1000 करोड़ से मंडल में लगेंगे 17 लाख 4 जी स्मार्ट मीटर
फैक्ट एंड फिगर
1000 करोड़ का बजट हुआ पास
17 लाख फोर जी स्मार्ट मीटर मंडल में लगेंगे
5.20 लाख मीटर बरेली जनपद में
4.10 लाख मीटर पीलीभीत में
4.70 लाख मीटर बदायूं में
3 लाख मीटर शाहजांहपुर में
54 हजार मीटर फस्र्ट फेज में किए जाएंगे रिप्लेस यह होगा लाभ
मीटर से नहीं कर सकेंगे छेड़छाड़
महीना पूरा होने से पहले भरना होगा बिल
जरूरत के हिसाब से कर सकेंगे बिजली खर्च
बिजली चोरी पर लगेगी लगाम
मीटर रीडर भी नहीं सेट कर सकेंगे मीटर
कटिया कनेक्शन से भी मिलेगी मुिक्त
पोस्टपेड व प्रीपेड सिस्टम से घर पर ही कर सकेंगे रिचार्ज
बरेली(ब्यूरो)। बदलते समय के साथ हर क्षेत्र एडवांस हो रहा है। इसे देखते हुए विद्युत विभाग भी पूरी तरह एडवांस होने की राह पर है। मीटिंग से लेकर पेपर वर्क हो या ऑफिस वर्क सभी काम ऑनलाइन हो गएं हैं। ऐसे में लोगों के घरों में लगने वाले मीटर भी एडवांस होंगे, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना नही होगी। इसके लिए शासन की तरफ से 1000 करोड़ के बजट से17 लाख फोर जी स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी विद्युत विभाग कर चुका है। इन मीटर्स को पूरे मंडल में लगाया जाना है। यह काम अक्टूबर में शुरू कर दिया जाएगा। फस्र्ट फेज में पहले से लगे 54 हजार थ्री जी मीटर्स को रिप्लेस किया जाएगा। मीटर से प्रीपेड और पोस्टपेड सिस्टम की सुविधा भी होगी। इसके साथ ही बिजली चोरी पर भी लगाम लग सकेगी।
क्या है फोर जी मीटरआप सोच रहे होंगे कि फोर जी मीटर लगाने का फैसला क्यों लिया गया है। ऐसा इसलिए है कि ये मीटर बिल्कुल फोन के पोस्डपेड प्लान की तरह काम करने वाला है। मीटर लगने के बाद आप एक फिक्स सम के लिए फिक्स कैपेसिटी और फिक्स यूनिट की योजना को रिचार्ज कर सकेंगे। सबसे बड़ी राहत यह है कि हर महीने बिजली बिल भरने के झंझट से भी निजात मिल सकेगी। यह मीटर पूरी तरह एडवांस होगा।
बिजली चोरी पर लगेगी लगाम
सामान्य मीटर से लोगों को बिजली चोरी करने में आसानी होती है। वर्तमान में शहर हो या गांव लोग चोरी करने से बाज नहीं आते। कभी-कभी तो ऐसा देखने को मिलता है कि जो लोग मीटर रीडिंग करने आते हैं, वे भी कंज्यूमर से सेटिंग कर मीटर को सेट कर देते हैं, जिससे बिजली चोरी करने में आसानी होती है। इसके अलावा घरों में लोग कटिया लगाकर चोरी की जाती है। इस सब पर अब पूरी तरह से लगाम लग सकेगी।
फोर जी मीटर लगने से आम जनता को बहुत फायदा होगा। क्योंकि ये प्रीपेड मीटर हैं। जितनी भी बिजली कंज्यूमर खर्च करेगा। उतना ही बिल उसे भरना होगा। बिजली की चोरी रोकने में भी आसानी होगी।
विकास सिंघल, अधीक्षण अभियंता