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स्टीमर है बोट क्लब के पास

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पैडल बोड भी बोट क्लब से उठा सकते हैं लुत्फ

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चालक पीडीए द्वारा तैनात हैं बोट ड्राइव के लिए

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चालक परमानेंट, तीन संविदा पर हैं तैनात

300

रुपये हर महीने फीस देकर सीख सकते हैं बोट ड्राविंग

40

युवक ले रहे हैं यहां बोट रेस की ट्रेनिंग

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: दिल में भविष्य संवारने की चाहत है तो युवाओं के लिए बोटिंग एक बड़ा प्लेटफार्म है। बोट ड्राइव की ट्रेनिंग लेकर दुनिया में नाम रोशन कर सकते हैं। यह एक ऐसा फन है जिसके जरिए नौकरी पाने के चांस भी बढ़ जाते हैं।

बशर्ते इसके लिए पानी में लगन के साथ पसीना बहाना पड़ेगा। यह सब सीखने के लिए कहीं परेशान होने की जरूरत नहीं है। मात्र 300 रुपये हर महीने की फीस में बोट क्लब आप को तराश कर नेशन प्लेयर बना सकता है। मौजूदा समय में यहां चार दर्जन युवा बोटिंग में भविष्य तलाशने की जुगत में लगे हैं। आप निर्धारित शुल्क अदा करके यमुना में सुरक्षित तरीके से बोटिंग का मजा भी उठा सकते हैं।

जल पुलिस भर्ती में शानदार लाभ

बोट क्लब के पास ट्रेनिंग देने के लिए पर्याप्त व सुरक्षित बोट मौजूद हैं। यहां दो तरह के खिलाड़ी तैयार किए जाते हैं। इसमें पहला कैनोइंग व दूसरा ड्रैगन बोट शामिल हैं। दोनों ही विधा में काफी अंतर है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद प्लेयर को क्लब द्वारा बोट रेस में शामिल किया जाता है। अच्छे प्लेयर जनपद से लेकर प्रदेश व इंटर नेशन तक जीत का झण्डा गाड़कर नाम कमा सकते हैं। बोट रेस के अपने कुछ नियम कायदे भी होते हैं। ट्रेनिंग के दौरान यह सब कुछ प्रशिक्षक द्वारा बताए जाते हैं। नेशन या इंटर नेशन गेम में प्रतिभाग के बाद प्लेयर को सरकारी नौकरी में काफी इमदाद मिलती है। बताते हैं कि बोट रेसर के लिए तमाम जगह निकलती रहती है। कभी ट्रेनर के रूप में तो कभी नेवी या जल पुलिस में। यदि प्लेयर बढि़या है तो वह सीधे इस भर्ती में प्रतिभाग कर सकता है।

यहां बोटिंग का उठाएं सुरक्षित लुत्फ

यमुना में बोटिंग का लुत्फ उठाने के लिए आम तौर पर लोग साधारण बोट का सहारा लेते हैं।

मगर यह तरीका काफी खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि बोट चलाने वाले नाविक अनुभवी जरूर होते हैं पर प्रशिक्षित नहीं है।

जबकि बोट क्लब से मोटर बोट या पैडल बोट बुक करने पर सेफ बेटिंग सुविधा मिलती है।

बताते हैं कि क्लब के पास ऐसे लाइफ जैकेट हैं जिसे पहने रहने पर व्यक्ति पानी में कभी डूब नहीं सकता।

यह जैकेट 90 किलो वजन तक के व्यक्ति को पानी में डूबने से बचाने में सक्षम होती है।

बोट क्लब से मोटर बोट या पैडल बोट को बुक करने पर प्रशिक्षित चालक भी मिलते हैं।

यह चालक पानी के बहाव और हवा के रुख को भांप कर सुरक्षित तरीके से बोट ड्राइव करने में माहिर बताए जाते हैं।

मीटर में होती है बोट की रेस

क्याकिन/कैनोइन बोट ड्रैगन बोट

200 मीटर 200 मीटर

500 मीटर 500 मीटर

1000 मीटर 2000 मीटर

ऐसे होती है बोट की रेस

रेस के दौरान बाकायदे गुब्बारे धागे में बांध कर एक से दूसरे बोट की दूरी लेन बनाकर निर्धारित की जाती है। कहते हैं कि बोट रेस के समय एक लेन की दूसरे लेन से दूरी करीब 7 से 9 मीटर की होती है। रेस में एक साथ सात बोट हिस्सा लेती हैं। रेस के वक्त ड्रैगन बोट में कुल बारह प्लेयर सवार होते हैं। इसमें एक पीछे से बोट को साधता है ताकि बोट सीधी चले। जबकि दूसरे छोर पर बैठा प्लेयर बोट चला रहे प्लेयर का जोश बढ़ाने के लिए ड्रम बजाता है। जबकि क्याकिन/कैनोइंग के रेस में एक बोट पर एक ही प्लेयर होता है। जो खुद इस बोट को पानी में बढ़ा कर रेस लगाता है। रेस शुरू होते ही पीछे-पीछे मोटर बोट में तमाम अधिकारी व तैराक भी मौजूद होते हैं।

गेम तो कई हैं, मगर वह काफी खर्चीले होते हैं। जिनका खर्च वहन कर पाना साधारण परिवार के बस की बात नहीं होती। बोटिंग की ट्रेनिंग कम पैसे में व अच्छी होती है। थोड़ी से मेहनत में सफलता भी अच्छी मिल जाती है।

अर्जुन, प्लेयर बोट क्लब

गेम तो गेम होता है, रुचि की बात है। कोई गेम में कुछ करना चाहता है और महंगे खेल नहीं सीख पा रहा तो उसे बोटिंग की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। ट्रेनर के बताए मार्ग पर यदि प्लेयर ध्यान देते रहें तो उन्हें नेशनल तक पहुंचने में देर नहीं लगती।

हिमांशु भारतीय, प्लेयर बोट क्लब

बोटिंग रेस की तैयारी अन्य खेलों की तुलना में काफी सस्ती है। एक से एक गेम हैं जिसमें खिलाड़ी को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। फिर भी नेशनल तक पहुंचने में आशंका बनी ही रहती है।

अखिल शर्मा, प्लेयर बोट क्लब

बोट रेस में हिस्सा लेने के लिए कुशल ट्रेनर से प्रशिक्षण बहुत जरूरी है। बोट क्लब में प्रशिक्षण की सारी सुविधा के साथ अच्छी ट्रेनिंग भी दी जाती है। मेरी समझ से गरीब परिवार के बच्चों को इस फील्ड में ट्राई करना चाहिए।

मानस निषाद, प्लेयर बोट क्लब

पहली चीज तो यह कि बोटिंग और तैराकी सब को आनी चाहिए। बोट रेस की ट्रेनिंग के जरिए भविष्य भी बनाया जा सकता है। हमारे बोट क्लब से ट्रेनिंग लेकर नेशन व इंटर नेशन खेलने वाले कई प्लेयर नौकरी पा चुके हैं।

दीपांशु भारतीय, प्लेयर बोट क्लब

अपनी-अपनी रुचि की बात है। दिलचस्पी है तो बोट रेस की तैयारी से बेहतर कुछ कोई गेम नहीं है। यह ऐसा गेम है जिसमें टाइम किल कम होता है। कम समय में मेहनत कश प्लेयर अच्छी उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं।

हर्ष जायसवाल, प्लेयर बोट क्लब

इन कुछ वर्षो में मीडियम क्लास के परिवारों के बच्चों में बोट रेसर बनने की चाहत बढ़ी है। करीब 40 युवा मौजूदा समय में ट्रेनिंग ले रहे हैं। प्रति दिन सुबह शाम उन्हें यमुना में ट्रेनिंग दी जाती है।

त्रिभुवन निषाद, जल क्रीड़ा प्रशिक्षक बोट क्लब

Posted By: Inextlive