जिंदगी की जंग हार गए युवा और किशोर
प्रयागराज (ब्यूरो)। एक कारोबारी और एक किशोर ने जिंदगी की जंग के आगे अपने घुटने टेक दिए। दोनों घटनाएं अलग-अलग थाना क्षेत्र की हैं। कारोबारी ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी तो किशोर भी फांसी के फंदे पर झूल गया। दोनों ही मामले में उनके घरवाले पुलिस को घटना का कुछ स्पष्ट कारण नहीं बता सके।
अनाथ हो गए पत्नी, बच्चे
अतरसुइया रानी मंडी के रहने वाले प्रवीण केसरवानी अपने साढ़ू अजय केसरवानी के साथ मिलकर ई रिक्शा की बैटरी सप्लाई का काम करते थे। घर में पत्नी वंदना केसरवानी और दो बेटे वेदांत और वैदिक हैं। रोज की तरह वह रात में घर लौटे। खाना खाने के बाद वह कमरे में सोने चले गए। प्रवीण का बड़ा बेटा वेदांत दिल्ली गया था। सोमवार सुबह वह दिल्ली से लौटा। घर के अंदर सभी सो रहे थे। उसने गेट खटखटाया तो मां ने दरवाजा खोला। प्रवीण दूसरे कमरे में सोए थे। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो वेदांत ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा अंदर से बंद नहीं था। दरवाजा खुला तो वेदांत चीख पड़ा। कमरे के अंदर पंखे से बंधे गमछे से प्रवीण लटक रहे थे। शोर सुनकर पड़ोसी आ गए। पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस के अनुसार घरवाले घटना का स्पष्ट कारण नहीं बता सके। घटना से पत्नी और दोनों बेटों का रो-रोकर बुरा हाल है।
करेली थाना क्षेत्र के करेलाबाग हिंदू चौराहा के रहने वाले सनी हेला का कुछ दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था। सनी का एसआरएन अस्पताल में उपचार चल रहा है। सनी का दो मकान है। एक मकान में पूरा परिवार रहता है। जबकि दूसरे मकान में उसका बेटा संजय हेला (17) रहता था। परिवार के लोग सनी के पास एसआरएन अस्पताल में थे। सोमवार बड़े भाई कुलदीप ने संजय को कई बार फोन किया, मगर उसका फोन नहीं उठा। इस पर वह अस्पताल से सीधे संजय के पास पहुंचा। अंदर जाने पर वह चिल्लाने लगा। संजय दरवाजे की ग्रील से फांसी के फंदे पर लटक रहा था। संजय वेटर का काम करता था। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस के मुताबिक घरवाले घटना का कोई कारण नहीं बता सके।