नए केस बढऩे के साथ ही तीन नए सेंटर्स भी किए गए स्थापित. शासन के तमाम प्रयास के बाद भी नहीं हो पा रहा कंट्रोल

बरेली(ब्यूरो)। सरकार की ओर से एचआईवी को रोकने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद एचआईवी के नए मामलों की संख्या मंडल में तेजी से बढ़ रही है। 19 मई तक 182 एचआईवी पॉजिटिव चिह्नित हो चुके हैैं, जिनमें मेल की संख्या फीमेल से अधिक है। बीते साल 418 पॉजिटिव केस चिह्नित किए गए थे। यह स्थिति तब है, जब इसे कंट्रोल करने के लिए बड़े स्तर पर सरकारी प्रयास जारी हैं।

2022 में 182 नए मामले
वर्ष 2022 में अब तक एचआईवी के 182 नए मामले आ चुके हैैं। वर्ष 2012 से जनवरी तक चिह्नित ऐसे लोगों की संख्या 4149 थी। वर्ष 2022 में चिह्नित पॉजिटिव्स में एक विदेशी भी शामिल है।

22 आईसीटीसी सेंटर
मंडल में इंटीग्रेटिड काउंसलिंग व टेस्टिंग सेंटर्स की संख्या 22 है, जिनमें तिलहर व पूरनपुर के सेंटर भी शामिल हैैं। वहीं बरेली में सेंटर्स की संख्या आठ है।

मेल पॉजिटिव्स हुए डबल
एड्स पॉजिटिव की कुल संख्या में पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक है। वर्ष 2012 से जनवरी तक चिह्नित 4149 संक्रमितों में महिलाओं की संख्या 1355 थी तो पुरुषों की संख्या 2773 थी। इसके साथ ही वर्ष 2022 में अब तक पॉजिटिव होने वालों में मेल की संख्या अधिक है। मार्च 2021 से अप्रैल 2022 तक 94 पेशेंट्स ऐसे मिले हैैं जो टीबी व एचआईवी दोनों से संक्रमित हुए हैैं।

एआरटी सेंटर बने वरदान
एचआईवी को लेकर लोगों को अवेयर करने के लिए ही हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर नाको की ओर से लोगों को बचाव के उपायों और इसके ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को जीवन भर दवा का सेवन करना पड़ता है। बरेली एआरटी सेंटर से वर्तमान में 4149 से अधिक संक्रमित ट्रीटमेंट ले रहे हैं। ये लोग यहां से दवा ले जाते हैं और उसका नियमित सेवन करते हैं।

क्या है एचआईवी
एचआईवी एक वायरस है। जब इस वायरस की एंट्री किसी भी तरह से ह्यूमन बॉडी में हो जाती है तो एड्स का जन्म हो जाता है। इस में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती चली जाती है और शरीर कमजोर होने लगता है। ट्रीटमेंट नहीं लेने पर यह जानलेवा बन जाता है।

ब्लड डोनेशन पर होती है जांच
रक्तदान करने पर पांच तरह की जांचें की जाती हैैं, जिनमें एचआईवी टेस्ट भी शामिल है। इन सभी जा्रंचों के बाद ही ब्लड बैंक से डोनेटर का ब्लड किसी जरूरतमंद को उपलब्ध करवाया जाता है। जांच के दौरान अगर ब्लड में इसका वायरस मिलता है तो ब्लड डोनर को इंफॉर्म किया जाता है। इसके बाद उसे जिले के एआरटी सेंटर भेज दिया जाता है। वहां से उसका ट्रीटमेंट शुरू हो जाता है।

फैक्ट एंड फिगर
182 मामले वर्ष 2022 में
33 जनवरी में
35 फरवरी में
49 मार्च में
41 अप्रैल में
24 मामले 19 मई तक
4149 जनवरी 2012 से जनवरी 2022 तक
1355 महिलाएं
2773 पुरुष
184 बच्चे
21 ट्रांसजेंडर

Posted By: Inextlive