कितने खामोश नजर आते हो
प्रयागराज ब्यूरो ।हिन्दुस्तानी एकेडेमी एवं हंसवाहिनी अखिल भारतीय साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक व शैक्षिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में सुब्रमण्यम भारती के शताब्दी वर्ष पर 'भारतीय भाषा उत्सवÓ के तहत हिन्दुस्तानी एकेडेमी में संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।प्रथम सत्र में 'राष्ट्रीय एकता में सुब्रमण्यम भारती का योगदानÓ विषयक सगोष्ठी की अध्यक्षता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो विनय कुमार सिंह, वक्ता के रूप में प्रो। राम पाल गंगवार, हिन्दी विभाग, बाबा साहेब भीमरॉव अम्बडेकर यूनिवर्सिटी लखनऊ तथा रविनंदन सिंह वरिष्ठ साहित्यकार ने प्रतिभाग किया।
प्यार का रंग फिजा में बिखर जायेगा
वक्ताओं ने कहा कि अनेकता में एकता की संस्कृति को मजबूत करता है सुब्रमण्यम भारती का साहित्य। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उमेश चन्द्र गणेश केशरवानी महापौर प्रयागराज उपस्थित रहें। विशिष्ठ अतिथि के रूप में डॉक्टर सुशील कुमार सिन्हा, सादिक हसन कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कमलेश राजहंस सोनभद्र एवं संचालन डॉ। आभा मधुर प्रयागराज ने किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ रांची झारखंड से पधारी कवियत्री मीना बंधन ने वाणी वंदना के साथ किया.उन्होंने अपनी रचना पढ़ी।
कितने खामोश नजर आते हो, दिल के हर जख्म को छुपाते हो, खूब वादे तुम्हारे हैं हमदम, सारे वादे मगर भुलाने हो। प्रतापगढ़ से आमंत्रित रचनाकार हर्ष बहादुर सिंह,ने अपनी रचनाओं से लोगो में जोश भर डाला। घर घर से अफजल निकलेंगे तो हम क्या चुप धारेंगे।हम राणा के वंशज हैं हम घर मे घुस कर मारेंगे, हेमा पाण्डेय, लखनऊ, से पधारी कवियत्री ने अपनी रचनाओं से लोगो का दिल जीत लिया। प्यार का रंग फिजा में बिखर जायेगा, चांदनी में नहाकर निखर जाएगा, प्रेम में मेरे शक्ति है भक्ति भी है, चांद खिड़की पे मेरी उतर जाएगा। आशीष आनंद, बाराबंकी ने अपनी हास्य व्यंग की कविताओं से श्रोताओं को आह्लादित कर डाला। ऐसा नहीं मिला कभी वैसा नहीं मिला, फिर इश्क़ बाद उसके जैसा नहीं मिला, उपहार में मिली है मुझे पर्स कई बार, लेकिन किसी पर्स में पैसा नहीं मिला।कार्यक्रम संयोजक प्रख्यात गीतकार शैलेन्द्र मधुर, प्रयागराज, ने अपने गीतों से लोगो का दिल जीत लिया। यह सबक सबको हमेशा याद होना चाहिए, मिल का पत्थर नहीं बुनियाद होना चाहिए, राधा शुक्ला, प्रयागराज, योगेश झमाझम, प्रयागराज, काव्य पाठ कर लोगों को आह्लादित कर डाला। कार्यक्रम में कुश श्रीवास्तव, गोपाल पांडे, सुनील, जोतिर्मयी श्रीवास्तव, पिंडी वासा, डॉक्टर शांति चौधरी समेत शहर के अन्य गणमान्य मौजूद रहे।