युवा मंच की मांग, संशोधित हो लेखपाल भर्ती का परिणाम
प्रयागराज (ब्यूराे)।लेखपाल भर्ती परीक्षा परिणाम बुधवार को सोशल मीडिया में चर्चा में रहा। इस मुद्दे पर प्रदेश के पूर्व मुंख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ट्वीट ने माहौल को और गरम कर दिया है। ट्वीट के अनुसार एक महिला अभ्यर्थी जिसे पुलिस द्वारा परीक्षा के दौरान रंगे हाथ पकड़ा गया था उसका चयन डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए हो गया है। संयोग से यह प्रयागराज की ही है। सपा प्रमुख के ट्वीट के बाद इस मुद्दे पर अधीनस्थ सेवा आयोग की तरफ से क्लीयरीफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। लेकिन, इसे युवा मंच ने धांधली पर पर्दा डालने की कोशिश करार दिया है। जीरो टालरेंस नीति के विपरीत
युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि, आयोग का यह कहना कि अभी फाईनल रिजल्ट जारी नहीं किया गया है, उससे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन लिस्ट में एसटीएफ व पुलिस द्वारा धांधली व नकल में संलिप्त पाये अभ्यर्थियों का नाम शामिल ही कैसे हो गया? श्री सचान ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर संशोधित परिणाम जारी करने का मांग उठाई है। कहा कि एसटीएफ ने 15 हजार अभ्यर्थियों को संदिग्ध धांधली में संलिप्तता के मामले में संदिग्ध बताया था। एसटीएफ फाईनल जांच रिपोर्ट में जिन अभ्यर्थियों को धांधली व नकल करने के मामले में संलिप्तता पायी गयी हो और पुलिस द्वारा जिन्हें परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़ा गया उन्हें डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन लिस्ट से बाहर किया जाना चाहिए। धांधली के आरोपों की पुष्टियुवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि जो अभ्यर्थी पुलिस द्वारा परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़े गए थे, उनका डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए चयन हैरान करने वाला है। यह उत्तर प्रदेश सरकार के चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति के दावों के विपरीत है। परीक्षा परिणाम से अभ्यर्थियों और एसटीएफ द्वारा धांधली के लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई है और मुख्यमंत्री व उत्तर प्रदेश सरकार की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के दावों की असलियत भी उजागर हो गई है। कहाकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चयन प्रक्रिया भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति प्रोपेगैंडा है। आरोप लगाया जमीनी हकीकत को 68500, 69000 शिक्षक भर्ती, एलटी भर्ती, यूपी एस आई आदि में भी रिकॉर्ड धांधली में पारदर्शिता के दावों की सच्चाई को देखा जा चुका है।