जानसेनगंज चौराहे पर गरजा बुल्डोजर
-चौराहे के आस पास की दुकानों और मकानों में तोड़फोड़
-जानसेनगंज चौराहे पर चौड़ीकरण को लेकर एडीए ने की कार्रवाई ALLAHABAD: शहर में सड़क और चौराहों के चौड़ी करण का कार्य हर तरफ चल रहा है। कई स्थानों पर सड़क और चौराहों के चौड़ी करण के दायरे में आने वाले भवनों के कुछ हिस्सों को तोड़ने की कार्रवाई एडीए की तरफ से की जा रही है। शुक्रवार को जानसेनगंज चौराहा के आस पास भी ध्वस्तीकरण का कार्य किया गया। इस दौरान जानसेनगंज चौराहे पर स्थित करीब 150 साल पुरानी जर्जर बिल्डिंग का कुछ हिस्सा एडीए के अधिकारियों व पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में तोड़ा गया। तोड़फोड़ के दौरान भारी संख्या में पुलिस और ट्रैफिक के सिपाही मौजूद रहे। जिससे किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो सके। दो दिन की मिली मोहलतएडीए के तोड़ू दस्ते के पहुंचते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। हालांकि एडीए के अधिकारियों का कहना है कि पहले ही चौराहा चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले भवन के मालिकों को नोटिस जारी कर दी गई थी।
-शुक्रवार को तोड़फोड़ के दौरान जानसेनगंज से घंटाघर की ओर जाने वाले मार्ग को ब्लॉक कर दिया गया था।150 साल पुरानी बिल्डिंग में तोड़फोड़ शुरू होते ही उसके अगल-बगल चौड़ी करण में आने वाले भवनों के मालिकों खुद से ही तोड़फोड़ शुरू करा दिया।
-रामजानकी मंदिर के बारजे और उसके गलियारे में भी तोड़फोड़ की गई। -कई भवनों के मालिक ने दो दिन का समय मांगा। जिसके बाद तोड़फोड़ को रोक दिया गया। इतिहास का कोई वारिस नहीं 150 सौ साल पुरानी बिल्डिंग के कुछ हिस्से टूटने के बाद वह बेहद जर्जर हो गया है। ऐसे में अधिकारी उसे रात में गिराने की बात कह रहे है। जिससे कोई हादसा ना हो सके। हालांकि बिल्डिंग के मालिक को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी। एडीए के अधिकारियों का कहना है कि बिल्डिंग करीब 150 साल पुरानी है। उसके वारिस के बारे में जानकारी नहीं हो सकी है। मौजूद रहे अधिकारी एडीए की कार्रवाई के दौरान एडीए सचिव गंगाराम गुप्ता, सीओ प्रथम, सिटी मजिस्ट्रेट समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वहीं 150 साल पुरानी बिल्डिंग के मालिकाना हक को लेकर पूर्व सांसद अतीक अहमद का नाम भी सामने आ रहा था। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी।चौराहा चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले भवनों का कुछ हिस्सा तोड़ा जाना है। चौराहे पर 150 साल पुरानी बिल्डिंग भी है। उनका कोई वारिस नहीं है। दो दिन का समय दिया गया है। उसके बाद कार्रवाई होगी।
जेआर मौर्या जोनल अधिकारी, एडीए