Bareilly: नगर निगम के चिर-परिचित गैर जिम्मेदाराना रवैए की एक और बानगी सामने आई है. शहर की जानी-मानी आईवीआरआई रोड एक बार फिर गड्ढों में तब्दील हो गई है. इंट्रेस्टिंग बात है कि रोड पिछले 3 साल में 3 बार बन चुकी है. 31 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. फिर भी आज की तारीख में यह रोड खस्ताहाल है. विभागीय काम की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है कि पिछला पैच रिपेयरिंग का काम महज 6 महीने पहले ही 20 लाख रुपए से हुआ था जो बारिश में बह गया. अब नगर निगम ने एक बार फिर आम आदमी के 20 लाख रुपए इसमें बहाने के लिए टेंडर निकाल दिया है.


बस दो महीने में उखड़ी roadअप्रैल में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल त्रिशूल एयरबेस में एक कार्यक्रम में आईं थीं। तब एयरबेस के आस-पास का एरिया चमकाया गया था। इसी क्रम में आईवीआरआई रोड के पैचेज भी रिपेयर किए गए थे। निर्माण विभाग के आकड़ों के मुताबिक इस पैच रिपेयरिंग पर 20 लाख रुपए खर्च हुए। सोर्सेज की मानें तो निर्माण कार्य में जमकर अनियमितता बरती गई। हाटमिक्स से हुई रिपेयरिंग सिर्फ 2 महीने में ही उखडऩे लगी। खुद निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, इस रोड का कंस्ट्रक्शन 3 साल पहले 11 लाख रुपए से करवाया गया था। तभी भी कुछ समय बाद ही रोड गड्ढों में तब्दील होने लगी थी।      Traffic diversion से बढ़ा दबाव


आईवीआरआई रोड पर ट्रैफिक का दबाव रहता है। 2 साल पहले हुए ट्रैफिक डायवर्जन के बाद से, दिल्ली से रामपुर होकर आने वाला ट्रैफिक चौपुला से आईवीआरआई रोड होते हुए सैटेलाइट पर निकलता है। इस डायवर्जन से आईवीआरआई रोड पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ा है। फिर नगर निगम इस रोड की पैच रिपयेरिंग करवाता है जबकि होना तो ये चाहिए कि हाटमिक्स से फिर से रोड बनाई जाए।  सड़क पर सीवर का पानी  

डॉ। आईएस तोमर ने पिछले कार्यकाल में आईवीआरआई रोड को दुरुस्त रखने के लिए कवायद शुरू की थी। उन्होंने रोड के किनारे नाले की खुदाई की थी ताकि पानी की निकासी हो सके। मगर लापरवाह प्रवृत्ति के चलते ये पहल अपना रंग नहीं दिखा सकी। ब्रांच रोड के रेजिडेंट्स ने एनक्रोचमेंट करके नाला ही गायब कर दिया। रिजल्ट ये हुआ कि कॉलोनियों के चोक सीवरेज का पानी रोड पर 12 महीने बहता है।Commission का खेल सोर्सेज बताते हैं कि इस रोड की पैच रिपेयरिंग का काम बार-बार होने की एक वजह कमीशनबाजी का खेल भी है। ठेकेदार से लगाकर सभी का निर्माण कार्यों में कमीशन सेट होता है। लास्ट टाइम हुए निर्माण कार्यों का जायजा लेने तत्कालीन नगर आयुक्त अहमद अबरार सहित कई आला अधिकारी मौके पर तो गए, मगर मैटीरियल की क्वालिटी की जांच की जहमत नहीं उठाई। मैंने शहरवासियों को रिंग रोड देने का वादा किया था। इसी क्रम में इस रोड को फोर लेन होना है। मगर प्रोसेस में टाइम लगना है, इसलिए इस रोड को ठीक करने के लिए हमने टेंडर दिया है। इस रोड के दोनों तरफ के नालों पर पहले से कंस्ट्रक्शन करवाया जा रहा है। -डॉ। आईएस तोमर, मेयर

Posted By: Inextlive