आक्सीजन मिल जाएगी, सिलेंडर खुद लेकर आइये
लोगों ने घर में आक्सीजन सिलेंडर कर लिया है डंप
मार्केट में है क्राइसिस, नए मरीजों को हो रही है दिक्कत कोरोना की दूसरी लहर में लोग इतना डर गए हैं कि उन्होंने आक्सीजन सिलेंडर घर में स्टोर कराना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से दूसरों को दिक्कत पेश आ रही है। वर्तमान में हजारों की संख्या में आक्सीजन सिलेंडर लोगों के घर में है। अगर यह मार्केट में नहीं आए तो बहुत से लोग आक्सीजन की कमी से अपनी जान भी गवां सकते हैं। इतनी सी बात लोगों के समझ से बाहर है। लोगों को भविष्य का आने वाला खतरा सता रहा है। यह स्थिति तब है जबकि इस समय आक्सीजन की कमी काफी हद तक दूर हो चुकी है। लेते गए और डंप करते गएमार्च के लास्ट में अचानक कोरेाना के मामले बढ़ने शुरू हुए तभी लोगों ने आक्सीजन सिलेंडर खरीदना शुरू कर दिया। एक-एक सिलेंडर से दस से बीस हजार के बीच लोगों ने लिया। तमाम मरीजों को आक्सीजन की कमी होने की वजह से अचानक सिलेंडर की डिमांड बढ गई। हजारों की संख्या में सिलेंडर खरीदने के बाद लोगों ने इसे मार्केट में वापस नहीं किया। इसके चलते स्थिति भयावह होती चली गयी। मार्केट मे अब नए सिलेंडर बडी मुश्किल से मिल रहे हैं। यह स्थिति बड़े खतरे का संकेत भी है क्योंकि सेकंड स्ट्रेन में यह फैक्ट भी पता चला है कि एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट निगेटिव है और पेशेंट का आक्सीजन लेवल अचानक से नीचे चला जा रहा है। सिटी स्कैन से ही यह डाइग्नोस हो पा रहा है कि पेशेंट कोविड पॉजिटिव है। ऐसे पेशेंट्स के लिए आक्सीजन की तत्काल जरूरत होती है। कोविड पॉजिटिव की रिपोर्ट न होने से ऐसे पेशेंट को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती भी नहीं किया जा सकता।
फिलहाल पर्याप्त है आक्सीजन शहर में इस समय आक्सीजन की आपूíत पर्याप्त मात्रा में हो रही है। रोजाना लगभग छह हजार सिलेंडर आक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। प्लांट ओनर विधायक हर्ष बाजपेई का कहना है कि अगर सिलेंडर अधिक हो तो उसे भी रिफिल करने की क्षमता हमारे पास है। मार्केट में अब सिलेडर खत्म हो चुके हैं। इनका निर्माण शुरू हो जाए तो बहुत से मरीजों की समस्या का हल हो सकता है। बीपीसीएल को मिली है जिम्मेदारीनैनी स्थित भारत पंप एंड कम्प्रेसर लिमिटेड को नए सिलेंडर तैयार करने की जिम्मेदारी प्रशासन ने दी है। यहां सिलेंडर निर्माण का कार्य शुरू भी हो चुका है। पहली खेप में प्रयागराज को ढाई हजार सिलेंडर मिलेंगे। इससे काफी हद तक क्राइसिस कम होगी। इस समय शहर में कुल पांच प्लांट हैं जो आक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं। इकसे अलावा रोजाना जमशेदपुर प्लांट से एक टैंकर लिक्विड आक्सीजन प्रयागराज आ रही है।
सिलेंडर की इस समय क्राइसिस मची हुई है। शहर में मुश्किल से सिलेंडर मिल रहे हैं। लोगों को चाहिए कि वह यूज हो चुके सिलेंडर को शॉप पर वापस कर दें जिससे जरूरत पडने पर वह दूसरे मरीजों को रिपिफल कर उपलब्ध कराए जा सकें। इससे सिलेंडर की कालाबाजारी पर भी लगाम लगेगी। गोविंद गुप्ता डग इंस्पेक्टर प्रयागराज