंदिर की स्थापना महाभारत कालीन 5000 वर्ष से पुरानी मानी जाती है। इसकी स्थापना पांडवों ने वनवास के दौरान की थी। इन सभी नाथ सर्किट के मंदिरों को जोड़ते हुए यहां मोटर वाहन, सडक़ कनेक्टिविटी, साइकिल, पथ वे एवं हेरिटेज वॉक प्रस्तावित किए गए हैं। इसके अलावा साइन बोर्ड, सिगनेचर गेट, लाइट एंड साउंड के शो भी प्रस्तावित किए जाएंगे। संबंधित विभागों एवं प्रमुख अधिकारियों की बैठक आयोजित कर नाथ नगरी कारीडोर योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

Posted By: Inextlive