भोर में निकाला गया सरकार मीर साहब की ओर से जुलूस


प्रयागराज ब्यूरो ।अन्जुमन नकविया दरियाबाद की ओर से दरगाह हजऱत अब्बास में असीराने करबला की याद में तरहई शब्बेदारी व जुलूसे अज़ा में रात भर नौहों व मातम की सदाएं गूंजी तो भोर में सरकार मीर साहब से जुलूस निकाला गया जो दरगाह हजऱत अब्बास पहुंचा जहां दर्दअंगेज़ मंजऱकशी की गई और अलम ताबूत व ज़ुलजनाह की रंगीन लाईट के बीच लोबान की धूनी में जिय़ारत कराई गई। अन्जुमन नक़विया के सरपरस्त हसन नक़वी कन्वीनर रौनक सफीपुरी ,अली आला जैदी की मौजूदगी में रियाज मिर्जा व शुजा मिजऱ्ा ने पुरदर्द मर्सिया पढ़ा। 72 शहीदों को पुरसा पेश किय


सुल्तानपुर के मौलाना हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मुशीर अब्बास की तकरीर से मजलिस का आगाज हुआ। मौलाना आमिरुर रिजवी ने अन्तिम मजलिस को खिताब किया। अनीस जायसी के संचालन में सिलसिलेवार शहर व बाहरी शहरों की मातमी अन्जुमनो ने नौहों व मातम से पूरी रात शोहदाए करबला व असीराने करबला की शहादत को याद किया। नकविया खुर्द ने सबसे पहले नौहों और मातम का नजराना पेश किया। अन्जुमन आबिदया फैजाबाद, अन्जुमन दस्ता ए मासूमिया घोसी मऊ, अन्जुमन पैगामे हुसैनी बनारस, अन्जुमन जाफरी जौनपुर, अन्जुमन हुसैनिया जलालपुर, अन्जुमन असगरिया दरियाबाद, अन्जुमन हुसैनिया कदीम दरियाबाद, अन्जुमन शब्बीरिया रानीमंडी ने सिलसिलेवार नौहा पढ़ा। अन्जुमन नकविया के नौहाख्वान शबी हसन शाहरुख ने मकसूस अन्दाज नौहा पढ़ते हुए जनाबे सैय्यदाह को उनके लाल हुसैन व इक्हत्तर शहीदों का पुरसा पेश किया। सभी मातमी अन्जुमनो ने रौनक सफीपुरी के मिसरे तरहा ज़ुल्म हैरान है जैनब का इरादा क्या है पर अपने अपने कलाम से जहां दाद बटोरी। गमगीन नौहों पर अकीदतमन्द सिसकियां ले कर करबला के बहत्तर शहीदों पर आंसू भी बहाते रहे। शब्बेदारी में हसन नकवी, सिब्ते रिजवी, हमूद रिजवी, गौहर काजमी, हसनैन मुस्तफाबादी, जफर अब्बास जाफरी, नायाब बलियावी, यहिया आब्दी, वसीउल हसन रिजवी, शबीह आब्दी, अरशद हुसैन जैदी, सैय्यद नसीम हैदर, अब्बन नकवी, जिब्रान रिजवी, साजिद हुसैन, शुजात रिजवी, मोहम्मद बाकर, अब्बास हैदर नकवी, ताहिर हुसैन, नासिर जैदी, सुल्तान आब्दी, मोहम्मद अकबर, शानू नकवी, शहान जैदी आदि शामिल रहे।

ऐतिहासिक बहत्तर ताबूत का जुलूस


इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब दरियाबाद से रविवार 10 सितम्बर को दिन में 10 बजे अन्जुमन खुद्दामे मोजिजऩुमा के अध्यक्ष एडवोकेट रजा हसनैन व संचालक नजीब इलाहाबादी उपाध्यक्ष सैय्यद अजादार हुसैन की देखरेख में ऐतिहासिक बहत्तर ताबूत का जुलूस निकाला जाएगा। अन्जुमन खुद्दामे मोजिजनुमा के मीडिया सह डायरेक्टर सैय्यद मोहम्मद के अनुसार 72 ताबूत एक एक कर जुलूस की शक्ल में दरियाबाद कब्रिस्तान में बने इमाम हुसैन के रौजे के पास विशाल गड्ढे (गंजे शहीदां) में नम आंखों से सुपुर्द-ए-खाक किया जायगा। शहर व बाहर की कई अन्जुमने इसमें शिरकत करेंगी। अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया बख्शी बाजार अपने 450 सदस्यों के साथ पूर्व की भांति इस वर्ष भी हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के ताबूत को लेकर दफ्न ए शोहदाए करबला में शरीक होगी। अन्जुमन नकविया कैदखाना ए शाम का मंजर तो अन्जुमन मोहाफिजे अजा कदीम गहवारा ए अली असगर के साथ बहत्तर ताबूत के जुलूस में शामिल होगी।

Posted By: Inextlive